Disagreement on Bhojshala Survey : भोजशाला सर्वें पर शहर काजी असहमत, कहा कि इसकी जरुरत नहीं! 

देखिए VDO : उन्होंने कहा कि इस सर्वे नई चीज निकली तो क्या ASI अपने पहले के सर्वे झुठलाएगा? 

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Disagreement on Bhojshala Survey : भोजशाला सर्वें पर शहर काजी असहमत, कहा कि इसकी जरुरत नहीं! 

Dhar : भोजशाला मे चल रहे सर्वे के आज 22वे दिन शुक्रवार होने की वजह से सर्वे टीम सुबह 6 बजे पहुंच गई। नमाज के पहले आज का सर्वे कार्य पूरा कर लिया गया। शुक्रवार होने के कारण आज यहां मुस्लिमों ने नमाज अता की, इसके बाद शहर काजी ने सर्वे पर अपनी असहमति व्यक्त करते हुए कहा कि इसकी जरूरत नही थी। लेकिन, फिर भी सर्वे हो रहा है यह अच्छी बात है। उन्होंने यह भी कहा कि बाबा कमाल उद्दीन दरगाह और कमाल मौलाना आस्ताना अलग है।

शहर काजी वकार सादिक ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि बस मै यह चाहता हूं कि जल्दी से जल्दी सर्वे पूरा होकर टीम रवाना हो। टीम राजी-खुशी के साथ और उच्चतम न्यायालय ने जो निर्देश दिया है उसी प्रकार काम करे। सुप्रीम कोर्ट के नियमों का पालन करे। अक्कल कुईया का सवाल पुछ रहे हैं, तो हिन्दुस्तान में जहां पर भी मजारात है, ऐसे जो भी स्थान होते है वहा पर एक पानी के लिए व्यवस्था जरूर रहती है। अक्कल कुईया बहुत सारे लोग बहुत सारी चीजो का नाम दे देते हैं। इसका मेन उद्देश्य तो पानी के लिए है और वह पानी की आपूर्ति सभी के लिए थी। सभी लोगो के लिए दरबार ए आम खुला था। जो चाहे वो यहा आ सकता है कोई रोक नही है जो चाहे वो पानी भी पी सकता था।

1923 का सेटलमेंट मौजूद है। 1927-28 का सेटलमेंट भी मौजूद है। 1958 का सेटलमेंट भी मौजूद है। कमाल मोला मस्जिद अलग है, कमाल मौलाना आस्ताना अलग है। अगर कोई कुछ भी फैलाता रहता है, तो उससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। सारे रिकार्ड समाज के पास मौजूद हैं। मैं तो बिल्कुल भी सर्वे के पक्ष में नहीं था। जब 1902 और 1903 मे सर्वे हो चुका है तो सर्वे की मांग करना व्यर्थ है। आप ही बताए यह कोई पेड़-पौधा है जो बढ़ जाएगा। एक मृत स्थान है दीवारे हैं अगर उसमें कोई नई चीज निकलकर आ गई, तो एएसआई अपनी पूर्व रिपोर्ट को झुठलाएगा क्या? उस पर तो स्टॉपल की बात आएगी।

कोर्ट ने आदेश दिया है, तो कर रहे है तो उसमे क्या किया जा सकता है। हमारा शुरू से मानना है कि यहां पर हमेशा से कोई मंदिर नहीं रहा और 700 सालो से मुस्लिम समाज नमाज पढता है। भोजशाला जो लब्ज है वह 1902 मे आया। बस तो क्लियर है उसके पहले के डाक्यूमेंट्स भी मौजूद हैं। एक-एक चीज क्लियर है। कोर्ट ने आदेश दिया है, लेकिन उच्चतम न्यायालय ने इस पूरे सर्वे कार्य पर कहा है कि हमारी परमिशन के बगैर आप कोई भी एक्शन सर्वे पर नहीं ले सकते। लेकिन, कानून का सबको सम्मान है, उसके लीगल पॉइंट देखे जाएंगे।