Condition of Health Services : गर्भवती की हालत बिगड़ी, जो एम्बुलेंस मिली उसमें ऑक्सीजन नहीं, मौत हुई!
Bhopal : उच्च शिक्षा के कमिश्नर निशांत वरवड़े के ड्राइवर गोपाल राव बांगर की गर्भवती पत्नी सुमन बांगर की मौत सरकारी लापरवाही की वजह से हो गई। ड्राइवर की गर्भवती पत्नी जेपी अस्पताल में भर्ती थीं। उसे सिजेरियन डिलीवरी होना थी। लेकिन, तबीयत बिगड़ने पर उसे हमीदिया अस्पताल रेफर किया गया। किंतु, जब उसे हमीदिया अस्पताल ले जाना था, तब वो अव्यस्था की शिकार हो गई।
बताया गया कि उसे हमीदिया ले जाने के लिए समय पर एंबुलेंस नहीं मिली, फिर जो मिली उसमें ऑक्सीजन की सुविधा नहीं थी। ऐसे में सुमन की हालत और ज्यादा बिगड़ती गई और हमीदिया में उन्होंने दम तोड़ दिया। यह मामला दो सप्ताह पुराना है। घटना को दबाने की हरसंभव कोशिश की गई। यहां तक कि स्वास्थ्य विभाग ने आनन-फानन में जांच कमेटी भी बना दी।
एम्बुलेंस का ड्राइवर गायब फिर ऑक्सीजन नहीं
गोपाल राव बांगर के मुताबिक 13 फरवरी को पत्नी की सिजेरियन डिलीवरी होनी थी। सुबह 10 बजे पत्नी को लेकर जेपी अस्पताल पहुंचा। सुमन को इंजेक्शन लगाए गए तो उसे झटके आना शुरू हो गए। स्थिति नहीं सुधरी तो डॉक्टरों ने 12 बजे हमीदिया रेफर कर दिया। मैं एंबुलेंस लेने गया तो वहां एंबुलेंस का ड्राइवर गायब था। अस्पताल प्रबंधन को जानकारी दी गई, थोड़ी देर बाद ड्राइवर आया। फिर सुमन को एंबुलेंस में शिफ्ट किया।
डॉक्टर्स ने कहा कि जल्दी ऑक्सीजन लगाओ तो पता चला कि एम्बुलेंस में ऑक्सीजन नहीं थी। तबीयत लगातार बिगड़ती देख बिना ऑक्सीजन के हमीदिया ले गए। दोपहर एक बजे हमीदिया पहुंचे। जांचें हुईं। डॉक्टर्स बोले कि स्थिति खराब है। सिर्फ बच्चे को बचा पाएंगे। सुमन का ऑपरेशन हुआ। बेटा स्वस्थ था, पर सुमन वेंटिलेटर पर जा चुकी थी। उसे आईसीयू में भर्ती किया गया। अगली सुबह उसने दम तोड़ दिया।
हर मैटरनल डेथ के कारणों जांच होती है, पर यह मामला हाई प्रोफाइल था, इसलिए एनएचएम की एमडी प्रियंका दास ने तत्काल जांच कमेटी बनाई। जीएमसी डीन डॉ सलिल भार्गव ने कहा कि रिपोर्ट के आधार पर आगे का निर्णय शासन के आदेश के अनुसार लेंगे।