Decision on Nisha Bangre on Monday : निशा बांगरे की जांच और इस्तीफे पर फैसला सोमवार तक!

आज सरकार ने हाईकोर्ट में अंडरटेकिंग पेश की, अगली सुनवाई दशहरे के बाद!

375

Decision on Nisha Bangre on Monday : निशा बांगरे की जांच और इस्तीफे पर फैसला सोमवार तक!

Jabalpur : मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में शुक्रवार को निशा बांगरे मामले की सुनवाई हुई। सरकार की तरफ से अंडरटेकिंग दी गई कि डिप्टी कलेक्टर के खिलाफ लंबित विभागीय जांच तथा उसके इस्तीफे के संबंध में सरकार सोमवार शाम तक फैसला ले लेगी। सरकार की तरफ से इस संबंध में हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमथ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ के समक्ष अंडर टैकिंग पेश की गई। याचिका पर युगल पीठ ने अगली सुनवाई दशहरा अवकाश के बाद तय की।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता वरुण तन्खा ने बताया कि हाईकोर्ट में शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से अंडरटेकिंग दी गई कि डिप्टी कलेक्टर के खिलाफ लंबित विभागीय जांच तथा उसके इस्तीफे के संबंध में सरकार सोमवार की शाम तक निर्णय लेगी। इसके बाद युगल पीठ ने याचिका पर अगली सुनवाई दशहरा अवकाश को बाद प्रस्तुत करने के आदेश जारी किए हैं।

छतरपुर के लवकुश नगर में एसडीएम के पद पर रही डिप्टी कलेक्टर बांगरे ने 22 जून 23 को सामान्य प्रशासन विभाग को अपना इस्तीफा भेज दिया था। सरकार द्वारा उसके इस्तीफे पर कोई निर्णय नहीं लेने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। याचिका में कहा गया था कि सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 24 जनवरी 1973 को पारित मेमो के अंतर्गत सरकार को अधिकारी के इस्तीफे पर तत्काल निर्णय लेना चाहिए। याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की एकलपीठ ने 30 दिनों के अंदर इस्तीफे पर निर्णय लेने के आदेश जारी किए थे।

अवधि गुजर जाने के बाद भी इस्तीफे पर सरकार ने निर्णय नहीं लिया तो निशा बांगरे ने हाईकोर्ट की पुनः शरण ली थी। कहा गया कि सरकार द्वारा विभागीय जांच के लिए उन्हें नोटिस जारी किया गया था। सरकार की तरफ से विभागीय जांच में लगाए गए आरोप उन्होंने स्वीकार कर लिए। इसके बावजूद भी उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया जा रहा। याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की एकलपीठ ने 10 दिनों में इस्तीफे पर निर्णय लेने के आदेश जारी किए थे।

सरकार की तरफ से इस आदेश के खिलाफ अपील दायर की गई। इसमें कहा गया था कि विभागीय जांच की सभी औपचारिकता दस दिनों में नहीं हो सकती। आरोप के संबंध में पीएससी की अनुमति, संबंधित व्यक्तियों के बयान दर्ज करने सहित अन्य आवश्यक कार्रवाई जरूरी है। युगलपीठ द्वारा सरकार की अपील तथा डिप्टी कलेक्टर की याचिकाओं पर संयुक्त रूप से सुनवाई की गई थी।

याचिकाकर्ता की तरफ से कहा गया कि उनके खिलाफ कोई गंभीर आरोप नहीं हैं। छुट्टी के दुरुपयोग का आरोप है और उन्होंने उसे स्वीकार कर लिया है। विभागीय जांच लंबित रहने के दौरान इस्तीफा स्वीकार किया जा सकता है। इस्तीफे पर निर्णय लेने के लिए समय सीमा निर्धारित की जाए। आग्रह को अस्वीकार करते हुए युगल पीठ ने सरकार को विभागीय जांच पूरी कर इस्तीफे पर निर्णय लेने के आदेश जारी किए।

सुप्रीम कोर्ट पहुंची निशा बांगरे

सरकार के इस्तीफा स्वीकार नहीं करने को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को इस्तीफा देने का कारण स्पष्ट करते हुए एक-दो दिनों में हाईकोर्ट के समक्ष आवेदन प्रस्तुत करने निर्देश जारी किए। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को निर्देश दिए थे कि याचिकाकर्ता के आवेदन का निर्धारण शीघ्र करें।