Silver Screen: जोड़ियों से हमेशा जगमगाता रहा सिनेमा का परदा! 

818

Silver Screen: जोड़ियों से हमेशा जगमगाता रहा सिनेमा का परदा! 

फिल्मों में जोड़ियों का अपना इतिहास रहा है। दर्शकों को भी ये जोड़ियां इतनी पसंद आती है, कि वे इनकी फ़िल्में नहीं छोड़ते। फिल्म बनाने वाले भी दर्शकों की रूचि का ध्यान रखते हुए अपनी फिल्मों में बार-बार इन्हीं जोड़ियों को आजमाते रहे हैं। दिलीप कुमार-वैजंतीमाला और दिलीप कुमार-मधुबाला से लगाकर धर्मेंद्र-हेमा मालिनी, राजेश खन्ना-शर्मीला टैगोर और गोविंदा-करिश्मा कपूर तक की जोड़ी ने कई हिट फ़िल्में दी। परदे पर जैसे ही नायक-नायिकाओं की जोड़ी हिट होती है, दर्शक उन्हें हमेशा साथ देखना चाहता है। फिल्म के परदे पर अपना जादू बिखरने वाली ऐसी कई जोड़ियां ऐसी हैं, जिन्होंने अपने निजी जीवन में भी परदे के रोमांस को जारी रखा और पति-पत्नी की जोड़ी बन गए। दूसरी तरफ कई जोड़ियाँ ऐसी हैं जिनके बारे में लोग अनुमान ही लगाते रह गए, लेकिन जीवन में उन्होंने अपना अलग साथी चुन लिया।

Silver Screen: जोड़ियों से हमेशा जगमगाता रहा सिनेमा का परदा! 

अक्षय कुमार और रवीना टंडन की भी कई फ़िल्में हिट हुई। लेकिन, लंबे अरसे से दोनों की कोई फिल्म नहीं आई। अब 19 साल बाद फिल्म ‘वेलकम-3’ में ये जोड़ी फिर दिखाई देगी। एक समय था, जब ये जोड़ी फिल्म देखने वालों की आंख का तारा थी। 90 के दशक में तो इस जोड़ी को दर्शकों का बेहद पसंद किया गया। यहां तक कि असल जिंदगी में भी दोनों एक-दूसरे का काफी नजदीक आ गए थे। इनके प्रेम के चर्चों पर भी खूब गॉसिप बनते रहे। दोनों पहली बार 1994 में फिल्म ‘मोहरा’ में साथ आए थे। इस दौरान दोनों में नजदीकियां बढ़ी और इसके चर्चे हुए। यहां तक कहा जाता रहा कि दोनों ने सगाई कर ली। लेकिन, फिर कुछ ऐसा हुआ कि दोनों के रास्ते बदल गए। दोनों के रिश्तों में ऐसी कड़वाहट घुल गई कि फिर इन दोनों को दर्शकों ने किसी फिल्म में साथ नहीं देखा। अब इतने साल बाद शायद दोनों के गिले-शिकवे दूर हो गए और वे फिर साथ काम करने के लिए तैयार हैं।

IMG 20230915 WA0111

जब भी फिल्मों की बेहतरीन जोड़ियों की बात आती है, तो पहला नाम आता है वह है राज कपूर और नर्गिस दत्त का। इन्होंने 16 फिल्में एक साथ की, जिनमें 6 फिल्में आरके बैनर ने ही बनाई थी। उस कालजयी दृश्य के बारे में तो सभी जानते हैं जिसमें ‘बरसात’ (1949) में नर्गिस राज कपूर की बाहों में आकर गिर जाती हैं। दृश्य के लिहाज से ये काफी सुंदर दृश्य उभरकर सामने आया, जिसकी खूब चर्चा हुई। इससे राज कपूर भी इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने इसे अपने बैनर ‘आरके फिल्म्स’ का प्रतीक चिह्न बना दिया। इस जोड़ी की ‘ऑन स्क्रीन कैमेस्ट्री’ देखना है, तो ‘आवारा’ का गाना दम भर जो उधर मुंह फेरे या ‘श्री 420’ का गाना ‘प्यार हुआ इकरार हुआ’ देखा जाना चाहिए। इसमें उनके अभिनय की वो ऊंचाई दिखाई देती है, जो अभिनय नहीं, बल्कि सच में दोनों प्रेमी नजर आते हैं।

