Nyay Yatra Reached Budhni : निशा बांगरे की न्याय पैदल यात्रा बुधनी पहुंची, CM को निशाने पर लिए लिया!  

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Nyay Yatra Reached Budhni : निशा बांगरे की न्याय पैदल यात्रा बुधनी पहुंची, CM को निशाने पर लिए लिया!  

 

Sehore : डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे अपने इस्तीफे की मंजूरी के लिए हाथ में भारत का संविधान और भगवत गीता लेकर ‘न्याय यात्रा’ निकली हैं। गुरुवार को वे सीहोर जिले के बुधनी पहुंची, जो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का गृह क्षेत्र है। उन्होंने यहां बाबा भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। फिर राम जी बाबा की समाधि स्थल और सेठानी घाट पर मां नर्मदा की पूजा-अर्चना की।

छतरपुर की डिप्टी कलेक्टर एसडीएम निशा बांगरे अपने इस्तीफा मंजूर करने की मांग को बैतूल के आमला से भोपाल तक की पैदल न्याय यात्रा कर रही है। निशा बांगरे की यह यात्रा गुरुवार को नर्मदा पुरम से बुधनी विधानसभा में प्रवेश कर गई। निशा बांगरे ने मीडिया से कहा कि मुख्यमंत्री एक महिला के ऊपर हो रही प्रताड़ना को देख नहीं पा रहे, सुन भी नहीं पा रहे हैं। मुझे अपना त्यागपत्र दिए हुए 3 महीने हो चुके हैं और पहले मुझे त्यागपत्र देने के लिए मजबूर किया गया। क्योंकि, मुझे मेरी धार्मिक आस्था के अनुरूप मेरे सर्व धर्म कार्यक्रम में उपस्थित होने की अनुमति नहीं दी गई। जब त्यागपत्र देकर के मैं खुद कह रही हूं कि मुझे विधानसभा का चुनाव लड़ना है, तो मुझे प्रदेश शासन के द्वारा रोका जा रहा है।

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वे अपने न्याय के लिए वह आमला से चलकर भोपाल जा रही है। यह किसी एक महिला का सवाल नहीं है, या फिर चुनाव लड़ने का सवाल नहीं है, यह बात उन महापुरुषों के विचारों की जिन्होंने संविधान में समस्त अधिकार प्रदान किए हैं। इस दौरान उन्होंने शिवराज सिंह पर भी जमकर निशाना साधा। निशा बांगरे ने कहा है कि अन्याय के खिलाफ लड़ाई है हम मुख्यमंत्री के गांव होते हुए मुख्यमंत्री निवास पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया गया तो वह सीएम हाउस में आमरण अनशन करेंगे।

बैतूल निवासी ओर सीहोर एक्सीलेंस स्कूल के प्राचार्य आरके बांगरे की पुत्री निशा डिप्टी कलेक्टर के पद से इस्तीफा देकर चर्चाओं में आई थी, लेकिन उनका इस्तीफा अब तक मंजूर नहीं किया गया है। निशा बांगरे की इस यात्रा को कांग्रेस का समर्थन मिल रहा है। पिछले दिनों निशा बांगरे ने घर पर होने वाले एक कार्यक्रम के लिए अपने विभाग से छुट्टी मांगी थी। लेकिन, छुट्टी न मिलने की वजह से इस्तीफा दे दिया लेकिन प्रशासन उनके खिलाफ कड़ा रुख अपनाए है।