लोकसभा में नहीं चला महिला हितैषी घोषणाओं का जादू, बालाघाट को छोड़ कहीं भी पुरुषों से ज्यादा वोटिंग नहीं

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लोकसभा में नहीं चला महिला हितैषी घोषणाओं का जादू, बालाघाट को छोड़ कहीं भी पुरुषों से ज्यादा वोटिंग नहीं

भोपाल: लोकसभा चुनाव में इस बार भाजपा और कांग्रेस की महिला हितैषी योजनाओें का जादू ज्यादा नहीं चला। इसी कारण प्रदेश की 28 लोकसभा सीटों पर महिलाएं मतदान करने पुरुषों की अपेक्षा कम बाहर निकली। अकेले बालाघाट में महिला मतदाताओं ने पुरुष मतदाताओं को पीछे छोड़ते हुए ज्यादा मतदान किया। बालाघाट में 73.42 फीसदी पुरुषों ने मतदान किया तो वोटिंग में भाग लेने वाली महिला मतदाताओं का प्रतिशत 73.48 प्रतिशत रहा।

मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के ठीक पहले भाजपा ने लाड़ली लक्ष्मी योजना शुरु की थी जिसका फायदा उसे विधानसभा चुनावों में मिला लेकिन लोकसभा चुनाव के समय भाजपा ने महिलाओं में स्पार्किंग करने वाली ऐसी कोई घोषणा नहीं की। वहीं कांग्रेस ने इस बार महिलाओं के लिए एक लाख रुपए देने की गारंटी दी थी लेकिन कांग्रेस इसका प्रचार-प्रसार ठीक से नहीं कर पाई। छह महीने पहले हुए विधानसभा चुनाव के मुकाबले इस लोकसभा चुनाव में महिलाओं का मतदान  बारह प्रतिशत कम हो गया है। महिलाओं का कम मतदान इस बार लोकसभा चुनाव मैदान में उतरे उम्मीदवारों की जीत-हार को भी प्रभावित करेगा। विधानसभा चुनाव के समय भाजपा की लाड़ली बहना योजना का जादू महिलाओं के सिर चढ़कर बोला था। महिलाओं को इस योजना का सीधा फायदा मिलना शुरु हुआ था। उस समय  उज्जवला योजना में भी केन्द्र और राज्य सरकार दोनो ही लाभ दे रही थी। इसने भी महिला मतदाताओं को प्रभावित किया था।

सीएम कन्यादान योजना, लाड़ली लक्ष्मी योजना, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ सहित कई योजनाएं विधानसभा चुनाव के दौरान महिला मतदाताओं को प्रभावित कर रही थी।  लेकिन इस बार भाजपा ने लोकसभा चुनाव के ठीक पहले महिलाओं के लिए ऐसी कोई लोक लुभावन घोषणा नहीं की इसलिए महिलाएं मतदान करने घरों से कम निकली। दूसरा शादी-ब्याह का सीजन भी था इनमें महिलाओं की ज्यादा व्यस्तता रहती है इसलिए भी महिलाओं का मतदान कम हुआ। विधानसभा चुनाव के पहले पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने जगह-जगह महिला सम्मेलन किए, महिलाओं से संवाद किया और हर महीने दस तारीख को लाड़ली बहनों के खाते में राशि आती रही। लाड़ली बहना योजना में सीधे महिलाओं के खाते में राशि आ रही थी इसलिए योजना को बरकरार रखने महिलाओं ने जमकर वोटिंग की और इसका फायदा भाजपा को मिला था। वहीं मध्यप्रदेश में लाड़ली बहना योजना शुरु करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की भूमिका इस चुनाव में गौण हो गई थी इसलिए भी महिला मतदाताओं में मतदान के प्रति उदासीनता रही।

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में कुल मतदान में पुरुष और महिला मतदाताओं के बीच 2.25 प्रतिशत का अंतर था जबकि इस बार लोकसभा चुनाव में पुरुषों के मुकाबले पांच फीसदी कम महिलाओं ने वोटिंग में हिस्सा लिया। वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में 77.15 फीसदी मतदान हुआ था इसमें पुरुषों की हिस्सेदारी 78.51 फीसदी थी और महिलाओं की हिस्सेदारी 76.26 प्रतिशत थी। वहीं इस बार 2024 के लोकसभा चुनाव मेें कुल वोटिंग 66.87 प्रतिशत रही जिसमें पुरुषों ने 69.37 फीसदी मतदान किया वहीं महिलाओं का मतदान प्रतिशत 64.24 रहा।  यदि विधानसभा और लोकसभा चुनावों में महिला मतदाताओं के वोटिंग परसेंटेज पर गौर करें तो इसमें 12.02 प्रतिशत की कमी आई है याने विधानसभा चुनाव के मुकाबले लोकसभा चुनाव में प्रदेश की 12.02 फीसदी महिलाएं मतदान केन्द्रों तक नहीं पहुंची।

*महिलाओं के लिए भाजपा के थे ये वादे-*
भाजपा लखपति दीदी योजना में महिलाओं को ब्याज मुक्त ऋण देने और उन्हें एक लाख रुपए की स्थायी वार्षिक आय देना चाहती थी। भाजपा ने स्तन कैंसर और सर्वाकल केंसर जैसी बीमारियों को खत्म करने, महिलाओं को खोलों में शामिल करने की बात की है। नारी शक्ति वंदन अधिनियम के जरिए भाजपा संसद और विधानसभा में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाना चाहती है।

*कांग्रेस ने इस तरह रिझाया-*
कांग्रेस ने प्रत्येक गरीब भारतीय परिवार की महिला को बिना किसी शर्त के साल में एक लाख रुपए देने का वादा किया था। कांग्रेस 2025 से नौकरियों में पचास प्रतिशत आरक्षण का वादा भी कर रही है। कांग्रेस फ्रंटलाईन की महिला कार्यकर्ताओं के वेतन को दुगना करने, महिलाओं को शिक्षित करने और उनके कानूनी अधिकारों को लागू करने में सहायता करने हर पंचायत में एक अधिकार मैत्री नियुक्त करने का वादा कर रही है।  महिलाओं के लिए स्कूल, कॉलेज और सार्वजनिक स्थलों पर  फ्री नेपकीन वेंडिंग मशीनें लगाने का वादा कर रही है।

*प्रदेश में यहां महिलाओं की अच्छी रही भागीदारी-*
मध्यप्रदेश में एकमात्र बालाघाट लोकसभा सीट ऐसी है जहां पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं ने अधिक मतदान किया है। वहीं छिंदवाड़ा, राजगढ़, खरगौन, देवास, मंदसौर, विदिशा, उज्जैन, बालाघाट, रतलाम , मंडला और गुना में भी महिलाओं ने अच्छी भागीदारी की लेकिन पुरुष मतदाताओं की अपेक्षा इनका मतदान कम रहा।
लोकसभा सीट- महिला मतदान प्रतिशत
छिंदवाड़ा-79.83
राजगढ़-76.04
खरगौन-76.03
देवास-75.48
मंदसौर- 75.27
विदिशा-74.48
उज्जैन-73.82
बैतूल-73.53
बालाघाट-73.45
रतलाम-72.94
मंडला-72.84
गुना-72.43