Case of Fake Nursing Colleges : हाईकोर्ट में 50 नर्सिंग कॉलेजों की जांच रिपोर्ट पेश, अगली सुनवाई 23 को!
Jabalpur : मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के सामने बुधवार को सीबीआई ने बंद लिफाफे में 50 नर्सिंग कॉलेजों की निरीक्षण रिपोर्ट पेश की। अभी तक सीबीआई मध्य प्रदेश मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी के अंतर्गत आने वाले 304 नर्सिंग कॉलेज की जांच रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश कर चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने 50 कॉलेजों की जांच पर स्थगन आदेश दिया है। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ और जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने रिपोर्ट को रिकॉर्ड में लेते हुए अलगी सुनवाई 23 जनवरी को निर्धारित की है।
याचिकाकर्ता लॉ स्टूडेंट एसोसिएशन की तरफ से दायर याचिका में फर्जी तरीके से नर्सिंग कॉलेज संचालित होने को चुनौती दी गई थी। याचिका में कहा गया है कि शैक्षणिक सत्र 2020-21 में प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य इलाकों में 55 नर्सिंग कॉलेज को मान्यता दी गई, वास्तविकता में ये कॉलेज सिर्फ कागज में संचालित हो रहे हैं। अधिकांश कॉलेज की निर्धारित स्थल में बिल्डिंग तक नहीं है। कुछ कॉलेज सिर्फ चार-पांच कमरों में संचालित हो रहे हैं। ऐसे कॉलेज में प्रयोगशाला सहित अन्य आवश्यक संरचना नहीं है। बिना छात्रावास ही कॉलेज का संचालन किया जा रहा है।
एक ही व्यक्ति कई जगह प्राचार्य
याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट को बताया गया था कि एक ही व्यक्ति कई नर्सिंग कॉलेजों का प्राचार्य है और तथ्यात्मक रूप से भी अलग-अलग कॉलेज में कार्यरत है, जिन कॉलेज में कार्यरत है उनकी दूरी सैकड़ों किलोमीटर दूर है। इसके अलावा माईग्रेट तथा फर्जी तत्थों का मामला भी याचिकाकर्ता की तरफ से उठाया गया था।
हाईकोर्ट ने याचिका की सुनवाई करते हुए डीएमई को तलब किया था। डीएमई अरुण श्रीवास्तव ने व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर मांफी मांगते हुए पूर्व रजिस्ट्रार के खिलाफ उचित कार्रवाई के संबंध में शपथ-पत्र प्रस्तुत किया था। युगलपीठ ने ग्वालियर तथा इंदौर खंडपीठ में लंबित नर्सिंग कॉलेज संबंधित याचिकाओं को मुख्यपीठ स्थानांतरित करने के आदेश जारी किए थे।
304 कॉलेजों की जांच रिपोर्ट पेश
याचिकाओं की सुनवाई करते हुए युगलपीठ ने प्रदेश के नर्सिंग कॉलेजों की जांच सीबीआई को सौंपी थी। युगलपीठ ने सीबीआई को जांच के लिए तीन माह का समय दिया था। याचिका की सुनवाई के दौरान चार जनवरी को सीबीआई ने 254 नर्सिंग कॉलेजों की जांच रिपोर्ट युगलपीठ के समक्ष पेश की थी। बचे हुए कॉलेजों की जांच के लिए युगलपीठ ने 15 दिनों का समय दिया था।
याचिका पर बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान सीबीआई की तरफ से 50 कॉलेजों की रिपोर्ट पेश की गई। सीबीआई द्वारा एमपीएमएसयू से मान्यता प्राप्त 304 कॉलेजों की निरीक्षण रिपोर्ट अभी तक पेश की गई है। सरकार की तरफ से जीएनएम के रिजल्ट घोषित करने की अनुमति युगलपीठ से मांगी गई। युगलपीठ ने इस पर हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। सुनवाई के दौरान खुद याचिकाकर्ता भी मौजूद रहे।