Pre-mature Delivery of Rape Victim : हाईकोर्ट के निर्देश पर दुष्कर्म पीड़िता की प्री-मैच्योर डिलीवरी!  

नवजात की दो दिन बाद सांस रुकने से मौत, एक आरोपी को जमानत मिली! 

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Pre-mature Delivery of Rape Victim : हाईकोर्ट के निर्देश पर दुष्कर्म पीड़िता की प्री-मैच्योर डिलीवरी!

 

Indore : आठवीं की नाबालिग छात्रा ने पिछले सप्ताह एक बच्ची को जन्म दिया। हाईकोर्ट के आदेश पर पीड़ित छात्रा की नार्मल डिलीवरी करवाई गई थी। साढ़े 6 महीने की प्री-मैच्योर डिलीवरी होने से नवजात की दाे दिन बाद मौत हो गई। इस छात्रा ने एक अक्टूबर को ही भाजपा नेत्री के बेटे पर दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था। उस समय पीड़िता को साढ़े पांच महीने का गर्भ होने की जानकारी मिली थी।

मामला नंदानगर में रहने वाली साढ़े सोलह साल की बच्ची का है। उसने एक अक्टूबर को थाने में नाबालिग के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था। बच्ची के बयान के बाद पुलिस ने मामले में एक आरोपी का नाम और बढ़ाया। उसे 27 अक्टूबर को गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेज दिया। बच्चे को जन्म देने को लेकर परिवार ने हाईकोर्ट में अपील की थी। इसके बाद हाईकोर्ट से सशर्त नॉर्मल डिलीवरी को लेकर आदेश हुआ।

पीड़िता को 25 अक्टूबर को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां उसने एक बच्ची को जन्म दिया। इसके बाद नवजात को सांस लेने में दिक्कत आई, तो उसे एमटीएच अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां 27 अक्टूबर को उसकी मौत हो गई।

 

आरोपी को जमानत मिल गई

उधर, 14 दिन में एक आरोपी को जमानत मिल गई। दूसरे आरोपी को पांच दिन पहले पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा। आरोपी की जमानत को लेकर परिवार काे जानकारी नहीं दी गई। पीड़िता के परिवार के लोगों को मुख्य आरोपी की जमानत को लेकर परदेशीपुरा पुलिस द्वारा जानकारी नहीं दी गई। परिवार के लोगों का कहना है कि आरोपी के बालिग होने में तीन माह ही बाकी हैं। जबकि, ऐसे गंभीर मामले में उसे आसानी से जमानत मिल गई।

परिवार के लोग इस मामले में कोर्ट में आपत्ति लगाकर जमानत निरस्त करने की प्रक्रिया कर रहे हैं। अब परिवार कोर्ट में जमानत निरस्त करने को लेकर आपत्ति लगा रहा है। गुरुवार को भी छात्रा के परिजन परदेशीपुरा थाने पहुंचे। यहां पुलिस ने स्कूल के दस्तावेज वेरिफिकेशन के लिए बुलाया था।

पुलिस ने इस मामले में 3 अक्टूबर को पहले आरोपी को गिरफ्तार कर बाल संप्रेषण गृह भेजा, जिसे 14 अक्टूबर को जमानत मिल गई। इस मामले में पीड़िता के कोर्ट में बयान के बाद आरोपी के दोस्त को भी पुलिस ने आरोपी बनाया। लेकिन, पुलिस ने उसे फरार घोषित कर रखा था। नवजात की मौत के दिन उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा गया और अभी वो जेल में है।