Preparation for Good Governance : CM योग्य और विश्वस्त अफसरों की टीम बनाने में जुटे, कई पुराने अफसर इधर-उधर!  

IIM और IIT से शिक्षित अफसरों को मंत्रालय में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई!

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Preparation for Good Governance : CM योग्य और विश्वस्त अफसरों की टीम बनाने में जुटे, कई पुराने अफसर इधर-उधर!  

Bhopal : मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कम समय में ही अपनी कार्यशैली की अलग छाप छोड़ी है। वहीं, उन्होंने बदतमीज अफसरों पर सख्त निर्णय भी लिए। दूसरी तरफ गुड गवर्नेंस के लिए योग्य अफसरों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। यही कारण है कि महत्वपूर्ण पदों पर सोच-समझकर तबादले किए जा रहे हैं।

यहां तक कि मंत्रियों को भी उन्होंने सुशासन का प्रशिक्षण दिलाया, जिसकी सराहना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी की। जब मुख्यमंत्री उनसे मिले और अन्य योजनाओं के साथ लीडरशिप समिट के दो दिवसीय आयोजन की जानकारी भी उन्हें दी। इतना ही नहीं उन्होंने मुख्यमंत्री सचिवालय का कायाकल्प भी शुरू किया है। शुरु में अधिकांश लोगों को लगा कि नेतृत्व ने वरिष्ठों को नजरअंदाज कर कनिष्ठ अफसरों को मुखिया का पद सौंप दिया और उन्हें काम करने में परेशानी आएगी। मगर एक-डेढ़ महीने के अपने कार्यकाल में ही डॉ मोहन यादव ने इस तरह की अटकलों को खारिज कर दिया। गड़बड़ी पाए जाने पर तुरंत अफसरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी की। दूसरी तरफ तबादलों के मामले में भी सोच-समझकर निर्णय लिए जा रहे है।

मंत्रालयों में भी आईआईटी और आईआईएम जैसे संस्थानों से शिक्षित अफसरों के अलावा अच्छा प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को नियुक्त किया गया। जनसम्पर्क आयुक्त के रूप में जहां संदीप यादव को लाया गया। इसके अलावा भरत यादव, अविनाश लवानिया, अंशुल गुप्ता, चंद्रशेखर वालिंबे और अदिति गर्ग को भी मुख्यमंत्री सचिवालय में पदस्थ किया गया। ये सभी अधिकारी बेहतर कार्य क्षमता के साथ नए विजन से जुड़े रहे हैं।

इंदौर कलेक्टर के बाद पुलिस कमिश्नर के रूप में भी उन्होंने इसी तरह की नियुक्ति करवाई। जिन नौकरशाहों की कार्य प्रणाली को वे पहले से जानते हैं उन्हें अब बेहतर अवसर दिए जा रहे हैं। प्रमुख सचिव राघवेन्द्र सिंह का चयन भी खरा साबित हुआ, जिन्होंने चंद दिनों में ही अपना असर दिखाया है। कुल मिलाकर डॉ मोहन यादव अपनी योग्य टीम बनाने में जुटे है, ताकि गुड गवर्नेंस का एक बेहतर मॉडल मध्यप्रदेश में खड़ा किया जा सके।