Effort to End BRTS : एलिवेटेड ब्रिज बनने से BRTS का क्या होगा!
Indore : भोपाल के बाद अब इंदौर के साढ़े 11 किलोमीटर लंबे बीआरटीएस को खत्म करने की कवायद शुरू होती दिखाई दे रही है। एलआईजी चौराहे से नौलखा चौराहे तक एलिवेटेड ब्रिज बनने से बीआरटीएस के बचने की संभावना भी ख़त्म हो गई। 17 जनवरी को मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव बीआरटीएस रोड पर बनने वाले एलिवेटेड ब्रिज का भूमिपूजन करेंगे।
यह ब्रिज एलआईजी चौराहा से शुरू होकर नौलखा चौराहे पर खत्म होगा। ब्रिज बनने से ट्रैफिक व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन आएगा। करीब एक दशक पहले शहर के यातायात को व्यवस्थित बनाने एक दशक पहले प्रशासन ने निरंजनपुर से राजीव गांधी चौराहा तक बीआरटीएस का निर्माण किया था। बीआरटीएस पर यात्री बसें का संचालन शुरू किया गया, ताकि ट्रैफिक में सुधार आ सके।
बीआरटीएस सुबह से रात तक सिटी बसों की आवाजाही बनी रहती है। जबकि, आसपास के रूट से रोजाना लाखों वाहन गुजरते हैं। लगातार वाहनों की संख्या बढ़ने से ट्रेफिक व्यवस्था में सुधार नहीं हो पा रहा। आने वाले दिनों में ट्रेफिक को लेकर भयावह स्थिति निर्मित होगी। इसे देखते हुए लोक निर्माण विभाग और इंदौर विकास प्राधिकरण एलिवेटेड ब्रिज तैयार करेगा। इसके साथ ही सत्यसांई चौराहा, देवास नाका और विजयनगर में दो-दो भुजाओं वाले ब्रिज प्रस्तावित हैं।
खत्म करने का निकाला रास्ता
करोड़ों रुपए की लागत से बने बीआरटीएस को खत्म करने कई दिनों से योजना बन रही है। सीधे तरीके से इसे खत्म करने से विरोध के स्वर मुखर होते। इसलिए शासन प्रशासन ने बीच का रास्ता निकाल लिया है। एलिवेटेड सहित अन्य ब्रिजों का काम शुरू होने से बीआरटीएस स्वत: ही खत्म हो जाएगा।
अध्ययन के बाद लेंगे फैसला
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने मामले पर कहा था कि BRTS में महत्वपूर्ण यह है कि देश में दूसरे पायदान पर पब्लिक ट्रांसपोर्ट के तौर पर BRTS को हम चला रहे हैं। यह एक प्रोग्रेसिव स्टेप है, कुछ अच्छा करने का प्रयास है। यदि उसमें से बहुत सारे अच्छे परिणाम आते हैं तो उसे पर अध्ययन कर लोगों के सुझाव लेकर फिर कोई निर्णय किया जाएगा।
BRTS पर सवाल क्यों उठे
जबकि, समाजसेवी किशोर कोडवानी ने कहा कि BRTS की वजह से आम यात्रियों के मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है। सड़क का 37% हिस्सा BRTS के लिए, 33% सामान्य परिवहन के लिए और 30% अन्य वाहनों के लिए इस्तेमाल हो रहा है। इस 37% सड़क पर 2.3 प्रतिशत यात्री यात्रा कर रहे हैं, जबकि 33% सड़क पर 97.7% यात्री यात्रा करने को मजबूर हैं।
इस तरह 50 हजार यात्रियों की सुविधा के लिए 25 लाख लोगों को परेशानी झेलना पड़ रही है। मास्टर प्लान में एबी रोड की चौड़ाई 60 मीटर निर्धारित की गई है, तो एलआइजी से नौलखा पावर हाउस तक यह 31.5 मीटर कैसे हो गई! BRTS में बाधक 20 निर्माण हटाए ही नहीं गए, नया निर्माण होता रहा। उन्होंने कहा कि BRTS प्रोजेक्ट में कई नियमों का उल्लंघन किया गया है। नगर और ग्राम निवेश से विधिवत नक्शा भी स्वीकृत नहीं करवाया गया। BRTS मार्ग पर एआइटीसीएल द्वारा अवैध बस स्टैंड संचालित किया जा रहा है।