सरकारी विभागों ने रोजगार सृजन के लिए किये क्या प्रयास, कितनी दी नौकरी, विधान सभा में बताएंगे वित्त मंत्री

आम जन के जीवन को उन्नत बनाने के लिए विभागों के प्रयास , नवाचार, राजस्व बढ़ाने क्या किए उपाय इनका भी होगा जिक्र

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सरकारी विभागों ने रोजगार सृजन के लिए किये क्या प्रयास, कितनी दी नौकरी, विधान सभा में बताएंगे वित्त मंत्री

भोपाल:मध्यप्रदेश के सरकारी विभागों ने पिछले वित्तीय वर्षो और वर्तमान वर्ष में रोजगार सृजन के लिए क्या प्रयास कि ये, कितने बेरोजगारों को सरकारी नौकरियां दी, प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा इसका पूरा लेखाजोखा सदन में प्रदेशभर के विधायकों के समक्ष पेश करेंगे।

मध्यप्रदेश में चार चरणों में संपन्न लोकसभा चुनावों के लिए चार जून को वोटिंग होंने वाली है। इसके बाद इस वित्तीय वर्ष के लिए बजट सत्र का आयोजन विधानसभा में किया जाएगा।

वित्त मंत्री के बजट भाषण में इस बार सभी विभागों द्वारा दिये गए रोजगार का जिक्र भी होगा। इसके लिए वित्त विभाग ने सरकारी विभागो से इस संबंध में जानकारी मांगी है। सरकारी विभागों ने वर्तमान वित्तीय वर्ष में और पिछले वित्तीय वर्ष में रोजगार देने के लिए क्या प्रयास किए है इसका तथ्यात्मक विवरण और शासकीय नियुक्तियों की वेतनमान, पदवार और श्रेणीवार और कुल संख्या का विवरण मांगा गया है।

पूर्व वित्तीय वर्ष की तुलना में वित्तीय वर्ष में अब तक विभाग के कुल बजट प्रावधान के विरुद्ध व्यय, विभाग में संचालित महत्वपूर्ण योजनाओं के लक्ष्य व उपलब्धि का ब्यौरा भी विभागों से मांगा गया है। पर्यावरण , जल प्रबंधन और संरक्षण, उर्जा संरक्षण, जन स्वास्थ्य, औद्योगिक विकास आदि कामों में अर्जित विशेष उपलब्धि, नवाचार, राजस्व वृद्धि के लिए क्या उपाय किए गए और आम जन के जीवन को उन्नत बनाने के लिए विभाग ने क्या प्रयास किये है, इसका विवरण भी मांगा गया है। इन सबका जिक्र वित्त मंत्री के भाषण में होगा। हितग्राही मूलक योजनाओं में लाभार्थियों की संख्या और लाभ का विवरण भी विभागों से मांगा गया है। अनुसूचित जाति, जनजाति, विमुक्त और अर्ध घुमक्कड़ जनजाति, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण हेतु उठाए गए कदम तथा प्रगति का ब्यौरा भी विभागों से फायनेंस ने मांगा है। नवीन योजनाओं के संबंध में संक्षिप्त और तथ्यात्मक विवरण भी मांगा गया है।

विकसित भारत 2047 हेतु क्या प्रयास किए जा रहे है और वित्तीय वर्ष 24-25 में इसके लिए बजट प्रावधानों पर भी टिप्पणी मांगी गई है। सरकारी महकमों को दस जून तक यह सारा ब्यौरा देना है। इसका उल्लेख वित्त मंत्री के बजट भाषण में किया जाएगा।