3 World Records in Painting Exhibition : श्री राम के जीवन पर पेंटिंग प्रदर्शनी में 3 वर्ल्ड रिकॉर्ड बने! 

160 सीबीएसई स्कूलों स्टूडेंट्स ने राम के जीवन प्रसंगों पर 41148 पेटिंग्स बनाई! 

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3 World Records in Painting Exhibition : श्री राम के जीवन पर पेंटिंग प्रदर्शनी में 3 वर्ल्ड रिकॉर्ड बने! 

Indore : एसोसिएशन ऑफ अनएडेड सीबीएसई स्कूल, नगर निगम और इंदौर सहोदय स्कूल ने दशहरा मैदान में भगवान राम के जीवन पर आधारित पेंटिंग प्रदर्शनी लगाई। इस प्रदर्शनी में शहर के 160 सीबीएसई स्कूलों के हजारों स्टूडेंट्स ने भगवान श्री राम के जीवन पर आधारित प्रसंगों पर 41 हजार 148 पेटिंग्स बनाई। इस प्रदर्शनी ने गोल्डन बुक ऑफ रिकॉर्ड, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड और वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराया गया।

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इस अवसर पर नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बच्चों को भजन भी सुनाए और बच्चों से 22 जनवरी को घरों के बाहर दीपक जलाने और पटाखे फोड़कर दीपावली मनाने का आग्रह भी किया। समारोह में विधायक रमेश मेंदोला, मालिनी गौड़, मधु वर्मा और महापौर पुष्यमित्र भार्गव उपस्थित थे।

160 स्कूलों के स्टूडेंट्स शामिल हुए 

एसोसिएशन ऑफ अनएडेड सीबीएसई स्कूल के अध्यक्ष अनिल धूपर ने बताया 160 स्कूलों के स्टूडेंट्स ने पेंटिंग बनाई है। प्रदर्शनी में 41148 पेंटिंग प्रदर्शित की गई। इससे पहले का रिकॉर्ड 26 हजार पेंटिंग का था। विद्यार्थियों को पेंटिंग बनाने के लिए भगवान राम, रामायण, रामचरित मानस की हर जानकारी दी गई थी। साथ ही उन्हें वीडियो भी दिखाए गए। इस आधार पर स्टूडेंट्स ने पेंटिंग बनाई, जिसका प्रदर्शन यहां किया गया। इस पूरी प्रक्रिया को सिर्फ एक सप्ताह में मूर्त रूप देना भी किसी रिकॉर्ड से कम नहीं है। बच्चों ने भी इसे सफल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

पेंटिंग में राम जन्म से उत्तरकांड तक 

प्रदर्शनी को देखकर ऐसा लग रहा था मानों बच्चों ने रामायण के सभी प्रसंगों को पेंटिंग में उकेर दिया। इन पेंटिंग्स में राम जन्म से लेकर उत्तरकांड तक के सुंदर चित्रण देखने को मिले। बच्चों ने अपनी कलाकारी से इन सभी दृश्यों को कैनवास पर इस प्रकार से उकेरा जैसे उन्होंने इन घटनाओं को अपने सामने होते हुए देखा हो। हर बारीकी को बेहद खूबसूरती के साथ पेंटिंग्स पर उकेरा गया। सीबीएसई सहोदय ग्रुप की चेयरपर्सन ईसाबेल स्वामी ने बताया कि हर स्कूल से अधिकतम 1 हजार और न्यूनतम 500 पेंटिंग मंगवाई गई। 2 हजार विद्यार्थी और 500 शिक्षकों ने इस प्रदर्शनी को मूर्त रूप दिया।