IMG 20230915 WA0109

ऐसी ही एक जोड़ी वहीदा रहमान-गुरु दत्त की भी रही। ये हिंदी फिल्मों की दूसरी रूमानी जोड़ी थी। गुरु दत्त ने पहली बार ‘प्यासा’ में वहीदा रहमान के साथ काम किया। एक तरफ जहां राज कपूर और नर्गिस ने हमेशा अपने फिल्मी जीवन और वास्तविक जीवन के संबंधों को अलग अलग करके रखा, वहीं गुरु दत्त अपने रोमांस में पर्दे और वास्तविक जीवन का फर्क भुला बैठे। इस वजह से उनकी पत्नी गीता दत्त से उनका संबंध खराब हो गया और वहीदा रहमान ने भी उनसे ‘साहब बीबी और गुलाम’ (1962) के बाद खुद को अलग कर लिया। नतीजा यह हुआ कि गुरु दत्त ने एक रोज इतनी नींद की गोलियां खा ली कि 10 अक्टूबर 1964 को महज 39 साल की उम्र में उनकी मौत हो गई। दर्शकों ने पहली बार इस जोड़ी को ‘प्यासा’ में परदे पर देखा और ये हिट हो गई। इसके बाद उन्होंने कागज के फूल (1959), चौदहवीं का चाँद’ (1960) में भी इस जोड़ी ने यादगार भूमिकाएं निभाईं।

IMG 20230915 WA0108

फिल्मों की सबसे हरदिल अजीज जोड़ी मधुबाला और दिलीप कुमार को समझा जाता है। परदे पर परदे से बाहर ये दोनों कलाकार हसीन रोमांटिक जोड़ी के रूप में उभरकर सामने आए। लेकिन, अफसोस की बात ये कि इनकी जोड़ी पांच साल ही टिक पाई, फिल्मों में भी और जिंदगी में भी। इस जोड़ी ने सिर्फ चार फिल्मों में नायक और नायिका के तौर पर साथ में काम किया। ये फ़िल्में थीं तराना (1951), संग दिल (1952), अमर (1954) और मुगले आजम (1960)। लेकिन, बीआर चोपड़ा की ‘नया दौर’ (1957) से मधुबाला और दिलीप कुमार के बीच दूरियां बढ़ने लगीं। इस फिल्म में पहले बतौर नायिका मधुबाला को काम करना था। लेकिन, उन्होंने मध्य प्रदेश में होने वाली शूटिंग में भाग लेने से मना कर दिया। इस पर बीआर चोपड़ा ने उन पर केस कर दिया और मधुबाला केस हार गईं और यह खूबसूरत जोड़ी हकीकत में भी टूट गई।

IMG 20230915 WA0107

सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली जोड़ियों में धर्मेंद्र-हेमा मालिनी भी हैं। इस जोड़ी को परदे के साथ निजी जिंदगी में भी दर्शकों ने चाहा! इन्होंने करीब 28 फिल्मों में साथ काम किया। जिनमें ज्यादातर बॉक्स ऑफिस पर हिट रहीं। इनमें शराफत, राजा जानी, सीता और गीता, पत्थर और पायल, शोले, आजाद, सम्राट, और रजिया सुल्तान जैसी फ़िल्में हैं। धर्मेन्द्र और हेमा मालिनी ने परदे की दुनिया से बाहर आकर अपने रोमांस को शादी में तब्दील किया। फिल्म इंडस्ट्री की यह एक मात्र जोड़ी है जो इतनी लंबी चली और अभी तक चल रही है। सिनेमा के परदे के बाद निजी जीवन में ऋषि कपूर और नीतू सिंह की जोड़ी भी बेहद चर्चित रही। धर्मेन्द्र-हेमा मालिनी की कामयाब जोड़ी के बाद नीतू सिंह और ऋषि कपूर की ऐसी जोड़ी है जिसमें पर्दे पर भी सबका दिल जीता और असल जिंदगी में भी। इस जोड़ी ने 11 हिट फिल्में साथ में की, जिनमें रफू चक्कर, खेल खेल में, कभी कभी, अमर अकबर एंथोनी और ‘दूसरा आदमी’ प्रमुख हैं। इसके बाद ये दोनों ‘दो दूनी चार’ और ‘जब तक है जान’ (2012) में भी दिखाई दिए। लेकिन, ईश्वर ने ऋषि कपूर को असमय छीनकर इस जोड़ी को तोड़ दिया

IMG 20230915 WA0110

परदे की एक पसंदीदा जोड़ी राजेश खन्ना और शर्मीला टैगोर की भी रही। शक्ति सामंत ने पहली बार 1969 में ‘आराधना’ में इन्हें साथ लिया था। इस कामयाब जोड़ी ने एक के बाद लगातार कई हिट फिल्में दी। 1972 में ‘अमर प्रेम’ के अलावा इस जोड़ी ने सफर, छोटी बहू, राजा रानी, दाग और त्याग जैसी कई हिट फिल्में दीं। अपनी करिश्माई कैमेस्ट्री के लिए अमिताभ बच्चन और रेखा की जोड़ी को आज भी याद किया जाता है। 1981 में आई फिल्म ‘सिलसिला’ के बाद ये जोड़ी हमेशा के लिए टूट गई। इस जोड़ी की करीब सभी फिल्में हिट रहीं, जिनमें दो अंजाने, खून पसीना, मुकद्दर का सिकंदर, मिस्टर नटवर लाल और ‘सुहाग’ के नाम लिए जा सकते हैं।

Read More… Silver Screen: जो सही हकदार, उसे मिला इस बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार! 

