Neelam Shabd Utsav : विष्णु नागर ने कहा ‘साहित्य और पत्रकारिता का कोई सम्बन्ध नहीं!’

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Neelam Shabd Utsav : विष्णु नागर ने कहा ‘साहित्य और पत्रकारिता का कोई सम्बन्ध नहीं!’

नीलम शब्द उत्सव में हरीश पाठक का कहना था ‘चमकदार अतीत का आज खंडित वर्तमान!’

Bhopal : आज हिंदी पत्रकारिता की कोई जिम्मेदारी रही ही नहीं। वह आज किसी भी जिम्मेदारी को लेने को तैयार नहीं है। कल जो साहित्य और पत्रकारिता के अगाध रिश्ते थे, अब आज सहित्य और पत्रकारिता का कोई सम्बन्ध ही नहीं रहा।
यह विचार प्रख्यात कवि, पत्रकार विष्णु नागर ने मध्यप्रदेश साहित्य सम्मेलन द्वारा आयोजित त्रिदिवसीय ‘नीलम शब्द उत्सव’ के दूसरे दिन के पाँचवे सत्र ‘साहित्य और पत्रकारिता’ विषय पर आयोजित परिसंवाद में व्यक्त किए। उन्होंने कार्यक्रम की अध्यक्षता भी की। मुख्य अतिथि ‘लमही’ के संपादक विजय राय थे।

कथाकार, पत्रकार हरीश पाठक ने अपनी बात रखते हुए कहा कि साहित्य की धारा ने ही हिंदी पत्रकारिता को भाषा, भाव, तेवर, कलेवर और फ्लेवर दिया। भारतेंदु हरिश्चंद्र से चली यह उज्जवल परंपरा डॉ धर्मवीर भारती, कमलेश्वर, मनोहर श्याम जोशी से होते हुए प्रयाग शुक्ल, विश्वनाथ सचदेव, मंगलेश डबराल, विष्णु नागर तक बेरोकटोक आयी। पर आज वैसा कुछ नहीं है। आज उस चमकदार अतीत का वर्तमान खंडित है।

मेहताब आलम व सर्वमित्रा सुरजन ने तथ्यों व तर्कों के साथ अपनी बात रखी। कार्यक्रम का संचालन पंकज शुक्ल ने किया।