Sunita Williams: अंतरिक्ष में फंसी भारत की एक और बेटी सुनीता विलियम्स, सिर्फ 27 दिन का फ्यूल बाकी.

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Sunita Williams: अंतरिक्ष में फंसी भारत की एक और बेटी सुनीता विलियम्स, सिर्फ 27 दिन का फ्यूल बाकी.

सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर 5 जून को स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट से अंतरिक्ष गए थे. दोनों तब से ही इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर हैं. उन्हें 13 जून को वापस.लौटना था, लेकिन स्पेसक्राफ्ट में एक दिक्कत आने की वजह से लौट नहीं पा रहे हैं.भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स क्या अंतरिक्ष में फंस गई हैं? ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि उन्हें 13 जून को अंतरिक्ष से वापस पृथ्वी पर लौटना था, लेकिन अभी तक वो लौटी नहीं हैं. उनके साथ एक और अंतरिक्ष यात्री बुच विल्मोर भी वहां फंस गए हैं .

भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स बोइंग स्टारलाइनर स्पेस शिप में खराबी की वजह से अंतरिक्ष में फंस गई हैं और इस वक्त नासा ने सुनीता विलियम्स और एक अन्य अंतरिक्ष यात्री को चौथी बार धरती पर वापस लाने की योजना को स्थगित कर दिया है।

सुनीता विलियम्स के अंतरिक्ष में फंसने से भारतीय मूल की एक अन्य अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला की याद ताजा हो गई है, जिनकी घर वापसी के दौरान एक त्रासदी में जिंदगी खत्म हो गई थी।

Sunita Williams: अंतरिक्ष में फंसी भारत की एक और बेटी सुनीता विलियम्स, खतरे में जिंदगी? कल्पना चावला आईं याद | Sunita Williams stranded in space after NASA delays Starliner's ...

आपको बता दें, कि मशहूर अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बैरी विल्मोर अंतरिक्ष में फंसे हुए हैं। फ्लोरिडा से इनके स्पेस शिप को लॉन्च किया गया था और वो 7 जून को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचे थे। वे बोइंग के क्रू फ्लाइट टेस्ट का हिस्सा हैं, जो इंसानों को स्पेस ले जाना वाला इसका पहला मिशन है। उन्हें आठ दिनों तक स्पेस में रहना था, लेकिन उनकी वापसी अब अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई है।

अंतरिक्ष में खराब हो गया है स्पेस शिप

रिपोर्ट के मुताबिक, सुनीता विलियम्स को ले जाने वाला स्पेसशिप खराब हो गया है और जांच में पता चला है, कि अंतरिक्ष यान में पांच हीलियम लीक पाए गये हैं, जिससे अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी में देरी हो रही है। हीलियम अंतरिक्ष यान के रिएक्शन कंट्रोल सिस्टम (RCS) थ्रस्टर्स को सपोर्ट करता है, जिससे उन्हें फायर करने में मदद मिलती है।

स्टारलाइनर बोइंग का, कॉमर्शियल ह्यूमन-स्पेस ट्रांसपोर्ट में प्रवेश करने की पहली कोशिश है। एलन मस्क की अंतरिक्ष कंपनी स्पेसएक्स पहले से ही स्पेस टूरिज्म में काफी आगे है। स्पेसएक्स 2020 से ही मनुष्यों को अंतरिक्ष में भेज रहा है।

हालिया दिनों में बोइंग को क्वालिटी कंट्रोल में लापरवाही के लिए काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है। इससे पहले जनवरी में 16,000 फीट की ऊंचाई पर बोइंग 737 मैक्स 9 अलास्का एयरलाइंस जेट का एक डोर प्लग टूट गया था, जिसकी वजह से विमान में एक बड़ा छेद हो गया था। वहीं, कंपनी में काम करने वाले एक पूर्व अधिकारी ने व्हिसलब्लोअर्स बनकर बोइंग पर क्वालिटी बनाए रखने के मामले में कोताही बरतने का आरोप लगाते हुए गवाही दी है। कंपनी ने अभी तक यह टिप्पणी नहीं की है, कि क्या स्टारलाइनर का स्पेस में फंसना भी क्या घटिया टेक्नोलॉजी का नतीजा है?

सुनीता विलियम्स की यह पहली अंतरिक्ष यात्रा नहीं है। उन्हें 1998 में नासा की तरफ से अंतरिक्ष यात्रा के लिए चुना गया था और उन्होंने स्टारलाइनर प्रोजेक्ट से पहले 322 दिन अंतरिक्ष में बिताए थे। वह एक पूर्व अमेरिकी नौसेना अधिकारी हैं और सबसे ज्यादा स्पेसवॉक करने का रिकॉर्ड उनके नाम हैं।

कल्पना चावला का हुआ था दु:खद अंत

कल्पना चावला 1997 में अंतरिक्ष में जाने वाली पहली भारतीय मूल की अमेरिकी महिला थीं। हरियाणा (भारत) के करनाल में जन्मी चावला की अंतरिक्ष यात्रा ने देश भर की हजारों लड़कियों के सपनों को पंख लगा दिए।

छह साल बाद चावला को STS-107 पर मिशन एक्सपर्ट के रूप में चुना गया। 1 फरवरी 2003 को कल्पना चावला की उस वक्त मौत हो गई थी, जब वो अंतरिक्ष यान से पृथ्वी के वायुमंडल में फिर से प्रवेश कर रही थीं, लेकिन कोलंबिया में धरती पर उतरते वक्त उनका स्पेस शिप हादसे का शिकार हो गया और उस स्सेपशिप में तैनात सभी सात अंतरिक्ष यात्री मारे गए थे। इस घटना से पूरा देश शोक में डूब गया था।

2003 अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी (NASA) के लिए एक स्वर्णिम वर्ष साबित हो रहा था। छह अंतरिक्ष यान मिशनों की योजना बनाई गई थी, जिनमें से पांच मिशन इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के निर्माण के काम में लगे हुए थे। लेकिन, कल्पना चावला वाले मिशन के फेल होना नासा के लिए एक बड़ा झटका था।

इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में ही रहना होगा

नासा के मुताबिक, फिलहाल  इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में ही रहना होगा और स्टारलाइनर में गड़बड़ी को ठीक करने तक उनकी वापसी को स्थगित कर दिया गया है। जिसके बाद नासा ने कहा है, कि दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को कम से कम तीन हफ्ते कर स्पेस स्टेशन पर ही रहना होगा।

नासा के वाणिज्यिक क्रू कार्यक्रम के प्रबंधक स्टीव स्टिच ने गहन समीक्षा प्रक्रिया के महत्व पर बल देते हुए कहा, कि “हम छोटे हीलियम सिस्टम लीक और थ्रस्टर प्रदर्शन के प्रबंधन के संबंध में फैसला लेने में डेटा को प्राथमिकता दे रहे हैं, जिसे हमने मुलाकात और डॉकिंग के दौरान देखा था।”

रिपोर्ट के मुताबिक, देरी के बावजूद, स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान को यदि आवश्यक हो तो आपातकालीन वापसी के लिए मंजूरी दी गई है। मिशन प्रबंधक अब 2 जुलाई को दो नियोजित स्पेसवॉक के बाद दोनों अंतरिक्षयात्रियों की वापसी के मौकों का मूल्यांकन कर रहे हैं।

हालांकि, इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर अगस्त महीने के मध्य तक पर्याप्त भोजन मौजूद है, लिहाजा उनकी वापसी को लेकर कोई जल्दबाजी नहीं है और नासा ने कहा है, कि वो मिशन को लेकर आगे अपडेट देता रहेगा।