Tulsi Silawat’s Name for Alot : कांग्रेस के गढ़ आलोट में सेंध लगाने क्या मंत्री सिलावट को दांव पर लगाएगी बीजेपी!

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Tulsi Silawat’s Name for Alot : कांग्रेस के गढ़ आलोट में सेंध लगाने क्या मंत्री सिलावट को दांव पर लगाएगी बीजेपी!

रमेश सोनी की खास खबर

Ratlam : रतलाम जिले में कांग्रेस के गढ़ आलोट में सेंध लगाने के लिए क्या बीजेपी इस विधान सभा चुनाव में प्रदेश सरकार के जल संसाधन मंत्री व कद्दावर नेता तुलसी सिलावट को दांव पर लगाएगी! ये चर्चाएं जिले के सियासी गलियारों में तेजी से चल रही है।

विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण को लेकर भाजपा, कांग्रेस दोनों ने आलोट विधानसभा क्षेत्र से अपने-अपने प्रत्याशियों की घोषणाएं नहीं की हैं। इसको लेकर रोज नई-नई चर्चाएं सामने आ रही हैं। चुनाव में दोनों पार्टियों के नेताओं व आमजनों में बड़ी उत्सुकता बनी हुई है।

बता दें कि भाजपा ने प्रदेश में 79 प्रत्याशियों के नाम की सूची अभी तक घोषित की है। वहीं कांग्रेस ने अभी तक प्रदेश में एक भी प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। आलोट विधानसभा क्षेत्र से इस समय कांग्रेस से ज्यादा भाजपा खेमे में टिकट को लेकर खलबली मची हुई है।

आलोट से पूर्व विधायक जितेंद्र गहलोत के साथ अन्य कई नाम चर्चाओं में हैं जिनमें कुछ स्थानीय लोगों के है तो कुछ बाहरी लोगों के नाम सामने आए थे जिसमें पूर्व सांसद चिंतामणि मालवीय, सांसद अनिल फिरोजिया प्रमुख रूप से हैं।लेकिन आलोट क्षेत्र से यकायक भाजपा से नए नाम आने की चर्चा से आलोट की सियासत में भूचाल आ गया है। भाजपा के स्थानीय दावेदारों के चेहरे पर पसीना चुहचुहाने लगा है।

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यह नाम है ज्योतिरादित्य सिंधिया के सबसे विश्वसनीय और निकट के नेता जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट का, जिसको लेकर आलोट क्षेत्र के नेता भी हक्के-बक्के रह गए हैं। आपको बता दें कि आलोट क्षेत्र में पिछले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के मनोज चावला ने भाजपा को शिकस्त देकर विजय की पताका फहराई थी। ऐसे में भाजपा हाईकमान अब यहां पर किसी भी हाल में विजय प्राप्त करने के लिए सशक्त उम्मीदवार घोषित करने को लेकर मंथन कर रही है। इस विधानसभा चुनाव से पहले यह क्षेत्र भाजपा का गढ़ रहा है। यहां भाजपा इस बार हर हाल में कमल खिलाना चाहती है और इसीलिए गत विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के आगे पराजय का मुंह देखने वाली भाजपा किसी सशक्त दावेदार को उतारने की उहापोह में लगी हैं।

कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गेहलोत के सुपुत्र पूर्व विधायक जितेंद्र गहलोत ने आलोट क्षेत्र में 5 वर्षो तक बतौर पार्टी के विधायक के रूप में आम जनता के बीच में सक्रिय रहे है। इसीलिए वह इस बार भी आलोट क्षेत्र से ही चुनाव लड़ने की दावेदारी पेश कर चुके हैं और अभी भी वह टिकट को लेकर आश्वस्त होते हुए केंद्रीय नेतृत्व के सम्मुख अच्छी स्थिति में बताए जा रहे हैं।

इधर पार्टी सूत्रों की माने तो पार्टी जिस तरह से टिकट वितरण कर रही हैं उससे ऐसा लग रहा है कि हाईकमान कुछ भी परिवर्तन कर सकता है। ऐसे में चौंकाने वाला नाम भी सामने लाया जा सकता है। भाजपा के वरिष्ठ नेता केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के कट्टर समर्थक मंत्री तुलसी सिलावट का नाम भी राजनीतिक गलियारों में शीर्ष पर हैं।

पूर्व में तुलसी सिलावट आलोट-उज्जैन संसदीय क्षेत्र से भी चुनाव लड़ चुके हैं जहां उन्हें संसदीय चुनाव में पराजय का मुंह देखना पड़ा था। आलोट विधानसभा क्षेत्र में गुटबाजी खत्म करने के उद्देश्य से हो सकता है, भाजपा तुलसी को यहां से उम्मीदवार घोषित कर जीत की महक फैलाना चाहती हो।

इधर कांग्रेस की बात करें तो प्रेमचंद गुड्डू का नाम शिर्ष पर हैं ऐसे में उनको टक्कर देने के हिसाब से भी तुलसी को यहां लाया जाना भाजपा का शगुफा हो सकता है। उधर नगर में स्थानीय दावेदार भी अपने गुट के लोगों के साथ घूमते हुए दिखाई दे रहें हैं। एक दावेदार ने तो गुरुवार को मां बगलामुखी के द्वार पंहुच कर आशीर्वाद लेते देखा गया है। कभी भी आचार संहिता भी लग जाना संभव है। ऐसे में अब हर किसी को टिकिट का इंतजार है। भाजपा की सूची 1-2 दिनों में जारी हो सकती है, नहीं तो फिर नवरात्रि बाद ही सामने आएगी। बहरहाल आलोट में भाजपा के खेमे में तुलसी की महक ने राजनीति के गलियारों में चर्चाओं के बाजार को गर्म कर दिया हैं।