Jharkhand Tender Scam : टेंडर घोटाले में IAS अधिकारी ED की जांच के दायरे में, 35 करोड़ नकद बरामदगी मामला!
Dumka (Jharkhand) : 35 करोड़ से ज्यादा की नकदी बरामदगी के कुछ दिनों बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को टेंडर घोटाला मामले में झारखंड ग्रामीण विकास विभाग के पूर्व सचिव मनीष रंजन को तलब किया। उन्हें शुक्रवार को 24 मई को रांची में ईडी जोनल कार्यालय में बुलाकर पूछताछ की गई। उन्हें दो साल तक पुरस्कार मिला था। प्रधानमंत्री से मनरेगा उत्कृष्टता पुरस्कार और राष्ट्रपति से निर्मल ग्राम पुरस्कार मिला है।
यह पड़ताल विभाग में निविदाओं के बदले कथित अनियमितताओं और रिश्वत के भुगतान से संबंधित है। ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम को 6 मई को उनके निजी सहायक संजीव लाल के आवास से 35.23 करोड़ रुपए की नकदी बरामद होने के मामले में गिरफ्तार किया गया है।
ईडी के सूत्रों के मुताबिक, मंत्री के पीए के घरेलू नौकर के घर छापेमारी में जो दस्तावेज बरामद हुए हैं, उनमें किसी मनीष का जिक्र है। ईडी के अधिकारियों को संदेह है कि यह आईएएस अधिकारी मनीष रंजन हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि विभाग में हुए टेंडर कमीशन घोटाले में चीफ इंजीनियर से लेकर मंत्री आलम तक के स्तर पर कमीशन तय था।सिंडिकेट ने टेंडर से प्राप्त कमीशन की रकम बांटने के लिए ‘कोड वर्ड’ का इस्तेमाल किया था।
ईडी ने अदालत को बताया कि उसे एक एक्सेल शीट मिली है, जिसके तीसरे पन्ने पर विभागवार कमीशन की सारी जानकारी लिखी है। इसमें कहा गया कि इस शीट में टेंडर की कुल राशि, कमीशन की राशि और मंत्री के हिस्से का विवरण है।
ग्रामीण विकास विभाग में कोड वर्ड के जरिये कमीशन का पैसा बांटा जाता था। कोड ‘एच’ का इस्तेमाल मंत्री के लिए किया जाता था जिसका मतलब माननीय मंत्री होता है। ‘एम’ मनीष के लिए ‘एस’ संजीव लाल के लिए और ‘टीसी’ टेंडर कमेटी के लिए और ‘सीई’ मुख्य अभियंता के लिए इस्तेमाल किया जाता था। ईडी ने पीएमएलए अदालत को इस बात की जानकारी दी।
जनवरी में 25 टेंडर में मंत्री को मिले 1.23 करोड़
जांच एजेंसी ने कोर्ट को कुछ सबूत भी सौंपे जिसमें बताया गया कि जनवरी में कुल 92 करोड़ के 25 टेंडर हुए थे। इसमें आलमगीर को कमीशन के रूप में 1.23 करोड़ रुपए दिए गए थे।
जहांगीर के फ्लैट से 32.20 करोड़ नकद बरामद होने के बाद जांच एजेंसी ने मंत्री से पूछताछ की थी। फिर 15 मई को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। रिमांड पर लेकर उनसे पूछताछ की जा रही है।
कोर्ट में दिए गए सबूत में इस बात का जिक्र है कि जांच एजेंसी को कुछ हस्तलिखित पर्ची भी मिली। इसमें लिखा है कि ग्रामीण कार्य विभाग, स्पेशल डिवीजन ओर JSRD से कितने रुपए लेने हैं। यह हिसाब सितंबर 2023 से नवंबर 2023 के बीच का है।