– राज्य निर्वाचन आयोग कोर्ट का फैसला आने तक कर सकता है मतदान की प्रक्रिया को स्थगित
भोपाल। विधानसभा में CM शिवराज सिंह चौहान द्वारा बिना ओबीसी आरक्षण के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव ना कराए जाने के लिए रखे गए प्रस्ताव को सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित किये जाने के बाद अब राज्य निर्वाचन आयोग 6 जनवरी को होने वाली पहले चरण के मतदान की प्रक्रिया को कोर्ट के फैसले तक स्थगित कर सकता है। विधानसभा में आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा ओबीसी आरक्षण के बिना चुनाव ना कराए जाने के संकल्प का प्रस्ताव रखा गया जिस का समर्थन संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने किया। सभी सदस्यों ने हाथ उठाकर इस प्रस्ताव का समर्थन किया। इसके बाद संकल्प सर्वसम्मति से पारित हो गया। बाद में मुख्यमंत्री ने मीडिया से चर्चा में कहा कि हम हर संभव कोशिश करेंगे कि बिना ओबीसी के चुनाव ना हो इसके लिए सभी प्रक्रिया कर रहे हैं।
*हंगामे के बीच अनुपूरक बजट और 5 विधेयक पारित*
CM द्वारा रखे गए संकल्प के पारित होने के बाद नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ इसपर अपनी बात रखने के लिए खड़े हुए तो संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि संकल्प पारित होने के बाद उस पर नियम अनुसार चर्चा नहीं होती है। इस पर कांग्रेस के विधायकों ने पुन: हंगामा करना शुरू कर दिया। मुख्यमंत्री संकल्प पारित होने के बाद सदन से निकल गए। विधानसभा अध्यक्ष ने कार्यवाही जारी रखी। विधानसभा में हंगामे के बीच 5 विधेयक और अनुपूरक बजट पारित करने के बाद कार्यवाही शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।
विधानसभा के शीतकालीन सत्र के आज चौथे दिन की हंगामेदार शुरुआत हुई। सुबह 11 बजे सदन में कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने पंचायत चुनाव का मुद्दा उठाते हुए हंगामा करना शुरू कर दिया। कांग्रेस विधायकों ने कहा कि पंचायत चुनाव को लेकर सरकार कुछ नहीं कर रही है। एक तरफ पंचायत चुनाव की प्रक्रिया चल रही है, दूसरी ओर कोर्ट में जाने की बात कही जा रही है। नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने कहा कि हम चाहते हैं चुनाव को तत्काल रोका जाए।
इसके जवाब में गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि हमने रिव्यू पिटीशन दाखिल कर दी है। आज अर्जेंट हेयरिंग को लेकर कोर्ट से आग्रह कर रहे हैं। लेकिन कांग्रेस के विधायक उनके इस जवाब से संतुष्ट नहीं हुए और आसंदी के सामने आकर नारेबाजी करने लगे। इस पर नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस यहां पर घड़ियाली आंसू बहा रही है प्रतिदिन प्रश्नकाल को बाधित किया जा रहा है। हमने जो कहा उसका अक्षरश: पालन कर रहे हैं। ओबीसी आरक्षण के साथ चुनाव हो, हम इसी दिशा में आगे बढ रहे हैं।
मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि गुजरात और छत्तीसगढ़ में ओबीसी आरक्षण के साथ चुनाव हो रहे हैं, लेकिन मप्र में कांग्रेस ने कोर्ट में जाकर ओबीसी आरक्षण को रोकने का काम किया है। विवेक तन्खा वहां पर पैरवी कर रहे हैं। हंगामे के कारण विधानसभा की पहले कार्यवाही 15 मिनट और फिर दस मिनट और तीसरी बार पूरे प्रश्नकाल तक के लिए स्थगित की गई।
प्रश्नकाल के बाद सदन की कार्यवाही पुन: शुरू होने पर सदन में आये मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने अपनी बात रखी। विधानसभा में CM शिवराज ने कहा कि हम चाहते हैं कि बिना ओबीसी आरक्षण के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव ना कराए जाएं। सभी सदस्यों ने हाथ उठाकर इस प्रस्ताव का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ओबीसी आरक्षण के बिना चुनाव को लेकर आक्रोश है। हम नहीं चाहते हैं कि बिना ओबीसी आरक्षण के चुनाव हों। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सदन सर्वसम्मति से संकल्प पारित करके यह ऐतिहासिक फैसला करे कि पंचायत चुनाव ओबीसी आरक्षण के साथ ही हों।
इस पर नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने कहा कि हम तो यही कह रहे थे कि सदन से संकल्प पारित किया जाए। हालांकि संकल्प प्रस्तुति के दौरान सदन में हंगामा भी हुआ। जब मुख्यमंत्री बोल रहे थे तब विपक्ष के सदस्यों द्वारा हंगामा किया गया जिसको लेकर संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि जब हमारे नेता को नहीं सुना जाएगा तो हम भी विपक्ष को बोलने नहीं देंगे। इसके बाद अध्यक्ष ने सभी को शांत कराते हुए नेता प्रतिपक्ष और सज्जन सिंह वर्मा से कहा कि आप जो चाहते थे वही संकल्प आ रहा है क्यो विरोध कर रहे है। इसके बाद कांग्रेस सदस्य वापस सीट पर लौटे । संकल्प पारित होने के बाद जब नेता प्रतिपक्ष अपनी बात रखने के लिए खड़े हुए तो संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि संकल्प पारित होने के बाद उस पर नियम अनुसार चर्चा नहीं होती है। इस पर कांग्रेस के विधायकों ने पुन: हंगामा करना शुरू कर दिया। मुख्यमंत्री संकल्प पारित होने के बाद सदन से निकल गए।