Seat Living Bond : 30 लाख का सीट लिविंग बांड अब MP के मेडिकल छात्रों को नहीं भरना होगा!
Bhopal : मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्रों को अब 30 लाख रुपए का सीट लिविंग बांड जमा नहीं जमा करना होगा। सरकार ने इसे खत्म करने का फैसला किया है। सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिए जाएंगे। कहा जा सकता है कि मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए यह एक राहत भरी खबर है।
अब तक सरकारी और प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में कोई छात्र एमबीबीएस व बीडीएस की पढ़ाई किसी कारण से बीच में छोड़ता है, तो इसके एवज में उसे 30 लाख रुपए का बॉन्ड जमा करना होता था, जो अब नहीं करना होगा। आधिकारिक जानकारी के अनुसार अगले सत्र की काउंसलिंग में शामिल होने वाले छात्रों से सीट लिविंग बॉन्ड नहीं लिया जाएगा। ऐसा करने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है। अभी तक कोई भी स्टूडेंट काउंसलिंग के बॉन्ड अंतिम चरण के आखिरी दिन या पढ़ाई के दौरान सीट छोड़ता है तो उसे सीट लिविंग बॉन्ड देना होता था। अब नए सत्र से ऐसा नहीं होगा।
इस निर्णय का लाभ उन गरीब छात्रों को मिलेगा, जो कई बार सिर्फ इस वजह से दाखिला नहीं ले पाते, क्योंकि उनके पास बॉन्ड के तौर पर चुकाने के लिए भारी-भरकम राशि नहीं होती। साथ ही ऐसे छात्रों को भी फायदा मिलेगा, जो किसी कारणवश बीच में ही पढ़ाई छोड़ना चाहते है।
ऑल इंडिया और राज्य कोटा के छात्रों के लिए अलग-अलग मेरिट लिस्ट तैयार होती है। इसी आधार पर छात्र अलग-अलग राज्यों में शुल्क जमा करवाकर सीट आवंटित करवा लेते हैं। अपनी पसंद का कॉलेज मिलने के बाद सीट छोड़ देते हैं। इस कारण सीट खाली रह जाती थी। इसके चलते एनएमसी के निर्देश पर 2017 से पहले तक मप्र में 10 लाख रुपए सीट लीविंग बांड के तौर पर भरवाया जाता था। जिसे बढ़ाकर 30 लाख रुपए कर दिया गया था।
इस साल नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने भी इस मामले में दखल दिया था। एनएमसी ने 2024 की शुरुआत में कहा था कि ‘हमारे पास आयोग के पास इस बॉन्ड को लेकर ढेर सारी शिकायतें आई हैं। ये बताती हैं कि हालात कितने गंभीर हैं। इस नियम के कारण स्टूडेंट्स स्ट्रेस, एंग्जायटी और डिप्रेशन तक का शिकार हो रहे हैं। खासकर पीजी मेडिकल स्टूडेंट्स।’ इसके मद्देनजर NMC ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से मेडिकल कॉलेजं में सीट लीविंग बॉन्ड खत्म करने के लिए कहा था।