फली नरीमन का निधन, कहा जाता है न्यायपालिका का भीष्म पितामह
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील फ़ाली एस. नरीमन का 95 वर्ष की आयु में निधन हो गया. नरीमन का निधन दिल्ली स्थित उनके आवास पर हुआ. जानकारी के मुताबिक, सुप्रसिद्ध न्यायविद फ़ाली नरीमन पिछले कुछ दिन से अस्वस्थ चल रहे थे. कांग्रेस नेता अभिषेक मु सिंघवी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर लिखा है- एक युग का अंत हुआ है. फ़ाली नरीमन अब हमारे बीच नहीं रहे हैं. वे हमारे दिलों में हमेशा बसे रहेंगे.
फ़ाली एस. नरीमन सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील थे. उनकी पहचान एक बेहतरीन वकील के तौर पर की जाती है. 1999-2005 तक वे राज्यसभा के सदस्य भी रहे हैं.
नागरिकों की व्यक्तिगत आज़ादी के बड़े पैरोकार रहे फ़ाली नरीमन 1972-1975 तक तीन साल तक भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल भी रहे. उन्होंने ASG के जून 1975 में तब इस्तीफा दे दिया जब इंदिरा गांधी सरकार ने इमरजेंसी लगाने का फैसला दिया था.
End of an era—#falinariman passes away, a living legend who wl forever be in hearts &minds of those in law &public life. Above all his diverse achievements, he stuck to his principles unwaveringly &called a spade a spade, a quality shared by his brilliant son #Rohinton.
— Abhishek Singhvi (@DrAMSinghvi) February 21, 2024
फ़ाली नरीमन ने कई महत्वपूर्ण संवैधानिक मामलों में जिरह की जिनमे NJAC, SCAoR एसोसिएशन केस, जिसके चलते जजों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम सिस्टम आया, अल्पसंख्यको के अधिकार से जुड़ा TMA Pai केस अहम है.
उन्होंने ऐसे कई मामलों में बहस की है जो कि देश का कानून बन गए. उन्हें पद्म भूषण और पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है. नरीमन ने एक किताब बिफोर मेमोरी फ़ेड्स भी लिखी थी.
जानकारी के मुताबिक, फ़ाली ने 70 साल तक सुप्रीम कोर्ट और हाइकोर्ट की वकालत की है. 1991 में पद्म भूषण और 2007 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था. फ़ाली देश के जाने माने वकील हैं. 95 साल की उम्र में उन्होंने दिल्ली स्थित आवास पर अंतिम सांस ली.