Loksabha Elections: भाजपा-कांग्रेस को छोड़ अन्य उम्मीदवार जमानत भी नहीं बचा पाते

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Loksabha Elections: भाजपा-कांग्रेस को छोड़ अन्य उम्मीदवार जमानत भी नहीं बचा पाते

 

 

भोपाल : मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनावों में जीत-हार भाजपा-कांग्रेस पर सिमट गई है। अन्य दलों के उम्मीदवार और निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव में खड़े तो होते है लेकिन अपनी जमानत भी जब्त होंने से नहीं बचा पाते।

मध्यप्रदेश में पिछले लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजों पर नजर डाले तो भाजपा ने 29 उम्मीदवार खड़े किए इसमें से 28 जीते थे। एक सीट छिंदवाड़ा में भाजपा उम्मीदचार चुनाव जीत नहीं पाया लेकिन जमानत बचाने में सफल रहा। वहीं कांग्रेस ने भी 29 उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे थे। इनमें से केवल एक स्थान छिंदवाड़ा में कांग्रेस चुनाव जीत पाई शेष स्थानों पर उसे जीत तो हासिल नहीं हुई लेकिन सभी उम्मीदवार अपनी जमानत जब्त होंने से बचाने में सफल रहे।

तीसरे मोर्चे की बात करे तो बहुजन समाजवादी पार्टी ने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में 25 स्थानों से उम्मीदवार खड़े किए थे। लेकिन इनमें से एक भी स्थान पर पार्टी उम्मीदवार अपनी जमानत राशि भी नहीं बचा पाए।सीपीआई ने चार स्थानों पर उम्मीदवार खड़े किए थे और चारों की जमानत जब्त हो गई। समाजवादी पार्टी ने दो सीटों से उम्मीदवार खड़े किए वे न तो चुनाव जीत पाए न ही जमानत जब्त होंने से बचा पाए।

सीपीआईएम ने केवल एक स्थान से चुनाव लड़ाया था और वह वहां भी जमानत जब्त होंने से नहीं बचा पाई। जद यू ने एक और जीजीपी ने नौ स्थानों से उम्मीदवार खड़े किए थे सबके सब बुरी तरह चुनाव हार गए और अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए।

निर्दलीय मैदान में उतरे लेकिन जमानत भी नहीं बचा पाए-

पिछले लोकसभा चुनाव में 438 में से 338 निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरे थे सभी उम्मीदवार न केवल चुनाव हारे बल्कि अपनी जमानत जप्त होंने से भी नहीं बचा पाए। वर्ष 1991 में 508 में से 507, 1996 में 1128 में से 1123, 1998में 247 में से 247, 1999में सभी 209, 2004 में 157 में से 156,2009 में सभी 313,2014 में सभी 260 उम्मीदवार जमानत जब्त होंने से नहीं बचा पाए।