Rajkot TRP Game Zone कैसे बना भट्टी? जिंदा जले 32 लोग
गुजरात के राजकोट में TRP गेम जोन में हुए भीषण अग्निकांड की शुरुआत कैसे हुई? कैसे और कहां चिंगारी भड़की? शुरुआत में ही आग भड़कने से रोकने के लिए क्या प्रयास किए गए?
कैसे 30 मिनट के अंदर 3 मंजिला गेम जोन आग की भट्टी में तब्दील हो गया? इसका वीडियो सामने आया है। TRP गेम जोन के अंदर लगे CCTV कैमरों की फुटेज सामने आई है, जो उस वक्त की है, जब सबसे पहले आग भड़की थी।
इस वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि एक्सटेंशन एरिया में वेल्डिंग की वजह से ही आग लगी थी। कैंपस में मौजूद फायर एक्सटिंग्युशर्स का उपयोग भी आग बुझाने के लिए किया गया था, लेकिन वो आग की इंटेंसिटी के आगे काम नहीं कर पाए। साफ दिख रहा है कि कैंपस में फायर फाइटिंग सिस्टम नहीं था, वहीं रिपेयरिंग का काम करने वालों ने आग बुझाने का अपनी तरफ से हरसंभव प्रयास किया। आप भी देखिए फुटेज और जानिए कि कैसे गेम जोन में अग्निकांड हुआ?
VIDEO | CCTV footage of fire that broke out at game zone in Rajkot yesterday, leading to the death of 27 people.#Rajkotfire pic.twitter.com/bvmi1YQ36I
— Press Trust of India (@PTI_News) May 26, 2024
आज हाईकोर्ट में सबमिट होगी रिपोर्ट?
बता दें कि गेम जोन अग्निकांड पर गुजरात हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया और प्रदेश के 4 बड़े शहरों अहमदाबाद, वडोदरा, राजकोट, सूरत में बने गेम जोन की रिपोर्ट तलब की। चारों शहरों की नगर पालिका आज हाईकोर्ट में रिपोर्ट सबमिट करेंगी। चीफ जस्टिस बीरेन वैष्णव और देवेन देसाई मामले की सुनवाई करेंगे। वकीलों ने तो पहले ही आरोपियों का केस लड़ने से इनकार किया है।
गैर-इरादतन हत्या का केस दर्ज
गेम जोन के मालिक युवराज सिंह सोलंकी, पार्टनर प्रकाश जैन, वेल्डर राहुल राठौड़, मैनेजर नितिन जैन समेत 8 लोग क्राइम ब्रांच की कस्टडी में हैं। तालुका पुलिस थाने में 8 लोगों के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या के आरोप में IPC की धाराओं के तहत FIR दर्ज की गई है।
आग कंट्रोल नहीं कर पाने के कई कारण
पहली बात 500 रुपये की एंट्री फीस 99 रुपये कर दी गई थी, इसलिए ज्यादा ग्राहक गेम जोन में उमड़े। 2 एकड़ जमीन पर बने 3 मंजिला गेम जोन का ज्यादतर स्ट्रक्चर और टीन शेड का बना था। रिपेयरिंग और रेनोवेशन के चलते वेल्डिंग का काम चल रहा था। दीवारों और फर्श पर कपड़े, फाइबर, रबड़, रेग्जीन, थर्माकोल लगा था। गो रेसिंग कार के गेम जोन के अंदर करीब 5000 लीटर पेट्रोल और डीजल का स्टॉक था।
खाने-पीने की दुकानों में सिलेंडर थे, जो आग की लपटों से ब्लास्ट हो गए। एग्जिट का सिंगल रास्ता होने से सभी लोग बाहर नहीं निकल पाए। फायर NOC थी नहीं और वेंटिलेशन के ज्यादा इंतजाम भी नहीं थे, इसलिए आग कंट्रोल नहीं हो पाई। बता दें कि शनिवार दोपहर को गेम जोन में लगी भीषण आग में जिंदा जलकर 12 बच्चों समेत 32 लोग मारे गए थे। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है।