Poor Health System : जनजाति इलाकों में 17 हजार पर सिर्फ एक डॉक्टर!

सुविधाओं की कमी के कारण सामान्य बीमारियां भी गंभीर रूप ले रही!

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Poor Health System : जनजाति इलाकों में 17 हजार पर सिर्फ एक डॉक्टर!

Indore : जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन और शिवगंगा द्वारा जनजाति स्वास्थ्य सेवाओं व आरोग्य को लेकर एमजीएम मेडिकल कॉलेज ऑडिटोरियम में संगोष्ठी आयोजित की गई। जिसमें बताया कि इंदौर से 150 किलोमीटर दूर बसे जनजाति बहुल क्षेत्र झाबुआ में विकास के अनेक मापदंडों पर आज भी बहुत पीछे है। इसमें सबसे गंभीर है, स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव।

गांवों के विकास से ही भारत का विकास संभव है। किंतु पोषण और चिकित्सा उपलब्धता की कमी और उससे हो रहा कर्ज सर्वांगीण ग्राम समृद्धि में सबसे बड़ी बाधा है। हालात यह है कि 17000 लोगों पर एक चिकित्सक है। यह स्थिति झाबुआ के अलावा, अलीराजपुर, बड़वानी, धार की भी है। आसान पहुंच नहीं होने का कारण सामान्य बीमारी भी गंभीर रूप ले लेती है।

इलाज के लिए भटकते हुए गलत स्थानों पर पहुंचने की वजह से प्रत्येक परिवार पर अत्यधिक कर्ज़ का बोझ होता जा रहा है। कर्ज चुकाने के लिए लाखों परिवार मजबूर होकर मजदूरी के लिए जा रहे हैं। लेकिन, अपने क्षेत्र को बीमारियों और कर्ज से मुक्त करने के लिए गांवों के युवाओं ने बेड़ा उठा लिया। करीब 21 हजार युवा शिवगंगा के साथ जुड़कर सामाजिक कार्य कर रहे हैं। शिवगंगा पिछले 20 वर्षों से जनजाति बहुल क्षेत्र में ग्राम विकास के लिए काम कर रही है।

इस आयोजन में लोकनाट्य के चित्र दर्शन हुआ व उसके बाद आरोग्य विषय पर संवाद हुआ। शिवगंगा प्रमुख एवं पद्मश्री महेश शर्मा ने बताया कि सरकार अपना काम कर रही है और अस्पताल में सुविधा मिल रही है। लेकिन, सभी लोगों को समाज सेवा के लिए आगे आना चाहिए। उन्हें समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझना चाहिए। इस दौरान डीन डॉ संजय दीक्षित, हर्ष चौहान, राजाराम कटारा, डॉ नयन जैन आदि मौजूद रहे।