‘जगन्नाथ’ के धाम से ‘मोहन’ की सीख पर शुरू ‘मोदी’ का काम…
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत की सीख का असर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी टीम पर दिखने लगा है। मध्यप्रदेश के बाद भाजपा ने ओडिशा में भी मोहन को मुख्यमंत्री बनाया है। इन मोहन के शपथ ग्रहण समारोह में 12 जून 2024 को भुवनेश्वर में मंच पर मनमोहक तस्वीर देखने को मिली। यहां ‘विपक्ष’ नहीं ‘प्रतिपक्ष’ शब्द सार्थक होता दिखाई दिया। भगवान ‘जगन्नाथ’ के धाम से संघ प्रमुख ‘मोहन’ की सीख पर प्रधानमंत्री ‘मोदी’ का काम शुरू होता दिखा भी और लोगों ने खुलकर महसूस भी किया। ओडिशा में भाजपा ने पहली बार सरकार बनाई है। विधानसभा में भाजपा को 78, तो पिछले 24 साल 98 तक सत्तारूढ़ रहे बीजद यानि बीजू जनता दल को 51 सीटें मिलीं। पर शायद संघ प्रमुख ‘मोहन’ की सीख पर ही ‘मोदी’ ने ओडिशा के नवनियुक्त मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी को प्रतिपक्ष को आदर-सत्कार संग शपथ ग्रहण में आमंत्रित करने का निर्देश दिया होगा। तो मंच पर मोदी की पूरी टीम ने अब ‘प्रतिपक्ष’ की भूमिका में आ चुके नवीन पटनायक का पलक-पांवड़े बिछाकर स्वागत किया। जब पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक मंच पर पहुंचे तो केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान उन्हें सबके पास लेकर गए। यहां उनकी अगुवाई गृहमंत्री अमित शाह ने की। इसके बाद नितिन गडकरी और जेपी नड्डा ने उनका स्वागत किया। बीजेपी के अन्य प्रमुख नेताओं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी सहित सभी ने उनका अभिवादन किया। इसके बाद नवीन पटनायक को मंच पर कुर्सी दी गई। अमित शाह और धर्मेंद्र प्रधान के बीच में उन्हें सम्मान से बिठाया गया। बात यहीं खत्म नहीं होती है। थोड़ी देर बाद मंच पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पहुंचे। पीएम मोदी ने नवीन पटनायक के साथ मुस्कुराते हुए गर्मजोशी के साथ मुलाकात की। वह कुछ सेकंड तक उनका हाथ पकड़े बातचीत करते दिखे। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच प्रेम और सौहार्द का भाव साफ दिखाई दिया। ओडिशा में भाजपा के मुख्यमंत्री बने मोहन चरण माझी के शपथ ग्रहण समारोह के मंच की यह खुबसूरत तस्वीर यह बयां करती रही कि राजनीति में कोई दुश्मन नहीं होता है और सभी नेताओं को सत्ता पक्ष और प्रतिपक्ष की इस राजनैतिक केमिस्ट्री से सीख लेने की जरूरत है।
एक बार फिर गौर करें तो भारतीय जनता पार्टी की सरकार के शपथ ग्रहण के कुछ घंटे पहले, ओडिशा के मनोनीत मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से मुलाकात की और उन्हें शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया था। माझी खुद पटनायक के आवास ‘नवीन निवास’ पर पहुंचे, जहां उन्होंने औपचारिक रूप से पूर्व मुख्यमंत्री को निमंत्रण दिया था। माझी के निमंत्रण को स्वीकारते हुए नवीन पटनायक भी कार्यक्रम में पहुंचे। वहीं मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी के शपथ ग्रहण समारोह के समापन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओडिशा के पूर्व सीएम और बीजद प्रमुख नवीन पटनायक से बात की। हालांकि यहां यह बात भी उल्लेखनीय है कि नवीन पटनायक और नरेंद्र मोदी के काफी अच्छे रिश्ते रहे हैं। कई अवसरों पर नवीन पटनायक