Production of Corona Medicines Stopped : इंदौर में अब नहीं बन रही कोरोना की दवाइयां

सरकार Line of Treatment जारी करेगी, फिर उत्‍पादन शुरू हो सकेगा

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Indore : इस साल के शुरू में जब देश में कोरोना की दूसरी लहर का हमला हुआ था, तब फेबिपिरावीर और पोसाकोनाजोल (Fabipiravir and Posaconazole) जैसी दवाओं की किल्‍लत हुई थी। कोरोना पीड़ित इस दवा की कमी से परेशान थे। अभी भी संक्रमण पूरी तरह ख़त्म नहीं हुआ और तीसरी लहर की आशंका है, ऐसे में इन दवाइयों का उत्‍पादन शहर की दवा कंपनियों ने बंद कर दिया।

दूसरी लहर के समय इन दोनों दवाइयों का शहर में उत्‍पादन शुरू किया गया था। अब जबकि कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रोन दस्‍तक दे चुका है, ऐसे में इन दवा कंपनियों को इंतजार है कि सरकार इस नए वैरिएंट को लेकर लाइन आफ ट्रीटमेंट (Line of Treatment) जारी करे, जिससे उन दवाओं का उत्‍पादन शुरू किया जा सके। ये दवाइयां कोरोना के उपचार से सीधी जुड़ी थी। तब हिमाचल प्रदेश से फेबिपिरावीर दवा मंगाई जा रही थी! लेकिन, जब इसकी मांग और किल्‍लत काफी बढ़ गई, तो इसे इंदौर में भी तैयार किया जाने लगा।

कोरोना का नया वैरिएंट दस्‍तक दे चुका है ऐसे में ये दवा कंपनियां ऐसी किसी भी विशेष दवा का उत्‍पादन अभी नहीं कर रही हैं। सरकार व स्‍वास्‍थ्‍य संस्‍थाओं की और से कोरोना के नए वैरिएंट के इलाज में काम आने वाली दवाओं का ब्‍यौरा नहीं दिया गया। इसे लेकर लाइन आफ ट्रीटमेंट (Line of Treatment) क्या होगा यह साफ नहीं है। लाइन आफ ट्रीटमेंट जारी होने के साथ ही इन दवाओं का उत्‍पादन शुरू कर दिया जाएगा।

कोरोना महामारी की दूसरी लहर के समय अपना असर दिखाने वाली इन दवाइयों और अन्‍य एंटी वायरल दवाइयों (Anti Viral Drugs) का उत्‍पादन सीमित मात्रा में किया जा रहा है। इंदौर की दवा कंपनी मैकडब्ल्यू हेल्थकेयर (McW Healthcare) के प्रमुख अभीजित मोतीवाले ने बताया कि ऐसी बहुत से दवाएं हैं, जिनका उत्‍पादन और मांग बेहद सीमित होता है। फेबिपिरावीर को लेकर ऐसा ही हुआ था। इसके बाद ब्‍लैक फंगस की बीमारी में पोसकोनाजोल की मांग काफी बढ़ गई थी।