Elections in 5 States – Some interesting Facts: BJP प्रत्याशी ने CM और होने वाले CM को हराया, सिंधिया के 4 खास समर्थक चुनाव हारे!
रूचि बागड़देव की ख़ास रिपोर्ट
देश के पांच राज्यों में हुए विधान सभा चुनाव के परिणामों में बहुत सी रोचक बातें सामने आ रही है।
सबसे रोचक तथ्य जो सामने आया है वह तेलंगाना का है जहां बीजेपी के प्रत्याशी काटीपल्ली वेंकटरमन रेड्डी ने कामा रेड्डी कांस्टीट्यूएंसी से मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के साथ ही मुख्यमंत्री पद के कांग्रेस कैंडिडेट रेवंथ रेड्डी को भी पराजित किया। शायद यह पूरे देश का पहला ऐसा मामला है जहां मुख्यमंत्री और होने वाले मुख्यमंत्री दोनों को भाजपा के प्रत्याशी ने पराजित किया। यह अलग बात है कि दोनों ही पराजित उम्मीदवार अन्य विधानसभा क्षेत्र से विजय हो गए हैं।
छत्तीसगढ़ के धाकड़ नेता और 40 साल से लगातार कांग्रेस के विधायक रहे मंत्री रविंद्र चौबे को एक ऐसे गरीब आदमी से शिकस्त खानी पड़ी जिसकी कभी कोई राजनीतिक लिंक नहीं रही। यह व्यक्ति है ईश्वर साहू- जिसका 24 वर्षीय जवान बेटा भुवनेश्वर एक मोब अटैक में मारा गया था। बीजेपी ने छत्तीसगढ़ के साजा सीट पर ईश्वर साहू को टिकट दिया और उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज नेता और प्रभावशाली मंत्री रविंद्र चौबे को पराजित कर इतिहास रच दिया।
मध्य प्रदेश में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के कई समर्थक इस विधानसभा चुनाव में जीते लेकिन फिर भी उनके 4 ऐसे समर्थक चुनाव हार गए जो उनके खास माने जाते रहे हैं। उनके सबसे बड़े सपोर्टर राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव धार जिले के बदनावर विधानसभा सीट से, दूसरे खास रहे मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया बमोरी विधानसभा क्षेत्र से और मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री पद का दर्जा प्राप्त पूर्व मंत्री इमरती देवी इस चुनाव में पराजित हुए। दत्तीगांव को तो चुनाव से ठीक पहले भाजपा से कांग्रेस में आए इंदौर के नेता भंवर सिंह शेखावत ने शिकस्त दी जबकि महेंद्र सिंह सिसोदिया को बमोरी विधानसभा क्षेत्र से ऋषि अग्रवाल ने कोई 15000 वोट से हराया। सिंधिया समर्थक मंत्री जो चुनाव हारे हैं, उनमें एक सुरेश धाकड़ भी है जिनकी हार मंत्रियों में सबसे बड़ी हार है। उन्होंने 49,481 वोटो से मात खाई।
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में इस बार भाजपा हाई कमान ने नया प्रयोग करते हुए कई 3 केंद्रीय मंत्रियों और 7 सांसदों को विधानसभा चुनाव लड़वाया था। इनमें एक केंद्रीय मंत्री सहित दो सांसद चुनाव हार गए। केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते और सांसद गणेश सिंह को हार का मुंह देखना पड़ा है। अब इनका राजनीतिक भविष्य क्या होगा यह तो भाजपा हाई कमान को तय करना है।
राजस्थान से एक बड़ी बात सामने आ रही है। वहां भाजपा की सरकार तो बन गई लेकिन गहलोत सरकार के विरुद्ध पूरी ताकत से लड़ाई लड़ने वाले राजस्थान विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता राजेंद्र सिंह राठौड़ चुनाव हार गए। बीजेपी की सरकार तो बन गई लेकिन राठौर चुनाव हार गए तो उनके मुख्यमंत्री या मंत्री बनने का सपना अब अधूरा रह गया है।
तेलंगाना विधानसभा क्षेत्र से एक और महत्वपूर्ण तथ्य सामने आया है। यहां करीमनगर विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और लोकसभा सदस्य बंदी संजय कुमार भारत राष्ट्र समिति के उम्मीदवार से चुनाव हार गए हैं।
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में वैसे तो 12 मंत्री इस विधानसभा चुनाव में पराजित हुए हैं लेकिन प्रदेश के धाकड़ नेता गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का चुनाव हारना किसी को पच नहीं रहा है। वे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के निकट माने जाते हैं और इस बार मुख्यमंत्री पद के दावेदार भी थे।
यह उल्लेखनीय तथ्य बताया जा रहा है कि पूर्व में भी प्रदेश में जो भी गृहमंत्री रहे हैं वे चुनाव हारे हैं। मध्य प्रदेश विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता और कांग्रेस के धाकड़ नेता डॉ गोविंद सिंह लहार विधानसभा चुनाव से क्षेत्र से चुनाव हार गए हैं। वे भी एक समय प्रदेश के गृहमंत्री रहे हैं।