सिविल सेवा में चयनित 686 अधिकारियों को सीएम मोहन यादव ने दिए नियुक्ति पत्र

मध्यप्रदेश के विकास विजन से परिचित हुए अधिकारी, मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सुशासन पर किया संवाद

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सिविल सेवा में चयनित 686 अधिकारियों को सीएम मोहन यादव ने दिए नियुक्ति पत्र

भोपाल:मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने सिविल सेवा में चयनित अधिकारियों से कहा कि वे चुनौतियों के आगे सिर नहीं झुकाएं और प्रदेश में सुशासन की स्थापना में सहयोग कर प्रदेश को नंबर वन बनाए। समाज के आखिरी व्यक्ति के जीवन में बदलाव आना चाहिए।

सीएम ने मध्यप्रदेश सिविल सेवा के वर्ष 2019 एवं वर्ष 2020 के लिये चयनित 686 अभ्यर्थियों को मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने नियुक्ति पत्र प्रदान किए।

इस अवसर पर सीएम ने अफसरों से कहा कि तकनीकी के हर क्षेत्र में हमे दक्षता हासिल करना चाहिए। पीएम बनने के बाद मोदी जी ने कई सारी भाषाओं को सीखा। प्रधानमंत्री तकनीकी के हर क्षेत्र का इस्तेमाल करते है।शंकराचार्य शैली हमे सौ फीसदी अपने कार्य के प्रति दक्ष बनाती है।

इस मौके पर सीएम ने अधिकारियों से सुशासन की प्रक्रिया पर संवाद किया और उन्हें सतत विकास के लक्ष्य, गुड गर्वनेंस और राज्य सरकार के विकास विजन से परिचित कराया । इस मौके पर अभ्यर्थियो ने सीएम से सवाल जवाब भी किए जिनके उन्होंने रोचक जवाब दिए। सीएम ने कहा कि वर्षो की तपस्या से आप इस मुकाम पर पहुंचे है। यह नियुक्ति पत्र नहीं बल्कि विश्वास पत्र है। प्रदेश में सुशासन की स्थापना करने में आप लोग सहयोग करें। सीएम ने कहा कि अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से एक तरह से देश में सुशासन की प्राण प्रतिष्ठा हुई है। आप लोग आगे बढ़ना चाहते है उसमें मै पूरा सहयोग करुंगा।

सीएम ने जिन अधिकारियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए गए उनमें कुल 686 चयनित अभ्यर्थियों में 187 अनारक्षित, 157 अन्य पिछड़ा वर्ग, 110 अनुसूचित जाति, 150 अनुसूचित जनजाति एवं 82 आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अभ्यर्थी शामिल है।

नवागत अधिकारी वाणिज्यिक कर विभाग (वाणिज्यिक कर, पंजीयन, आबकारी), वित्त विभाग, कार्मिक विभाग, राजस्व विभाग, स्कूल शिक्षा, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, गृह विभाग, नगरीय प्रशासन विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, श्रम विभाग, जनसम्पर्क विभाग, जनजातीय कार्य विभाग, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग, सहकारिता विभाग एवं जेल विभाग में पदस्थ किए जाएंगे।

रोचक सवाल-जवाब-
आयुषी साहू ने पूछा कि जन समस्याओं को हल करने में कौन सी तीन बातों का ध्यान रखना चाहिए। इस पर सीएम ने कहा कि जाने-अनजाने में हमसे कोई गलती नहीं हो। इरादा हमेशा सही हो और हमे कोई काम नहीं टालना चाहिए। तीसरी सबसे बड़ी बात हमे कभी अपनी जड़ों को नहीं भूलना चाहिए। जूते का फीता बंधवाने वाले चितरंगी एसडीएम के कृत्य का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि वह भले ही बीमार हो लेकिन इसका संदेश समाज में अच्छा नहीं जाता है। अभिनव आर्य के सवाल पर सीएम ने कहा कि आखिरी व्यक्ति के जीवन में बदलाव आना चाहिए।

हमारी गौरवशालीर परंपरा है। सर्वे भवन्तु सुखिन पर विचार करना चाहिए। सभी विभाग मिलकर बेहतर कार्य करे जिससे मध्यप्रदेश हर क्षेत्र में नंबर वन बने। सीएम ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि वर्ष 1986 में एक चेयरमेन ने उनसे पूछा कि क्या करोंगे। तब लड़कपन में मैने कर दिया था कि मेरे अंडर में कई आईएएस काम करेंगे तब मै विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष बना तब मैने देखा कि यहां कई अधिकारी मेरे अंडर में थे।नायब तहसीलदार प्रकाश उपाध्याय के सवाल के जवाब में सीएम ने कहा कि वे रोज डायरी में अपनी दिनचर्या नोट करते है और महत्वपूर्ण कामों को पहले करते है। आगे बढ़ने के लिए केवल ललक होना चाहिए।

अंकित चौबे ने पूछा परीक्षा की तैयारी में दोस्तों की बहुत भूमिका होती है। इस पर सीएम ने कहा कि जीवन में किए जाने वाले कामों के लिए सहयोग करने वालों की जरुरत होती है। मैने होटल चलाते हुए पढ़ाई और छात्र राजनीति की। मेरे वही मित्र है जो परमात्मा के आर्शीवाद के चलते पहले भी मदद करते थे और आज भी मदद करते है।

कार्यक्रम में प्रदेश की विगत 20 वर्षों की प्रगति यात्रा एवं प्रमुख सामाजिक एवं आर्थिक संकेतकों का प्रस्तुतिकरण किया गया। मुख्यमंत्री से चयनित अभ्यर्थियों से सीधे संवाद के अतिरिक्त अभ्यर्थी अपनी सफलता और लक्ष्य प्राप्ति में आई कठिनाईयों की जानकारी दी।

कार्यक्रम में सुशासन के आयाम विषय पर विशेषज्ञ द्वारा वक्तव्य दिया गया। गुड गर्वनेंस के साथ टेक्नॉलाजी इन गर्वनेंस, सी.एम. हेल्पलाईन एवं अन्य तकनीकी इंटरवेंशन के विषय पर भी उद्बोधन हुआ।