54th Green Corridor : इंदौर में बना 54वां ग्रीन कॉरिडोर, दोनों किडनी और एक लिवर दान किया!
Indore : केट के वरिष्ठ वैज्ञानिक श्रीरामुलु कंजेटी को ब्रेन हेमरेज के बाद ब्रेन डेड घोषित किया गया था। परिवार की सहमति के बाद उनकी एक किडनी विशेष जुपिटर अस्पताल और दूसरी चोइथराम अस्पताल भेजी गई। जबकि, लिवर शेल्बी अस्पताल भेजा गया। इसके लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाकर अंगों को चोइथराम और शैल्बी अस्पताल भेजा गया। अंगदान के लिए इंदौर में बनाया गया ये 54वां ग्रीन कॉरिडोर था।
जब शहर रंगपंचमी की सुबह मस्ती में था, तब शहर के तीन लोगों के जीवन में नया रंग भरा जा रहा था। शहर में शनिवार को 54वां ग्रीन काॅरिडोर बनाकर 3 लोगों का जीवन बचाया गया। शहर के राजा रमन्ना सेंटर फार एडवांस टेक्नालॉजी (केट) के सीनियर वैज्ञानिक श्रीरामुलु कंजेटी का निधन हो गया। डॉक्टरों ने श्रीरामुलु कंजेटी को ब्रेन डेड घोषित किया था। ‘विशेष अस्पताल’ में सीवियर ब्रेन हेमरेज के उपरांत भर्ती कंजेटी के परिजनों को डाॅ विनोद राय ने संभावित ब्रेन डेथ की सूचना दी। इसके बाद मुस्कान ग्रुप के संदीपन आर्य एवं डाॅ भाविक शाह ने परिवार के सदस्यों से अंगदान के लिए अनुरोध किया। अंगदान के लिए इनकी पुत्री लिपिका, पारिवारिक मित्रों ने भी जागरूकता दिखाई।
वैज्ञानिक कंजेटी की एक किडनी विशेष जुपिटर अस्पताल में महिला मरीज को, दूसरी चोइथराम अस्पताल में पुरुष मरीज को और लिवर शैल्बी अस्पताल में भर्ती मरीज को प्रत्यारोपित की जाएगी। ये मरीज लंबे समय से बीमारियों से ग्रसित हैं। राज्य के कुल अंगदान के 80% इंदौर में होते हैं। शहर के नौ अस्पतालों में अंगों के प्रत्याराेपण की सुविधा है। इंदौर त्वचा दान के मामले में देश में दूसरे नंबर पर है।
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मृतक के इन अंगों का दान संभव
दान किए जा सकने वाले अंगों में कार्निया, हृदय के वाल्व, हड्डी, त्वचा जैसे ऊतकों को प्राकृतिक मृत्यु के बाद दान किया जा सकता है। हृदय, यकृत, गुर्दे, फेफड़े और अग्नाशय जैसे अन्य महत्वपूर्ण अंगों को केवल ब्रेनडेड के मामले में ही दान किया जा सकता है।
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