की पार्टी ने नरेंद्र मोदी की सरकार का समर्थन भी किया था। इसके बावजूद भी ओडिशा के चुनाव में भाजपा और बीजद आमने-सामने थी। संभव यह भी था कि नवीन पटनायक को इतने सम्मान से आमंत्रित न किया जाता, तो वह भी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं होते। पर जब ‘प्रतिपक्ष’ के प्रति ‘सत्तापक्ष’ का भाव सम्मान का हो…तब ही यह मनमोहक तस्वीर बन पाती है और नजर आती है। गौरतलब है कि नवीन पटनायक साल 2000 से लगातार 2024 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे हैं। वह इस पद पर 24 साल और 98 दिन तक रहे। अब प्रदेश में पहली बार बीजेपी सरकार बनने पर माझी मुख्यमंत्री बने हैं।
संघ प्रमुख की सीख पर भी गौर कर लें। दरअसल संघ प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर में 10 जून 2024 को संघ के कार्यकर्ता विकास वर्ग समारोह के समापन के मौके पर भाषण दिया। इसमें उन्होंने भाजपा और उसकी सरकार का नाम लिए बिना वह सब कुछ बोल दिया, जिसमें सरकार की सेहत ठीक न होने और कड़वी दवा की सख्त जरूरत होने जैसे संकेत खुलकर दिए। भागवत ज्ञान देते संघ प्रमुख ने कहा था कि जब चुनाव होता है तो मुकाबला जरूरी होता है। इस दौरान दूसरों को पीछे धकेलना भी होता है, लेकिन इसकी एक सीमा होती है। भागवत के मुताबिक इस बार चुनाव ऐसे लड़ा गया, जैसे यह युद्ध हो। जिस तरह से चीजें हुई हैं, जिस तरह से दोनों पक्षों ने कमर कसकर हमला किया है, उससे विभाजन होगा, सामाजिक और मानसिक दरारें बढ़ेंगी। उनके मुताबिक संसद में दो पक्ष जरूरी हैं, लेकिन हर स्थिति में दोनों पक्षों को मर्यादा का ध्यान रखना होता है। सरकार को नसीहत देते हुए संघ प्रमुख ने कहा कि विपक्ष को ‘विरोधी पक्ष’ की जगह ‘प्रतिपक्ष’ कहना चाहिए। भागवत ने इस दौरान ये भी कहा- ‘जो मर्यादा का पालन करते हुए काम करता है, गर्व करता है, लेकिन अहंकार नहीं करता, वही सही अर्थों में सेवक कहलाने का अधिकारी है।’
तो आदिवासी नेता और चार बार के विधायक मोहन चरण माझी ने 12 जून 2024 को ओडिशा के पहले भाजपा मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओडिशा में भाजपा की पहली बार बड़ी जीत पर भगवान ‘जगन्नाथ’ के आशीर्वाद मिलने की बात स्वीकार की थी। और अब भगवान ‘जगन्नाथ’ के आशीर्वाद से वह संघ प्रमुख ‘मोहन’ की हाल ही में दी गई सीख पर अमल करते नजर आए हैं। हो सकता है कि यह महज संयोग मात्र हो, लेकिन यह संयोग भी सुखद है और उम्मीद यही है कि संसद में भी ‘मोहन’ की सीख का असर इस बार साफ नजर आएगा…।
कौशल किशोर चतुर्वेदी
कौशल किशोर चतुर्वेदी मध्यप्रदेश के जाने-माने पत्रकार हैं। इलेक्ट्रानिक और प्रिंट मीडिया में लंबा अनुभव है। फिलहाल भोपाल और इंदौर से प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र एलएन स्टार में कार्यकारी संपादक हैं। इससे पहले एसीएन भारत न्यूज चैनल के स्टेट हेड रहे हैं।
इससे पहले स्वराज एक्सप्रेस (नेशनल चैनल) में विशेष संवाददाता, ईटीवी में संवाददाता,न्यूज 360 में पॉलिटिकल एडीटर, पत्रिका में राजनैतिक संवाददाता, दैनिक भास्कर में प्रशासनिक संवाददाता, दैनिक जागरण में संवाददाता, लोकमत समाचार में इंदौर ब्यूरो चीफ, एलएन स्टार में विशेष संवाददाता के बतौर कार्य कर चुके हैं। इनके अलावा भी नई दुनिया, नवभारत, चौथा संसार सहित विभिन्न समाचार पत्रों-पत्रिकाओं में स्वतंत्र लेखन किया है।