Mayor Becomes Lawyer : सरकारी वाहन छीनकर कुलपति को अस्पताल ले जाने वाले छात्रों के लिए वकील बने महापौर!

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Mayor Becomes Lawyer : सरकारी वाहन छीनकर कुलपति को अस्पताल ले जाने वाले छात्रों के लिए वकील बने महापौर!

ग्वालियर हाई कोर्ट में PIL दायर कर FIR रद्द करने की मांग!

Indore : इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव आज ग्वालियर हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान इंदौर के मेयर पुष्यमित्र भार्गव वकील की भूमिका में नजर आए। इंदौर से ही वर्चुअली उपस्थित होकर उन्होंने अपना पक्ष रखा। यह मामला ग्वालियर के एक विश्वविद्यालय के बीमार कुलपति को अस्पताल ले जाने के लिए शासकीय वाहन का उपयोग करने के मामले में दो छात्रों पर लूट और डकैती का प्रकरण दर्ज किया गया था।
इस मामले में महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने मप्र हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में एक जनहित याचिका दायर कर दोनों छात्रों के खिलाफ दर्ज एफआईआर निरस्त करने की मांग की। आज जस्टिस रोहित आर्या एवं जस्टिस बीके द्विवेदी की डबल बैंच के समक्ष उन्होंने पैरवी करते हुए मामले को लेकर दर्ज हुई एफ़आईआर के ख़ात्मे के लिए तर्क दिए। उन्होंने कहा कि छात्रों के द्वारा किया गया प्रयास समाज को सीख देने वाला था।
महापौर ने माँग करते हुए कहा कि न्यायालय ऐसे दिशा निर्देश जारी करें जिसमें एम्बुलेंस में देरी होने पर प्रोटोकॉल में लगने वाले शासकीय वाहनों का प्रयोग बीमार व्यक्ति को अस्पताल ले जाने में किया जा सके। इसके अलावा अच्छी मेडिकल सुविधा बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर तत्काल उपलब्ध हो, ऐसे प्रयास किए जाए।
न्यायालय ने जनहित याचिका में महापौर द्वारा उठाए मुद्दे की प्रशंसा करते हुए सभी संबंधित विभागों को नोटिस जारी करते हुए अपना पक्ष और सुझाव रखने के लिए कहा। साथ ही केंद्र सरकार, रेल मंत्रालय को भी याचिका में प्रत्यर्थी बनाए जाने के लिए निर्देशित किया गया।

यह था मामला जिसमे PIL लगाई
11 दिसंबर को ग्वालियर के दो छात्र हिमांशु श्रोत्रिय और सुकृत शर्मा हाईकोर्ट जज की गाड़ी को कथित रूप से लूटकर निजी विश्वविद्यालय के कुलपति रणजीत सिंह यादव को रेलवे स्टेशन के पास अस्पताल ले गए थे। बाद में दोनों छात्रों पर पुलिस ने लूट व डकैती की धाराओं में प्रकरण दर्ज किया। इस कोशिश के बावजूद अस्पताल ले जाए गए कुलपति यादव की जान नहीं बचाई जा सकी। दोनों छात्र 11 दिसंबर से ही जेल में थे, जिन्हें बाद में जमानत मिली। महापौर ने इस मामले में दोनों छात्रों पर दर्ज एफआईआर रद्द करने की मांग की।