Advice from Shankaracharya : व्रत-पर्वों में मतभिन्नता पर शंकराचार्य से सलाह ली गई!

शंकराचार्य ने कहा 'एक पर्व दो दिन मनाए जाने पर विमर्श कर निर्णय जरूरी!'

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Advice from Shankaracharya : व्रत-पर्वों में मतभिन्नता पर शंकराचार्य से सलाह ली गई!

 

Indore : व्रत-पर्वों में मतभिन्नता के कारण कई बार तीज-त्योहार दो दो दिनों तक मनाए जाते है। इसको लेकर लोगों में भी संशय की स्थिति बनती है। आखिर शास्त्र सम्मत पर्व कब मनाए। इसका निराकरण जरूरी है ताकि सभी व्रत-पर्व एक दिन शास्त्र सम्मत तरीके से मनाया जाए।

मप्र ज्योतिष एवं विद्वत परिषद के अध्यक्ष आचार्य पं रामचंद्र शर्मा वैदिक ने इसको लेकर द्वारकापीठ के जगदगुरू शंकराचार्य श्री सदानंदजी सरस्वती से भेंट कर चर्चा की। शंकराचार्य ने कहा कि इसको लेकर सभी धर्माचार्य, विद्वानों एवम् पंचांगकर्ताओं की परस्पर सहमति से ही हल निकल सकेगा। इसको लेकर पहल जरूरी है। आचार्य पं शर्मा ने जानकारी दी कि परिषद इसको लेकर चारों पीठ के शंकराचार्य, विद्वान एवम् प्रमुख पंचांगकर्ताओं से चर्चा भी लगातार कर रहा है।

परिषद ने स्थानीय स्तर पर एक कमेटी का गठन भी किया है जिसमें प्रमुख विद्वान, संतों के साथ खजराना गणेश मंदिर, रणजीत हनुमान मंदिर व अन्य प्रमुख मंदिरों के लोग भी शामिल है। यह ज्योतिष एव विद्वत परिषद तीज-त्योहारों को लेकर धर्मसम्मत शास्त्रोक्त जानकारी भी आम लोगों को प्रदान कर रहा है।

शंकराचार्यजी ने इसको लेकर प्रसन्नता व्यक्त की। आचार्य शर्मा वैदिक ने प्रदेशवासियों की और से जगदगुरू को द्वारका पीठ के ‘शंकराचार्य’ का महत्वपूर्ण पद सुशोभित करने पर ज्योतिष एवम् विद्वद परिषद की और से मंगल कामनाएं प्रेषित की इस अवसर पर द्वारका पीठ द्वारा हिंदी में अनुवादित अद्वैत जगत एवम ब्रह्मविद्या’ का अमूल्य ग्रंथ विवेक चूड़ामणि आचार्य शर्मा को भेंट किया। पं शर्मा ने शंकराचार्यजी से इंदौर आगमन का आग्रह कर आमंत्रण भी दिया।