Kissa-A-IAS: एक IAS की राज्य के शक्तिमान बनने की अंतर्कथा!

1165
Kissa-A-IAS

Kissa-A-IAS: एक IAS की राज्य के शक्तिमान बनने की अंतर्कथा!

यह कहानी है 2000 बैच के एक ऐसे IAS अफसर की, जो एक राज्य की सत्ता में शक्तिमान के रूप में स्थापित होने की और अग्रसर है। हम यहां बात कर रहे हैं वी के पांडियन की, जिन्हें मुख्यमंत्री ने भारतीय प्रशासनिक सेवा से VRS दिलवाकर सरकार के सबसे महत्वाकांक्षी कार्यक्रम 5टी (ट्रांसफॉर्मेशनल इनिशिएटिव) का अध्यक्ष नियुक्त किया है।

WhatsApp Image 2023 10 29 at 08.32.53

नवीन पटनायक ने 31 मई 2019 को जब पांचवीं बार ओडिशा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली, उसके दो दिन बाद सोशल मीडिया पर एक तस्वीर काफी वायरल हुई थी। इसमें मुख्यमंत्री नवीन पटनायक अपने निवास में मुस्कुराते हुए दिखाई दिए, उनकी कुर्सी के पीछे वीके पांडियन खड़े थे। कई लोगों के लिए यह पटनायक के शक्तिशाली निजी सचिव की पहली झलक थी।

ऐसा व्यक्ति जिसने सालों मुख्यमंत्री के साथ बिताए, पर हमेशा फ्रेम से बाहर रहा। उस दिन सीएमओ ने ही यह फोटो पोस्ट की, जबकि बीजू जनता दल (बीजेडी) के नेताओं ने इसे साझा किया था और पार्टी की सत्ता में वापसी के लिए पटनायक के साथ साथ वीके पांडियन की भी सराहना की। उसके बाद से पांडियन का कद लगातार बढ़ता रहा और अब उनका कद राज्य कैबिनेट के सभी मंत्रियों से बड़ा दिखाई देने लगा।

IMG 20231029 WA0006

नई जिम्मेदारी में अब पांडियन सीधे मुख्यमंत्री को रिपोर्ट करेंगे। इससे पहले वीके पांडियन मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के निजी सचिव के रूप में कार्य करते थे। देश में संभवतः यह पहला उदाहरण है जब किसी ब्यूरोक्रेट ने वीआरएस लेने के बाद सरकार में अपना इतना प्रभाव बनाया हो। पांडियन की छवि साधारण और ईमानदार आईएएस के रूप में होती है। खास बात यह कि वे ब्यूरोक्रेसी में होने के बाद भी कभी सूटबूट में नजर नहीं आए। हमेशा सफेद रंग की फुल स्लीव वाली सिंपल शर्ट और पांव में जूतों की जगह चप्पल ही पहनते हैं।

IMG 20231029 WA0007

बीजेडी (बीजू जनता दल) में आईएएस वीके पांडियन की भूमिका आकार ले रही है। वीआरएस के बाद उन्हें सरकार के जिस नए पद से नवाजा गया है। केंद्र से IAS अधिकारी के रूप में उनकी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति को मंजूरी मिलने के अगले दिन ही ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने उन्हें कैबिनेट मंत्री के पद के साथ एक नई भूमिका सौंपी। इससे स्पष्ट होता है कि सरकार में उनका प्रभाव पहले की तरह बना रहेगा, बल्कि वे ज्यादा प्रभावशाली होकर काम कर सकेंगे।

इस पूर्व IAS को 5टी (ट्रांसफॉर्मेशनल इनिशिएटिव) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। यह ओडिशा की नवीन सरकार का एक कार्यक्रम जिसका उद्देश्य ग्रामीण विकास को बढ़ावा देना है। इसका नेतृत्व वे पहले सचिव के रूप में कर चुके हैं।

IMG 20231029 WA0010

राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी एक आदेश के अनुसार, वे अब सीधे मुख्यमंत्री के अधीन काम करेंगे। हालांकि, पहले भी कई पूर्व नौकरशाहों को कैबिनेट रैंक दिया गया, लेकिन यह पहली बार है कि कोई सीधे मुख्यमंत्री पटनायक को रिपोर्ट करेगा। वीके पांडियन को जो नई जिम्मेदारी दी गई वो अपने आप में बहुत बड़ी और महत्वपूर्ण पहल है। उन्हें ‘5टी’ को संचालित करने का अपार अधिकार दिया गया, जिसकी पहुंच राज्य सरकार के लगभग हर विभाग में है। 5टी का मतलब पारदर्शिता, टीम वर्क, प्रौद्योगिकी और समय है, जो राज्य को विकास से बदलाव की और ले जाता है।

IMG 20231029 WA0008

प्रशासनिक तंत्र में आमूल-चूल परिवर्तन के लिए इस कार्यक्रम को नवीन पटनायक सरकार के पांचवें कार्यकाल में लॉन्च किया गया है। वास्तव में तो 5टी योजना को 2011 से मुख्यमंत्री के निजी सचिव वीके पांडियन के दिमाग की उपज माना जाता है। इसके तहत राज्य के 4 हजार से अधिक हाईस्कूलों को नवीन कक्षाओं में बदला गया है। इन स्कूलों की प्रयोगशाला और खेल के मैदानों को व्यवस्थित किया गया।

राज्य सरकार की कुछ सर्वोच्च प्राथमिकता वाली बुनियादी ढांचा परियोजनाएं भी पांडियन की सीधी देखरेख में 5टी पहल के तहत शुरू की गई। इनमें पुरी को विश्व स्तरीय विरासत शहर में बदलना, कटक में एससीबी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल का उन्नयन, प्रमुख मंदिरों का पुनर्विकास और कॉलेजों का परिवर्तन शामिल है।

Also Read: IAS Entered Politics : एक और राजनीतिक दल की MP में एंट्री, रिटायर्ड IAS वरदमूर्ति मिश्रा चुनाव लड़ेंगे!

