फर्जी कम्पनी बनाकर बैंकों में खुलवाए खातों में 45 दिनों में 50 करोड़ से अधिक का ट्रांजेक्शन, 3 आरोपी पकड़ाए!

निम्न वर्ग के युवकों को जाल में उलझाकर उनके दस्तावेजों से बैंक में ट्रांजेक्शन!

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फर्जी कम्पनी बनाकर बैंकों में खुलवाए खातों में 45 दिनों में 50 करोड़ से अधिक का ट्रांजेक्शन, 3 आरोपी पकड़ाए!

Ratlam : पुलिस ने आम लोगों के नाम पर फर्जी कंपनी बनाकर बैंक खाता खोलने और उससे करोड़ों का ट्रांजैक्शन करने के मामले का बड़ा खुलासा किया हैं।मामले में राजस्थान के 3 युवकों को गिरफ्तार किया हैं। जांच में और भी कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आ सकती हैं।

एसपी राहुल कुमार लोढा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मामले का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि अभी तक इस मामले में जो जानकारी सामने आई हैं उसमें रतलाम में रहने वाले 4 लोगों के नाम पर फर्जी कंपनियां बनाकर अलग-अलग बैंकों में खाते खुलवाए गए और इन बैंक खातों के माध्यम से करोड़ों रुपए का ट्रांजैक्शन किया गया।

शहर में फास्ट फूड का ठेला लगाने वाले सूरज चौरे नाम के व्यक्ति ने पुलिस को इस मामले को लेकर शिकायत की थी, इसके बाद एसपी के निर्देश पर जांच शुरू हुई तो , जो मामला सामने आया उससे पुलिस भी हैरान हो गई।

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एसपी ने बताया कि इस मामले में पुलिस ने राजस्थान के रहने वाले तुलसीराम पिता गोपाल ओझा, योगेश पिता मदनलाल शर्मा और सूर्य प्रकाश त्रिपाठी को गिरफ्तार किया हैं। तीनों लोग शहर के शक्ति नगर क्षेत्र में रह रहें थे।

फरियादी सूरज ने पुलिस को शिकायत में बताया कि कुछ समय पहले उसकी मुलाकात तुलसीराम से हुई थी। जिसने सूरज को हर महीने 15 हजार रुपए देने का लालच दिया। इसके बदले में सूरज के नाम से एक फर्म बनाकर बैंक खाते खुलवाए गए। तुलसीराम ने बैंक खाते की डिटेल्स, चेक बुक और खाते में दर्ज नंबर की सिम सूरज से ले ली थी। तुलसीराम ने सूरज को और भी लोगों के खाते खुलवाने और पैसे देने का लालच दिया। इसके बाद सूरज ने दो और खाते और खुलवाए, लेकिन तुलसीराम ने 2 अन्य खातों के रुपए सूरज को नहीं दिए। रुपए नहीं मिलने पर सूरज बैंक में खाता बंद करवाने पंहुचा तो उसे पता चला कि उसके खाते से करोड़ों रुपए का लेनदेन हो रहा हैं। उसके चेक पर किसी अन्य व्यक्ति के हस्ताक्षर कर लेनदेन किया जा रहा हैं। इसके बाद फरियादी सूरज द्वारा बैंक खाता फ्रिज करवाने के लिए बैंक में आवेदन दिया और मामले की शिकायत पुलिस को की।

एसपी ने बताया कि जब उन्हें मामले की जानकारी मिली तो फरियादी की रिपोर्ट पर धारा 420, 467, 468,120 बी में प्रकरण दर्ज कर मामले को अनुसंधान में लिया गया। मामले की जांच के लिए एसपी राकेश खाखा के मार्गदर्शन में साइबर सेल और औद्योगिक क्षेत्र पुलिस की संयुक्त टीम बनाई गई।

इसके बाद शक्ति नगर में आरोपियों के ठिकानों पर दबिश देकर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया।आरोपियों को कोर्ट में पेश कर 3 फरवरी तक की रिमांड ली गई हैं।

एसपी ने बताया कि जांच में अभी तक 4 लोगों के नाम से अलग-अलग बैंकों में खाता खोले जाने की जानकारी मिली हैं। सूरज के अलावा जिन लोगों के नाम पर खाते खोले गए हैं उनमें एक मजदूरी करता हैं। एक प्रिंटिंग प्रेस पर काम करता हैं और एक सब्जी का ठेला लगाता हैं। चारों ही लोगों को रुपयों का लालच देकर उनके दस्तावेज लिए और फर्जी कंपनियां बनाकर बाकायदा जीएसटी नंबर भी लिए गए। इसके बाद अलग-अलग बैंकों में खाते उनके नाम से खुलवाए गए। जांच में पता चला हैं कि यह खाते डेढ़ से दो माह पहले ही खुलवाए गए हैं। इतने समय में ही इन खातों से 50 से 60 करोड रुपए का ट्रांजेक्शन होने की जानकारी सामने आई हैं।

खातों की जांच में पता चला है कि इनमें अलग-अलग शहरों से रुपए का लेनदेन किया गया हैं। करोड़ों रुपए का ट्रांजेक्शन भी हुआ हैं जो चौंकाने वाला हैं। आरोपियों के मोबाइल नंबरों से उन्हें कुछ अन्य मोबाइल नंबर प्राप्त हुए हैं। वहीं एक लैपटॉप भी जप्त किया गया हैं। आरोपियों की कुछ लोगों से चैटिंग भी मिली हैं। पुलिस सायबर सेल और पूछताछ के आधार पर पता लगाने का प्रयास कर रही हैं कि इस खेल के पीछे कौन-कौन लोग शामिल हैं और उनका असल उद्देश्य क्या हैं।

जांच में पुलिस को अन्य शहरों में भी 35 से 40 खातों की जानकारी मिली हैं, वहीं अन्य राज्यों में भी 40 से 50 फर्जी कंपनियों का पता लगा हैं। कुछ शहरों में खातों को फ्रिज भी करवाया गया है, जिससे पता चलता हैं कि अन्य शहरों में भी इस मामले की शिकायत हुई हैं जिसके बाद खाते फ्रीज हुए हैं। पुलिस ने यहां बैंक में खोले गए सभी खातों को फ्रिज करवा दिया हैं। पुलिस अब इस मामले की पड़ताल में जुटी हैं।

*क्या कहते हैं एसपी* 

बैंक के किसी खाते में संदिग्ध या बड़े ट्रांजेक्शन होने पर बैंक अधिकारी को इन्कमटैक्स विभाग को इसकी जानकारी देनी होती हैं। शहर की बैंकों में खोले गए 9 खातों में पिछले डेढ़ माह में 50 करोड़ रुपए से अधिक का ट्रांजैक्शन होना, और बैंको द्वारा इस और ध्यान नहीं देना संदेहास्पद हैं। पुलिस मामले में बैंक के नियमों की जानकारी ले रहीं हैं जिसके बाद संबंधित बैंक के अधिकारियों से भी पुलिस पूछताछ करेगी। मामले में और भी नाम उजागर हो सकते हैं।

राहुल कुमार लोढ़ा