इंदौर में 51 लाख पौधारोपण: दक्षिण-पूर्व दिशा सही स्थान

मौसमी दृष्टिकोण: उत्तर -पश्चिम से आती हैं ठंडी हवाएं और पूर्व दक्षिण से गरम 

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इंदौर में 51 लाख पौधारोपण: दक्षिण-पूर्व दिशा सही स्थान

दिनेश सोलंकी की खास रिपोर्ट 

यह खुशी की बात है कि प्रदेश के नगरीय विकास और आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इस मौसम में इंदौर शहर में 51 लाख पौधे लगाने की बात कही है लेकिन यह पौधे मौसम विश्लेषण मान से दक्षिण- पूर्व दिशा में रोपना ही गर्मी के बढ़ते प्रकोप को रोकने के लिये फायदेमंद होगा।

इस साल इंदौर में बढ़ते तापमान को देखते हुए मंत्री कैलाश

विजयवर्गीय का दर्द छलका है और उन्होंने इंदौर में 51 लाख पौधे रोपने का लक्ष्य निर्धारित किया है। लेकिन इसके लिये जरुरी होगा इतनी विशाल संख्या में पौधों की सुरक्षा और उनका सही दिशा में रोपण होना। यह ध्यान रखे जाने योग्य बात है कि भारत में पश्चिम और उत्तर दिशा से ठण्डी हवाओं का दौर चलता है जबकि दक्षिण पूर्व दिशा से गरम हवाओं का। यदि पौधे इंदौर सहित अनेक शहरों या गांवों में रोपे जाएं तो उनकी सही दिशा दक्षिण-पूर्व हो सकती है। क्योंकि गर्मी का तापमान इन्हीं दिशाओं से गरम थपेड़े बढ़ाते हैं। यदि दक्षिण-पूर्वी दिशाओं में पौधे रोपें जाएंगे तो बड़े होने पर वृक्ष ग्रीष्म ऋतु में गर्म हवाओं को रोकेंगे या सोखेंगे। इससे हमें न सिर्फ गरम हवाओं से वृक्ष सुरक्षित रखेंगे, बल्कि ठण्डी हवाओं का स्पंदन भी होगा। इसके विपरीत यदि पौधारोपण उत्तर-पश्चिम दिशा में किया गया तो यह कारगार सिद्ध नहीं होगा।

अक्सर यह देखा जाता है कि शीत ऋतु में जब पश्चिम दिशा से सर्दीली हवाएं भारत में आती हैं तो कई वृद्धजन इससे दिल का दौरा पड़ने से शिकार हो जाते हैं। ऐसे में बहुतायत पौधे रोपें गए तो ठंडी हवाओं का असर वर्षा ऋतु से ही शुरु हो सकता है जो ठण्ड आते आते और भी मनुष्य के शरीर पर विपरीत प्रभाव डालेंगी। इसलिये मंत्री कैलाश विजयवर्गीय से अपेक्षा की जानी चाहिये कि वे इंदौर सहित प्रदेश के अन्य शहरों में भी दक्षिण-पूर्व दिशा में ही पौधारोपण करने के प्रयास करें, उसके दीर्घकालीन नतीजे बेहतर साबित हो सकते हैं।