राजस्थान में 21 वर्षों के बाद मुख्यमंत्री की बजाय कोई वित्त मंत्री विधानसभा में बजट पेश करेगी !

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राजस्थान में 21 वर्षों के बाद मुख्यमंत्री की बजाय कोई वित्त मंत्री विधानसभा में बजट पेश करेगी !

गोपेन्द्र नाथ भट्ट की विशेष रिपोर्ट

जयपुर: राजस्थान में करीब 21 वर्षों के बाद मुख्यमंत्री की बजाय इस बार कोई वित्त मंत्री विधान सभा के पटल पर बजट प्रस्तुत करेगी। यह अहम जिम्मेदारी मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा मंत्रिपरिषद की नई वित्त मंत्री दीया कुमारी निभाएगी। दिया कुमारी प्रदेश की उप मुख्यमंत्री भी है। विधानसभा में दिया कुमारी द्वारा बजट पेश किए जाने की तस्वीर देखने लायक होंगी। संयोग से केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में भी वित्त मंत्री का दायित्व एक महिला निर्मला सीतारमण ही संभाल रही है।
प्रधानमत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री जब विगत शुक्रवार को तीन दिवसीय डीजीपी और आईजी कान्फ्रेंस में भाग लेने गुलाबी नगरी जयपुर की सरजमी पर कदम रख रहे थे तभी मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की सिफारिश पर राज्यपाल कलराज मिश्र ने प्रदेश के नवगठित मंत्रिपरिषद के मंत्रियों के विभागों की सूची जारी की थी। इस सूची में मुख्यमंत्री शर्मा के बाद सबसे महत्वपूर्ण विभाग दिया कुमारी को दिए गए हैं जिसमें वित्त और पर्यटन एवं महिला और बाल विकास जैसे प्रमुख विभाग शामिल है।

पिछले बीस वर्षों में राजस्थान में बारी बारी से बनी कांग्रेस और भाजपा की सरकारों में वित्त मंत्री का दायित्व अशोक गहलोत और वसुन्धरा राजे मुख्यमंत्री पद के साथ स्वयं ही संभालते रहें। विधानसभा में अशोक गहलोत के मुख्यमंत्रित्व काल में वित्त मंत्री के रूप में राज्य का आखिरी बजट तत्कालीन वित्त मंत्री प्रदुम्न सिंह ने 2003 में पेश किया था। उसके बाद के सारे बजट तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और वसुन्धरा राजे ने स्वयं ही पेश किए हैं।

मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने वित्त मंत्री का दायित्व अपनी उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी को देकर दो दशकों तक चली इस परंपरा को बदल कर एक अच्छी शुरुआत की है।

नई वित्त मंत्री दिया कुमारी ने नया दायित्व मिलते ही अपना काम भी शुरू कर दिया है और वे अपने प्रभार के मंत्रालयों की सिलसिलेवार बैठकें लेकर समीक्षा कर रही है।हाल ही उन्होंने प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त तथा वित्त विभाग के वरिष्ठ अधिकारियो की बैठक लेकर प्रदेश की माली हालत की मौजूदा परिस्थितियों की जानकारियां टटोलना शुरू कर दिया है। वर्तमान में राजस्थान की वित्तीय स्थिति ठीक नही है और बताया जा रहा है कि प्रदेश पर 5.50 लाख करोड़ रु से भी अधिक का कर्जा है। पिछली सरकारें इस कर्जे के ब्याज को चुकाने के लिए भी कर्ज लेती रही है।

राजस्थान सरकार ने पिछले वर्ष अप्रैल से अगस्त तक की तीमाही में 12,288 करोड़ और बताते है कि अक्टूबर-दिसंबर की तीमाही में 14,000 करोड़ का कर्ज लिया है। रिजर्व बैंक , आर बी आई की रिपोर्ट की मानें, तो 2022-23 के दौरान राजस्थान का कर्ज बढ़कर 5,37,013 करोड़ हो गया था,जो एक साल पहले 4,58,089 करोड़ था। पंजाब के बाद राजस्थान देश में सबसे ज्यादा कर्ज में डूबा हुआ प्रदेश है।

मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने पद संभालते ही प्रदेश की माली हालत को टटोला है तथा केंद्र सरकार से प्रदेश के हिस्से की करीब 4400 करोड़ रु की राशि प्राप्त करने में भी सफलता हासिल की है। यह राशि केंद्र सरकार ने राज्यों को कर हस्तांतरण के रूप में दी है।

संयोग से इस बार केंद्र और प्रदेश दोनो तरफ एक ही पार्टी भाजपा की सरकारें है। विधान सभा चुनाव में पीएम मोदी की अपील पर राज्य के मतदाताओं ने डबल इंजन की सरकार बना दी है। इस कारण प्रदेशवासियों को प्रधानमंत्री के वायदे और गारंटी के अनुरूप ढेरों उम्मीदें हैं। राजस्थान का पिछले तीस वर्षों में यह दुर्भाग्य रहा है कि केंद्र और प्रदेश की सरकारें अलग अलग दलों या गठबंधनों की रही। इस कारण राजस्थान को केंद्रीय से अपेक्षित सहायता नही मिल पाई। इस कारण राजस्थान के विकास की कई योजनाओं को अपनी मंजिल तक पहुंचने अथवा उनके समय पर पूरा नहीं होने का खामियाजा भुगतना पड़ा है। अब प्रधानमत्री मोदी के वचनों के अनुरूप डबल इंजन की सरकार निर्बाध गति से अपनी मंजिल तक पहुंचेगी ऐसी उम्मीद है।

