Second List & Rebellion : दूसरी लिस्ट आते ही बगावत शुरू, दो दावेदारों के इस्तीफे!

सीधी और सतना के दावेदारों ने सांसदों की उम्मीदवारी का विरोध किया!

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Second List & Rebellion : दूसरी लिस्ट आते ही बगावत शुरू, दो दावेदारों के इस्तीफे!

Bhopal : भाजपा ने विधानसभा चुनाव के उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी कर दी। इस लिस्ट ने जितना चौंकाया, उतना ही बगावत को भी उकसाया। दूसरी सूची जारी होने के कुछ घंटों बाद ही पार्टी के सीधी और सतना के दो दावेदारों ने पार्टी से इस्तीफे दे दिए। इन दोनों सीटों से दो सांसदों को पार्टी ने मैदान में उतारा है।
सीधी भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष एवं प्रदेश कार्य समिति के सदस्य राजेश मिश्रा ने टिकट बंटवारे में खुद को नजरअंदाज करने और सांसद रीति पाठक को टिकट देने पर भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। इसी तरह सतना से सांसद गणेश सिंह को टिकट दिए जाने पर उम्मीदवारी की दौड़ में चल रहे वरिष्ठ नेता रत्नाकर चतुर्वेदी ने पार्टी से इस्तीफ़ा देकर निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया। .
बीजेपी ने अपनी दूसरी सूची में सीधी विधानसभा से सांसद रीति पाठक को अपना उम्मीदवार बनाया है। रीति पाठक के नाम की घोषणा होते ही पूर्व जिला अध्यक्ष एवं प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य राजेश मिश्रा ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।
सीधी में तीन विधानसभा सीटें हैं और तीनों ही अनारक्षित है। 2018 में इनमें से 2 में भाजपा जीती थी। जबकि, एक सीट कांग्रेस ने। चुरहट से शरदेंदु तिवारी ने अजय अर्जुन सिंह को हराया था। सीधी से केदारनाथ शुक्ल ने कमलेश्वर प्रसाद द्विवेदी को हराया। जबकि, सिहावल से कांग्रेस के कमलेश्वर इंद्रजीत कुमारे ने शिव बहादुर सिंह चंदेल को मात दे दी थी।

सतना में भी बगावत
भाजपा ने सतना से सांसद गणेश सिंह को टिकट दिया। इसके बाद सतना में भाजपा में बगावत का बिगुल बज गया। गणेश सिंह का टिकट फाइनल होने के बाद भाजपा उम्मीदवारों की दौड़ में चल रहे एक नेता ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। गणेश सिंह को उम्मीदवार बनाए जाने के बाद रत्नाकर चतुर्वेदी ने पार्टी और सांसद पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि यदि जनता की इच्छा होगी, तो मैं निर्दलीय चुनाव लडूंगा।
भाजपा से बगावत करने वाले रत्नाकर चतुर्वेदी गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के रिश्तेदार हैं। वे भाजपा के पूर्व जिला उपाध्यक्ष भी रहे। सहकारी बैंक के चेयरमैन भी रह चुके हैं। रत्नाकर के पिता कमलाकर चतुर्वेदी भी भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं और लंबे समय तक केंद्रीय सहकारी बैंक के चेयरमैन रहे।