Hoax in Name of CM : खुद को CM का ख़ास बताकर झांसा देने वाला पकड़ाया!
Bhopal : क्राइम ब्रांच ने इदौर के एक बड़े जालसाज को पकड़ा है, जो खुद को मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव का करीबी बताकर एक आला पुलिस अधिकारी को परिवहन आयुक्त बनवाने, आधा दर्जन लोगों को नौकरी और ट्रांसफर के नाम पर ठगने की कोशिश कर रहा था। यह शातिर इंदौर के एक व्यक्ति को भोपाल की 59 एकड़ विवादित जमीन को राजस्व विभाग से निजी जमीन कराने की भी डील कर रह था। जमीन का वर्तमान बाजार मूल्य करीब 300 करोड़ है।
स्पेशल ब्रांच के मुख्यमंत्री के विंध्य कोठी में तैनात पुलिस अधिकारियों को उसकी गतिविधियां संदिग्ध लगने पर भोपाल क्राइम ब्रांच को सूचना दी गई। जिसके बाद उसे हिरासत में ले लिया। बताया गया कि यह ठग पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी का भी खास था। लेकिन, भाजपा की जीत के बाद वह अपनी टीम के साथ भोपाल आया और डॉ मोहन यादव के भाजपा विधायक दल के नेता चुने जाने के बाद वह अपने आपको उनका करीबी बताकर डील करने लगा।
विंध्य कोठी में तैनात स्पेशल ब्रांच के अधिकारियों ने जानकारी जुटाई तो पता चला कि मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव उस व्यक्ति को न तो जानते हैं और न ही कभी मिले। इसके उसे पकड़कर भोपाल क्राइम ब्रांच को सौंप दिया गया। आरोपी ने मुख्यमंत्री का करीबी बताकर एक बड़े पुलिस अधिकारी को परिवहन आयुक्त बनवाने की डील कर ही रहा था, शक होने पर पुलिस उसकी हर गतिविधि की निगरानी कर रही थी। इसी बीच नवीन ने इंदौर निवासी चेतन मराठे से भोपाल के हलालपुरा बस स्टैंड के पास 59 एकड़ राजस्व विभाग की विवादित जमीन को निजी कराने के लिए करोड़ों की डील कर ली। लेकिन, वह कोई बड़ी डील कर पाता उसके पहले ही क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़ गया।
क्राइम ब्रांच से मिली जानकारी के अनुसार नवीन उर्फ मीनू राठौर (40) इंदौर के चाणक्यपुरी कॉम्प्लेक्स, नालंदा परिसर का रहने वाला है। वह 10वीं फेल है और इंदौर में सूर्या इंटरप्राइसेस के नाम से ड्राई फ्रूट की दुकान चलाता है। उसकी टीम में कई जालसाज हैं। एक दिन नवीन विंध्य कोठी के बाहर बैठकर लोगों की सूची बनाकर मुख्यमंत्री की सुरक्षा में लगे अधिकारियों को देते हुए कहा कि मेरी सूची के अतिरिक्त कोई भी व्यक्ति मुख्यमंत्री से नहीं मिलेगा। इसके बाद मुख्यमंत्री की सुरक्षा में तैनात अधिकारियों ने स्पेशल ब्रांच के अधिकारियों का बताया।
नवीन का कहना है कि वो इंदौर में मसालों के साथ ड्राई फ्रूट की दुकान चलाता है। 1998 से 2007 तक संघ का प्रचारक रहा। उसके मामा व अन्य रिश्तेदार भी संघ से जुड़े हैं। 2008 में वह जीतू पटवारी से भी जुड़ा था। उसने 1 जनवरी को भोपाल के होटल में बेरोजगार शिक्षक संघ के पदाधिकारियों से मुलाकात कर शिक्षकों की नियुक्ति की बात की थी।