सहारा के निवेशकों को मिलेगा पैसा? सुब्रत रॉय की मौत के महीनेभर बाद सरकार ने दिया जवाब

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सहारा के निवेशकों को मिलेगा पैसा? सुब्रत रॉय की मौत के महीनेभर बाद सरकार ने दिया जवाब

रीब महीनाभर पहले सुब्रत रॉय की मौत हो गई थी. उसके बाद से सहारा के निवेशकों में डर है कि उन्हें उनका पैसा मिलेगा या नहीं? सरकार की ओर से कोई कार्रवाई की जा रही है या नहीं? सरकार निवेशकों और कंपनी की जांच को लेकर क्या सोच रही है?

सोमवार को सरकार ने इन तमाम सवालों के जवाब देने का प्रयास संसद में किया. सरकार में कॉरपोरेट कार्य राज्य मंत्री की ओर इस मामले पर विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने साफ कहा कि किसी की मौत से जांच और कार्रवाई नहीं रुकेगी. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर उन्होंने क्या जानकारी दी है.

जांच नहीं होगी बाधित

सरकार ने सोमवार को कहा कि सहारा ग्रुप की कुछ कंपनियों के खिलाफ गंभीर सीरियस फ्रॉड इंवेस्टीगेशन आॅफिस (एसएफआईओ) और कंपनी कानून के तहत जारी जांच किसी भी व्यक्ति की मौत से बाधित नहीं होगी. सहारा ग्रुप के प्रमुख सुब्रत रॉय का 14 नवंबर को लंबी बीमारी के बाद हार्ट अटैक के कारण निधन हो गया. कॉरपोरेट कार्य राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि मंत्रालय ने 31 अक्टूबर, 2018 को सहारा समूह की तीन कंपनियों के मामलों की जांच एसएफआईओ को सौंपी थी. ये कंपनियां सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड, सहारा क्यू शॉप यूनिक प्रोडक्ट्स रेंज लिमिटेड और सहारा क्यू गोल्ड मार्ट लिमिटेड हैं.

6 कंपनियों के खिलाफ जांच के आदेश

उन्होंने यह भी कहा कि 27 अक्टूबर, 2020 को ग्रुप की 6 दूसरी कंपनियों के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए थे. ये कंपनियां एंबी वैली लेफ्टिनेंट, किंग एंबे सिटी डेवलपर्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड, सहारा इंडिया कमर्शियल कॉर्पोरेशन लिमिटेड, सहारा प्राइम सिटी लिमिटेड, सहारा इंडिया फाइनेंशियल कॉर्पोरेशन लिमिटेड और सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड हैं. सिंह ने कहा कि किसी भी व्यक्ति की मौत से उपरोक्त जांच बाधित नहीं होगी. राज्य मंत्री सहारा ग्रुप द्वारा किए गए चिटफंड घोटाले की जांच के संबंध में हाल में सहारा इंडिया ग्रप के प्रमुख की मृत्यु के बाद सरकार की प्रतिक्रिया के बारे में एक सवाल का जवाब दे रहे थे.

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