ये परियोजनाएं पूरे राज्य में जोर-शोर से चल रही हैं और कुछ तो पूरी होने वाली हैं। इन परियोजनाओं की सफलता का श्रेय सीधे तौर पर पूर्व आईएएस वीके पांडियन को दिया जाता है। इसी तरह, हाल ही में लॉन्च की गई ‘अमा ओडिशा-नवीन ओडिशा’ (हमारा ओडिशा, नया ओडिशा) योजना, अमा गांव-अमा बिकाश (हमारा गांव, हमारा विकास) योजना की रीपैकेजिंग है, जिसे 2019 के चुनावों से पहले लॉन्च किया गया था। उस साल यह योजना पटनायक की चुनावी जीत के प्राथमिक कारकों में से एक था।

नई नियुक्ति से वीके पांडियन के पास इन परियोजनाओं की सीधे देखभाल करने का अधिकार होगा। अगर लोगों को उनके गांव में उनकी पसंद की कोई परियोजना मिलेगी, तो स्वाभाविक रूप से सरकार से उनका गुस्सा कम हो जाएगा। इन अटकलों के बीच यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि वीके पांडियन 2024 के चुनावों से पहले राजनीति में कदम रख सकते हैं। सत्तारूढ़ बीजेडी में भी अब यह हलचल है कि पूर्व IAS अधिकारी अब पार्टी के मामलों में सार्वजनिक रूप से हस्तक्षेप कर सकते हैं। क्योंकि, वीआरएस के बाद अब वे अखिल भारतीय सेवा आचरण नियमों से बंधे नहीं हैं।

एग्रीकल्चर से ग्रेजुएशन की पढ़ाई

वीके पांडियन मूलतः तमिलनाडू से हैं और उनका पूरा नाम वी कार्तिकेयन पांडियन है। उनका जन्म 29 मई 1974 को तमिलनाडु में हुआ था। वे तमिल, उड़िया, अंग्रेजी और हिंदी जैसी कई भाषाएं जानते हैं। पांडियन ने एग्रीकल्चर में ग्रेजुएट की डिग्री एग्रीकल्चर कॉलेज एंड रिसर्च इंस्टिट्यूट मदुरै से ली और पोस्ट ग्रेजुएट की डिग्री इंडियन एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टीट्यूट, नई दिल्ली से पूरी की। इसके बाद उन्होंने 2000 में यूपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण की थी।

Also Read: IAS Welcomed Priest : पुजारी को IAS अधिकारी ने अपनी कुर्सी पर बैठाकर स्वागत किया, बवाल हुआ!

उन्होंने अपना करियर पंजाब कैडर में शुरू किया था। हालांकि, उड़िया की IAS अफसर सुजाता राउत से शादी के बाद उनका कैडर बदला और फिर उनके करियर में एक महत्वपूर्ण मोड़ आया। कालाहांडी जिले में धर्मगढ़ सब-कलेक्टर के रूप में अपना करियर शुरू किया। 2011 में वे ओडिशा के मुख्यमंत्री कार्यालय में शामिल हुए और जल्द ही नवीन पटनायक के सबसे भरोसेमंद लेफ्टिनेंट बन गए। अब वे ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के ‘5टी’ के कर्ताधर्ता हैं।

राजनीति में आने की अटकलें मार्च से

वीके पांडियन के IAS छोड़ने और नवीन की पार्टी में शामिल होने की ख़बरें तब से चल रही थीं, जब उन्होंने इस साल मार्च में राज्य के विधानसभा क्षेत्रों का दौरा करना शुरू किया। वे तब ओडिशा सरकार की ‘5टी’ योजना के सचिव के रूप में भी काम करते रहे। उन्होंने लोगों की शिकायतों को दूर करने के लिए सभी 147 विधानसभा क्षेत्रों का दौरा किया। यह एक ऐसा कदम था जिसे व्यापक रूप से उनकी राजनीतिक आकांक्षाओं के लिए आधार के रूप में देखा गया।

IMG 20231029 WA0005

नवीन पटनायक के उत्तराधिकारी

पांडियन ने नवीन से अपनी प्रभावशाली भूमिका और अटूट विश्वास के लिए महत्वपूर्ण ध्यान आकर्षित किया, जो 77 साल की आयु में 2024 में मुख्यमंत्री के रूप में संभावित छठे कार्यकाल की तैयारी में हैं। वीके पांडियन शीर्ष राजनीतिक रणनीतिकार बनेंगे और खुद भी चुनाव लड़ सकते हैं। उन्हें नवीन पटनायक का उत्तराधिकारी भी माना जा रहा है। विपक्षी दलों ने पांडियन के विधानसभा दौरों की नौकरशाही के अतिक्रमण के रूप में आलोचना की थी। लेकिन, मुख्यमंत्री ने सितंबर में उनका बचाव करते हुए इस पहल को उनके दिमाग की उपज बताया। बीजू जनता दल ने पांडियन के आउटरीच कार्यक्रम के प्रति जनता की प्रतिक्रिया को उम्मीदों से अधिक बताया।