नए ज़माने के दौर में 90 के दशक में जिस जोड़ी ने दर्शकों को प्रभावित किया, उनमें सबसे अहम है माधुरी दीक्षित और अनिल कपूर की जोड़ी। ड्रामेबाजी वाली फिल्मों में यह जोड़ी सबसे ज्यादा कामयाब रही। इस जोड़ी ने तेजाब, पुकार, राम लखन, परिंदा, किशन कन्हैया, जीवन एक संघर्ष और ‘बेटा’ जैसी ब्लॉक बस्टर फिल्में दीं। इसी के साथ जो जोड़ी पसंद की गई वो रही काजोल और शाहरुख खान की केमिस्ट्री। इन दोनों की जोड़ी में गजब का तालमेल रहा। काजोल ने तो अपने पति अजय देवगन के साथ भी कई फिल्में की, लेकिन ऑन स्क्रीन जो जुड़ाव शाहरुख और काजोल की जोड़ी में रहा, वो किसी और जोड़ी में देखने को नहीं मिला। 1993 में आई ‘बाजीगर’ में पहली बार शाहरुख और काजोल की जोड़ी आई थी। इसके बाद ‘दिलवाले’ तक ये जोड़ी साथ दिखी है। इस जोड़ी की सभी फिल्में बॉक्स ऑफिस हिट रहीं। इनमें करण अर्जुन, दिल वाले दुल्हनिया ले जाएंगे, कुछ कुछ होता है, कभी खशी कभी गम और ‘माई नेम इज खान’ शामिल हैं। फिल्म इंडस्ट्री में सबसे ज्यादा गुदगुदाने वाली जोड़ी की जब भी बात होगी, तो करिश्मा कपूर और गोविंदा को ही याद किया जाएगा। इन दोनों की अदाकारी का बेहतरीन उपयोग निर्देशक डेविड धवन ने किया। यह जोड़ी सबसे पहले टी रामाराव की फिल्म ‘मुकाबला’ (1993) में दिखाई दी। लेकिन, उसके बाद राजा बाबू, कुली नं-1, साजन चले ससुराल, हीरो नं-1, हसीना मान जाएगी जैसी फिल्मों में इस जोड़ी ने जबरदस्त काम किया।

Read More… Silver Screen: परदे पर दूज से लगाकर पूनम तक का चांद उतरा! 

कलात्मक सिनेमा के दौर में सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली जोड़ियों में दीप्ति नवल और फारुख शेख रही। मध्यमवर्गीय कथानकों में इन दोनों का संगम हमेशा आकर्षण का केंद्र बना रहा। इसलिए कि दर्शकों को इनमें अपनी छवि दिखाई देती थी। एक सामान्य सी मोहल्ले वाली इस जोड़ी की अधिकांश फ़िल्में गुदगुदाने वाली रही। इस जोड़ी ने सभी हिट, ब्लॉक बस्टर हिट तो नहीं दी। लेकिन, हिट कही जा सकने वाली फिल्में जरूर दी। इनमें 1981 में आई ‘चश्मे बद्दूर’ तो कॉमेडी फिल्मों के लिए बेंच मार्क है। 2013 में इस फिल्म का रिमेक बनाने की जरूरत महसूस हुई। इसके अलावा साथ-साथ, कथा, किसी से न कहना, एक बार चले आओ और ‘रंग बिरंगी’ जैसी फिल्मों में ये जोड़ी दिखाई दी। इसके अलावा करीना कपूर और शाहिद कपूर की जोड़ी को भी दर्शकों ने पसंद किया। लेकिन, बहुत कम समय के लिए इस जोड़ी ने परदे पर जादू बिखेरा। ‘जब वी मेट’ इस जोड़ी की सबसे बेहतरीन फिल्म मानी जाती है। 2004 में ‘फिदा’ जैसी क्राईम थ्रिलर से इस जोड़ी ने अपनी शुरुआत की और फिर ये जोड़ी टूट गई। अब न तो जोड़ियों का दौर है और न उस तरह की फिल्मों का जिनमें इस तरह की जोड़ियों का जादू दिखाई दे।