Crop Ruined Due to Excessive Rain : 50 हजार हेक्टेयर से ज्यादा सोयाबीन फसल अतिवृष्टि से बर्बाद!
Indore : अतिवृष्टि से सोयाबीन की फसल बर्बाद हो गई। जिले में 2 लाख से ज्यादा हेक्टेयर में सोयाबीन की फसल किसानों ने उगाई, लेकिन उसमें से 50 हजार हेक्टेयर से ज्यादा फसल ख़राब हुई। संयुक्त किसान मोर्चा ने जिले के विभिन्न गांवों का दौरा करके ख़राब हुई फसल का आकलन किया और किसानों की पीड़ा सुनी। किसानों का कहना है कि एक तरफ मुख्यमंत्री चुनावी तैयारी करते हुए जन आशीर्वाद यात्रा निकाल रहे हैं, दूसरी तरफ किसानों की बर्बादी पर उनका कोई ध्यान नहीं है। किसान नेताओं ने डेढ़ सौ से ज्यादा गांवों का दौरा किया।
गांव के किसानों ने बताया कि पिछले 70 सालों में ऐसी बारिश नहीं हुई। एक दिन में ही सोयाबीन की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है। न तो जनप्रतिनिधि किसानों की इस बर्बादी पर ध्यान दे रहे हैं और न सरकार और प्रशासनिक अधिकारी। अभी तक कलेक्टर और तहसीलदार ने बर्बाद फसल का मुआयना भी नहीं कराया। फसल बीमा के नाम पर लाखों रुपए की प्रीमियम राशि तो किसानों से काटी जाती है, लेकिन मुआवजे के नाम पर एक रूपया भी नहीं मिला।
किसानों की फसल के साथ ही पशु चारा, सुकला और पशु आहार भी बर्बाद हुआ। कई घरों में 8-10 फीट पानी भर जाने से प्याज, सोयाबीन गेहूं और गृहस्थी का सामान भी बर्बाद हो गया। एक ही गांव में डेढ़ सौ से 200 हेक्टेयर फसल बर्बाद हुई। पहली बार संयुक्त किसान मोर्चा गांव में पहुंचा है जिसने किसानों की बर्बादी को शासन तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया है।
संयुक्त किसान मोर्चा के रामस्वरूप मंत्री और बबलू जाधव ने दौरे के बाद बताया कि इंदौर जिले में 2 लाख हेक्टेयर से ज्यादा में सोयाबीन की फसल बोई गई थी, जिसमें से 50 हजार हेक्टेयर की फसल बर्बाद हो गई। किसान मोर्चा ने मांग की है कि शासन फसल बर्बादी का तत्काल आकलन कर किसानों को मुआवजा दिया जाए। साथ ही फसल बीमा का लाभ भी किसानों को दिया जाए।
इन मांगों को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा आगामी सोमवार को कलेक्टर कार्यालय पर प्रदर्शन करेगा। मोर्चे के नेताओं ने कहा है कि एक तरफ मुख्यमंत्री चुनावी तैयारी के तहत जन आशीर्वाद यात्रा में सरकारी धन का करोड़ों रुपया बर्बाद कर रहे हैं, वहीं किसान खून के आंसू रो रहा है। उनके आंसुओं को पोछने का काम न तो मुख्यमंत्री कर रहे हैं और न प्रशासन।
किसान मोर्चा के नेता रामस्वरूप मंत्री और बबलू जाधव के नेतृत्व में मोर्चे के प्रतिनिधियों ने जिले के विभिन्न गांवों का दौरा किया। उन्होंने किसानों से भी मुलाकात की। इस प्रतिनिधिमंडल में चंदनसिंह बड़वाया और शैलेंद्र पटेल लाखन सिंह डाबी शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल ने सेमदा, छोटी कलमेर, चांदेर, बेगंदा करकी, एकतासा, अरोदा, सिंहादा, पेमलपुर, खरेली, धानिया, रेंगनवास, लिंबोदापार, खटवाडी, देपालपुर, कुंनगारा, अत्तयाणा, रलायता, सगडोद शिवगढ़, बरोदा पंथ, खड़ी, चिकलोडा, रणादा सहित डेढ़ सौ से ज्यादा गांवों का दौरा किया।