Felicitation Ceremony : प्रथम आलोक भट्टाचार्य साहित्य सम्मान से शैलेश लोढ़ा और कथा सम्मान से हरीश पाठक सम्मानित!
Mumbai : समाज जहां बोलना बंद करता है, कवि वहां से शुरू होता है। गूंगे समाज की भाषा कविता है। यह विचार प्रख्यात कवि, अभिनेता शैलेश लोढ़ा ने गौतम प्रतिष्ठान द्वारा समाज के विभिन्न क्षेत्रों में बेहतरीन योगदान देने वाली शख्सियतों को सम्मानित करने के लिए सेंट्रल रेलवे ऑफिसर्स क्लब, माटुंगा में आयोजित सम्मान समारोह में व्यक्त किए। शैलेश लोढ़ा को कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रो नन्दलाल पाठक ने उन्हें ‘प्रथम आलोक भट्टाचार्य साहित्य सम्मान: से सम्मानित किया।
कार्यक्रम के संयोजक व प्रख्यात कवि मुकेश गौतम ने भावुक होते हुए कहा कि आलोक जी मेरे जीवन में उजास की तरह थे। वे मंच के कुशल संचालक भी थे और वे मंच को साधने की कला में निपुण थे। प्रथम आलोक भट्टाचार्य कथा सम्मान से सम्मानित कथाकार और पत्रकार हरीश पाठक ने कहा कि आलोक एक आंदोलनकारी था। वे सच के पैरोकार थे। उन्होंने कभी अपनी प्रतिबद्धता नहीं बदली। वे विचार और विचारधारा के कवि थे।
इस अवसर पर सुनील पाल को प्रथम गुफी पेंटल बेस्ट कॉमेडियन सम्मान, अभय मिश्रा को आलोक भट्टाचार्य पत्रकार सम्मान, सुभाष काबरा को मंच सारथी सम्मान, प्रशांत फुलवने को समाज सेवा सम्मान, सलीम खान को राजभाषा सेवा सम्मान, सुलभा कोरे को भाषा सेतु सम्मान, अशोक शांडिल्य को खेल सम्मान व संगीता बाजपेयी को पर्यावरण सरंक्षक सम्मान से सम्मानित किया गया।
मंच पर प्रो नन्दलाल पाठक, अशोक बिंदल, अरविंद राही, डॉ अमरीश सिन्हा, रास बिहारी पांडेय, मुकेश गौतम मौजूद थे।संचालन डॉ रमेश यादव ने और सरस्वती वंदना सुमिता केशवा ने प्रस्तुत की। इस मौके पर अभिनेता गूफी पेंटल के पुत्र हैरी पेंटल, आलोक भट्टाचार्य की पत्नी रूना, पुत्र कबीर, भाई तुषार व बहन, सुरेश त्रिपाठी, अनिल गलगली, शैलेन्द्र श्रीवास्तव, प्रमिला शर्मा, सुमन सारस्वत, कमलेश पाठक, प्रतिमा चौहान, विमला गौतम, पूजा अलपुरिया, लता जोशी, मनीषा सिंह, विनीता, सुनीता चौहान, श्रीधर मिश्र, डॉ प्रमोद पल्लवित सहित कला, साहित्य, संस्कृति से जुड़े कई लोग मौजूद थे।