संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद मोदी ने लिया आडवाणी व जोशी का आशीर्वाद

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संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद मोदी ने लिया आडवाणी व जोशी का आशीर्वाद

नडीए संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी के वयोवृद्ध नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी से मुलाकात की। नरेंद्र मोदी रविवार को लगातार तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं।

लोकसभा चुनाव में बीजेपी को पिछले एक दशक में पहली बार बहुमत नहीं मिला है और जेडीयू-टीडीपी जैसे एनडीए के सहयोगी दलों की मदद से लगातार तीसरी बार भाजपा सरकार बनाने जा रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबसे पहले लालकृष्ण आडवाणी के घर पहुंचे और उनसे मुलाकात की। इसके बाद बीजेपी के एक और वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी के घर भी जाकर पीएम मोदी ने उनसे आशीर्वाद लिया। वहीं, एनडीए ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करके तीसरी बार सरकार बनाने का दावा भी पेश कर दिया। एनडीए नेताओं ने राष्ट्रपति को समर्थन वाली चिट्ठी सौंपी। नौ जून को शाम छह बजे शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा।

संसद भवन की पुरानी बिल्डिंग में स्थित संविधान कक्ष में शुक्रवार को एनडीए की बैठक शुरू हुई। इस बैठक में बीजेपी के सभी सहयोगी दल के नेता शामिल हुए। एनडीए संसदीय दल की बैठक शुरू होने के बाद बीजेपी के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह ने नरेंद्र मोदी को संसदीय दल का नेता चुने जाने का प्रस्ताव रखा और इसका सभी दलों ने अनुमोदन किया। ध्वनि मत से नरेंद्र मोदी को एनडीए संसदीय दल का नेता चुन लिया गया।

‘एनडीए गठबंधन के मूल में है आपसी विश्वास’
बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि अगले कार्यकाल में उनकी सरकार अगले 10 साल में सुशासन, विकास, जीवन की गुणवत्ता और आम नागरिकों के जीवन में न्यूनतम हस्तक्षेप पर ध्यान केंद्रित करेगी। उन्होंने कहा कि आपसी विश्वास इस गठबंधन के मूल में है और वे ‘सर्व पंथ समभाव’ के सिद्धांत के प्रति प्रतिबद्ध हैं। यह दावा करते हुए कि राजग जीत पचाना अच्छी तरह जानता है, मोदी ने कहा, ”अगर हम गठबंधन के इतिहास में संख्या के लिहाज से देखें तो यह सबसे मजबूत गठबंधन सरकार है।” प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों पर हमला करते हुए कहा, ”हम कभी नहीं हारे। चार जून के बाद हमारा आचरण दिखाता है कि हम जानते हैं कि जीत को कैसे पचाना है।”

‘इस जीत पर हार की छाया डालने की कोशिश’
एनडीए संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद उन्होंने कहा, ”इस जीत को स्वीकार न करने… इस जीत पर ‘हार की छाया’ डालने की कोशिशें की जा रही हैं। लेकिन ऐसे सभी प्रयास विफल रह गए… इस तरह की चीजें बहुत जल्द खत्म हो जाती हैं और यही हुआ भी।” बैठक में तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के एन चंद्रबाबू नायडू, जनता दल (यूनाइटेड) के नीतीश कुमार, शिवसेना के एकनाथ शिंदे, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के चिराग पासवान, जनता दल (सेक्यूलर) के एच डी कुमारस्वामी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अजित पवार, अपना दल (एस) की अनुप्रिया पटेल, जन सेना पार्टी पवन कल्याण और भाजपा तथा राजग के अन्य सहयोगी दलों के नवनिर्वाचित सदस्यों ने हिस्सा लिया।