Question Raised on Appointment of Lokayukta : नेता प्रतिपक्ष ने लोकायुक्त की नियुक्ति प्रक्रिया को असंवैधानिक बताया!

जानिए, क्या था पूरा विवाद!

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Question Raised on Appointment of Lokayukta : नेता प्रतिपक्ष ने लोकायुक्त की नियुक्ति प्रक्रिया को असंवैधानिक बताया!

Bhopal : मध्यप्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष और वरिष्ठ कांग्रेस नेता उमंग सिंघार ने प्रदेश में नए लोकायुक्त की नियुक्ति पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने शासन को पत्र लिखकर लोकायुक्त नियुक्ति की प्रक्रिया को अवैध बताया है। नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि राज्य में असंवैधानिक तरीके से लोकायुक्त की नियुक्ति की गई है। उनका आरोप है कि इस नियुक्ति में नेता प्रतिपक्ष की स्वीकृति नहीं ली गई।

उन्होंने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में मांग की है कि इस नियुक्ति को रोका जाए। सरकार ने न्यायमूर्ति सत्येन्द्र कुमार सिंह को प्रदेश का नया लोकायुक्त नियुक्त किया गया है। सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) ने शनिवार रात इस संबंध में एक आदेश जारी किया। इस आदेश में कहा गया कि न्यायमूर्ति सिंह को मध्य प्रदेश लोकायुक्त और उप-लोकायुक्त अधिनियम, 1981 के तहत लोकायुक्त नियुक्त किया गया है।

इस आदेश को लेकर उमंग सिंघार ने सोशल मीडिया एक्स पर पत्र को पोस्ट करते हुए लिखा कि प्रदेश की भाजपा सरकार अब केंद्र की भाजपा सरकार की तरह तानाशाही रवैया अपना चुकी है। मध्य प्रदेश से भाजपा सरकार द्वारा संविधान बदलने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई। मैं इसकी घोर निन्दा करता हूं। लोकायुक्त की नियुक्ति में असंवैधानिक प्रक्रिया अपनाई गई है। तत्काल लोकयुक्त की नियुक्ति समारोह को रोका जाए एवं नियुक्ति की संवैधानिक प्रक्रिया अपनाई जाए।

अपने पत्र में उन्होंने लिखा कि प्रदेश में लोकायुक्त की नियुक्ति निश्चित रुप से जनहित का कार्य है। सरकार द्वारा एक नाम पर अपना अंतिम निर्णय लेकर लोकायुक्त नियुक्ति की अधिसूचना 9 मार्च को जारी कर दी गई, इसमें नेता प्रतिपक्ष से कोई परामर्श नहीं लिया गया। लोकायुक्त की नियुक्ति के लिए अपनाई गई प्रक्रिया विधि संगत न होकर अवैध है।मध्य प्रदेश में लोकायुक्त की नियुक्ति निश्चित रुप से जनहित का कार्य है। सरकार द्वारा एक नाम पर अपना अंतिम निर्णय लेकर लोकायुक्त नियुक्ति की अधिसूचना 9 मार्च को जारी कर दी गई, इसमें नेता प्रतिपक्ष से कोई परामर्श नहीं लिया गया है। सरकार द्वारा लोकायुक्त की नियुक्ति हेतु अपनाई गई प्रक्रिया विधि संगत न होकर अवैध है।

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यह पहले भी हुआ था

पिछले साल अक्टूबर में जब लोकायुक्त का कार्यकाल पूरा हुआ था, उस समय भी तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह को बैठक की समय पर सूचना नहीं दी गई थी। इस पर गोविंद सिंह ने आपत्ति ली थी कि मुझे 3 दिन पहले सूचना दी जानी चाहिए थी, मैं अपने क्षेत्र लहार में हूँ। इस पर वो बैठक नहीं हुई थी और लोकायुक्त का कार्यकाल एक साल बढ़ा दिया गया था। लेकिन, इस बार नेता प्रतिपक्ष को सूचना दिए बिना लोकायुक्त नियुक्त कर दिया गया जिस पर सवाल उठे हैं।

 

लोकायुक्त की नियुक्ति की प्रक्रिया

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने बताया कि लोकायुक्त की नियुक्ति के संबंध में आवश्यक शर्त है कि मध्य प्रदेश लोकायुक्त एवं उप लोकायुक्त अधिनियम 1981 के अनुसार, राज्यपाल द्वारा नियुक्ति एमपी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश और नेता प्रतिपक्ष से परामर्श लेने के उपरांत की जानी चाहिए। इसलिए मेरी सरकार से अपील है कि इस अधिसूचना को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए। लेकिन, सरकार ने अनसुना कर लोकायुक्त को नियुक्त कर शपथ भी दिलवा दी।