Boycott of Pre-Wedding Shoot: पाटीदार समाज ने प्री वेडिंग शूट और सड़कों पर महिलाओं के नाच गाने पर लगाया प्रतिबंध
दिनेश सोलंकी की रिपोर्ट
महू (इंदौर) प्री वेडिंग एक सामाजिक कुरीति है जो आधुनिकता की आड़ में सामाजिक बुराइयों का प्रतीक है। पाटीदार समाज ने इस मामले में प्री वेडिंग का सामाजिक बहिष्कार और महिलाओं के सड़कों पर नाचने को लेकर प्रतिबन्ध लगाया है।
पाटीदार समाज के जिला मीडिया प्रभारी गणेश पाटीदार ‘कंप्यूटर’ ने बताया कि मितव्ययिता अपनाने वाला पाटीदार समाज नई-नई फैल रही कुरीतियों के प्रति भी चिंतित है।
इसी संदर्भ में इंदौर जिला पाटीदार समाज की एक सभा का आयोजन पाटीदार समाज धर्मशाला तिल्लोर खुर्द पर किया गया, जहां पर इंदौर जिले के 22 गांव से पाटीदार समाज संगठन, महिला संगठन और सरदार पटेल युवा संगठन के पदाधिकारी और वरिष्ठ समाजसेवी शामिल हुए।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रदेश अध्यक्ष कृष्णकांत पटेल, विशेष अतिथि प्रदेश सचिव राजेश कनावटी एवं बलराम सुले सरदार पटेल, युवा संगठन के प्रदेश अध्यक्ष जीवन पटेल, इंदौर जिला पाटीदार समाज महिला संगठन की अध्यक्षा प्रेमा पाटीदार, सरदार पटेल युवा संगठन के जिला अध्यक्ष कमलेश पाटीदार (बिंदु) एवं संगठन के कई पूर्व पदाधिकारी उपस्थित थे। अध्यक्षता जिला अध्यक्ष बलराम सेठ पाटीदार ने की।
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सभा में समाज की अच्छाइयों, बुराइयों और कुरीतियों पर गहन चिंतन किया गया।
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सर्वसम्मति से विशेष कर महिलाओं की उपस्थिति में महिलाओं द्वारा दिए गए सुझावों पर समाज हित में निम्न निर्णय लिए गए-
1. समाज का जो भी परिवार प्री वेडिंग शूट करवाएगा, समाज उसके यहां होने वाले विवाह समारोह का बहिष्कार करेगा।
2. बारात में परिवार के सिर्फ पांच वरिष्ठ सदस्यों को ही साफे बांधे जाएंगे, महिलाओं के साफे बांधने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
3. महिलाए लक्ष्मी स्वरुपा है। उनका बारात में सड़कों पर नाचना शोभा नहीं देता और यूँ भी बारात में नाचने पर सड़क पर यातायात प्रभावित होता है, इसलिए बारात में नाचने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
4. बारातियों की संख्या भी सीमित होगी अधिकतम 200 और क्योंकि साधन सुविधा होने से 500 से 800 बाराती बुलाए जाते हैं।
5. महिला संगीत में भी 700 -800 लोग बुलाए जाते हैं। इसको सीमित कर केवल पारिवारिक स्तर पर ही किया जाए।
6. सगाई समारोह भी पुराने रीति रिवाज के अनुसार पांच जोड़े बुलाकर किया जाए। आजकल सगाई समारोह में भी शादी जितना खर्च करने लगे हैं लोग।
7. टीवी मोबाइल देख कर माता बहनें जो पाश्चात्य वेशभूषा अपना रही है, उसकी जगह भारतीय संस्कृति अनुरूप वस्त्र धारण करें।
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8. शिक्षा के क्षेत्र में असमानता आ रही है। लड़कियां ज्यादा शिक्षित और लड़के कम शिक्षित हो रहे है, जिससे रिश्ते होने में समस्या आ रही है, परिजन को चाहिए कि वे लड़कों की शिक्षा पर भी ध्यान दें।
9. पहले लोग रिश्ते करवाना पुण्य का काम समझते थे इसलिए हर कोई दो परिवारों के बीच मध्यस्थ बन जाता था, अब परिस्थितिया बदल गई है इसलिए आजकल कोई भी मध्यस्थ नहीं बनना चाहता। इसलिए इंदौर जिला पाटीदार समाज संगठन ने प्रतिवर्ष इंदौर जिले में युवक युवती परिचय सम्मेलन करवाने का निर्णय लिया।
प्रारंभ में अतिथियों का स्वागत सुनील सोमात्रे, घनश्याम पाटीदार बाबूजी, विष्णु सर, सुरेंद्र पाटीदार, चिंतेश कापड़े, विजय भूत कमल पाटीदार ने किया। संचालन राजेश पाटीदार सर ने किया।