Ration chaos : गरीबो के पेट पर डाका, राशन की अफरा-तफरी पर 2 व्यक्तियों के विरुद्ध FIR
Ratlam : कलेक्टर राजेश बाथम के निर्देश पर जिले में अधिकारियों द्वारा राशन वितरण पर कड़ी नजर रखी जा रही हैं। निरीक्षण में राशन की अफरा-तफरी पाए जाने पर आलोट क्षेत्र के 2 विक्रेताओं के विरुद्ध पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज करवाई गई हैं।
जिला आपूर्ति अधिकारी आनंद गोले ने बताया कि विगत 15 मार्च को कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी आलोट सुश्री कादंबिनी धकाते द्वारा बालाजी प्राथमिक उपभोक्ता भंडार आलोट द्वारा संचालित शासकीय उचित मूल्य दुकान वार्ड नंबर 10 की जांच की गई। जांच के समय दुकान के बाहर दुकान की पहचान का पीला बोर्ड प्रदर्शित नहीं पाया गया, स्टॉक मूल्य सूची बोर्ड प्रदर्शित पाया गया किंतु प्रविष्टियां दर्ज नहीं पाई गई। जांच के समय स्टॉक रजिस्टर तथा वितरण रजिस्टर दुकान में उपलब्ध नहीं था।
दुकान के ईपीडीएस पोर्टल पर स्टॉक का, भौतिक सत्यापन में पाए स्टॉक से मिलान करने पर 5722 किलोग्राम गेहूं, 2506 किलोग्राम चावल तथा 7 किलोग्राम शकर कम पाई गई एवं 243 किलोग्राम नमक अधिक पाया गया। दुकान में उपलब्ध स्टाक का घोषित स्टाक से कम पाया जाना खाद्यान्न की कालाबाजारी किया जाना प्रमाणित हुआ।
इस प्रकार विक्रेता कमल सिंह बालाजी प्राथमिक उपभोक्ता भंडार आलोट संचालित शासकीय उचित मूल्य दुकान वार्ड नंबर 10 द्वारा मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत प्रदाय किए जाने वाले खाद्यान्न सामग्री को षडयंत्रपूर्वक अवैध रूप से विक्रय या व्यपवर्तन किया गया हैं जो कि मध्य-प्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली का स्पष्ट उल्लंघन हैं जो आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा के अंतर्गत दंडनीय अपराध होने से विक्रेता कमलसिंह के विरुद्ध पुलिस थाना आलोट में एफआईआर दर्ज करवाई गई।
कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी सुश्री धकाते द्वारा आदिम जाति सहकारी समिति विक्रमगढ़ द्वारा संचालित शासकीय उचित मूल्य दुकान विक्रमगढ़ की आकस्मिक जांच के दौरान दुकान के बाहर दुकान की पहचान का पीला बोर्ड प्रदर्शित नहीं पाया गया। स्टॉक मूल्य सूची बोर्ड प्रदर्शित पाया गया किंतु प्रविष्टियां दर्ज नहीं पाई गई। जांच के समय स्टॉक रजिस्टर तथा वितरण रजिस्टर दुकान में उपलब्ध नहीं पाया गया। जांच के दौरान दुकान के ईपीडीएस पोर्टल पर स्टॉक के भौतिक सत्यापन में पाए गए स्टाक से मिलान करने पर 4080 किलोग्राम गेहूं तथा 2936 किलोग्राम चावल कम पाया गया है। दुकान में उपलब्ध स्टाक का घोषित स्टाक से कम पाया जाना खाद्यान्न की कालाबाजारी किया जाना प्रमाणित होता हैं।
पुछताछ में उपस्थित उपभोक्ताओं द्वारा बताया गया कि विक्रेता श्यामलाल जोशी द्वारा नियमित दुकान नहीं खोली जाती हैं। उपभोक्ताओं से दुर्व्यवहार किया जाता हैं, अंगूठा लगाकर कम राशन दिया जाता हैं। विक्रेता उपभोक्ताओं को राशन वितरण नहीं करता हैं, वह लड़ाई-झगड़ा करके राशन दुकान बंद करके चला जाता है।
प्रकरण में विक्रेता श्यामलाल जोशी द्वारा मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत प्रदाय किए जाने वाले खाद्यान्न आदि सामग्री को षडयंत्रपूर्वक अवैध रूप से विक्रय या व्यपवर्तन किया गया हैं जो कि मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली का स्पष्ट उल्लंघन हैं जो आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा के अंतर्गत दंडनीय अपराध होने से विक्रेता श्यामलाल जोशी के विरुद्ध पुलिस थाना आलोट में एफआईआर दर्ज करवाई गई।