राजस्थान देश का भौगोलिक दृष्टि से सबसे बड़ा प्रदेश है और पश्चिम राजस्थान में पाकिस्तान से लगी श्रीगंगानगर से बाड़मेर और गुजरात तक देश की सबसे लंबी अंतर राष्ट्रीय सीमाएं है। जहां से अवैध लोगों और हथियारों के साथ ही मादक द्रव्यों की आवाजाही के साथ ही सीमा पार से आए हिंदू नागरिकों की नागरिकता से जुड़ी कई समस्याएं है जिनका निराकरण आवश्यक है। भारत पाक सीमा पर बसे लोगों के आपस में रोटी बेटी के संबंध भी है तथा सीमाओं की लंबी तारबंदी के बावजूद रेतीले टीलों के नीचे सुरंग बना कर घुसपैठ की तथा अन्य अवांछित गतिविधियां होती रहती है। जम्मू कश्मीर के मुकाबले यहां केंद्र सरकार का ध्यान थोड़ा कमतर ही माना जाता है। लंबी अंतर राष्ट्रीय सीमाओं को दृष्टिगत रखते हुए केंद्र सरकार से सीमा विकास कार्यक्रमों के तहत सड़को के विकास एवं सीमा पार से होने वाली घुसपैठ, अवैध हथियारों और मादक द्रव्यों की आवाजाही को रोकने राज्य पुलिस को अधिक केंद्रीय मदद की दरकार है। साथ ही सांस्कृतिक प्रदूषण को रोकने के लिए और अधिक संख्या में उच्च क्षमता के टीवी टावर लगाने तथा अन्य विकास परियोजनाओं आदि के लिए भी प्रधानमत्री प्रदेश को अधिक बजट दिलाएंगे ऐसी उम्मीद है।

पर्यटन को राजस्थान की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी माना जाता है। प्रदेश में धार्मिक पर्यटन की सर्वाधिक बूम है। इसके अलावा प्रति वर्ष राज्य में देशी विदेशी पर्यटक रिकार्ड संख्या में यहां पहुंचते है। इस वर्ष तो दिसंबर जनवरी के प्लेटिनम सप्ताह में रिकार्ड संख्या में 18 करोड़ टूरिस्ट राजस्थान पहुंचे हैं। ऐसे में प्रदेश में पर्यटन विकास के साथ ही आधारभूत सुविधाओं के विकास रेल, सड़क,नगरीय विमानन, पेयजल, बिजली, शिक्षा,कृषि,सिंचाई आदि क्षेत्रों में अधिक बजट मिलने की उम्मीद है। पूर्वी राजस्थान के तेरह जिलों के पानी के संकट को दूर करने के लिए बनाई गई महत्वाकांक्षी परियोजना ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित कर इसके लिए अधिकाधिक केंद्रीय अनुदान भी अपेक्षित है।

यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजस्थान की विषम भौगोलिक परिस्थितियों, लंबी अंतर राष्ट्रीय सीमाओं,आए दिनों आने वाली प्राकृतिक आपदाओं,आदिवासी एवं मरुस्थलीय इलाकों की कठिन परिस्थितियों,पानी की कमी आदि के मद्दे नजर राज्य की चिर प्रतीक्षित पहाड़ी और सीमावर्ती प्रदेशों की तरह प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को पूरी तरह नहीं तो आंशिक रूप से भी मान लेते है तो केंद्रीय योजनाओं में राजस्थान को भी सौ प्रतिशत केंद्रीय अनुदान मिल सकेगा तथा रेगिस्तान प्रधान इस सीमावर्ती प्रदेश के विकास को नए पंख लग सकेंगे। राजस्थान में हर एक कोस पर चारों ओर बिखरी पड़ी प्राचीन धरोहरों एवं विरासत को संजो कर करोड़ों रु की आमदानी अर्जित की जा सकती है,लेकिन यह कार्य अकेले राज्य सरकार नही कर सकती वरन केंद्र सरकार को आगे आकर तथा राजस्थान को हेरिटेज स्टेट घोषित कर प्राचीन धरोहरों को पुरातत्व सम्मति घोषित करना होंगा। विश्व के अधिकांश देश अपनी पुरातत्व संपदाओं और पर्यटन से अरबों खरबों रु कमा रहे हैं।

देखना होगा कि राजस्थान के नए मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा और नई वित्त मंत्री दिया कुमारी अपनी नई सोच एवं विजन से देश के सबसे बड़े भौगोलिक प्रदेश राजस्थान को अधिकाधिक केंद्रीय मदद और अनुदान दिलाने में किस सीमा तक सफल होते है…?