Puja Khedkar : करोड़ों की संपत्ति फिर भी नॉन क्रीमी लेयर में UPSC पास की, विकलांग सर्टिफिकेट भी गलत!
Mumbai : ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर फिर नए विवादों में घिर गई। अब उन पर फर्जी सर्टिफिकेट से यूपीएसएस परीक्षा पास करने का आरोप लगा है। साथ ही उन्होंने मेडिकल टेस्ट भी नहीं दिया। पूजा 2023 की IAS अफसर हैं और अहमदनगर की रहने वाली हैं।
यूपीएससी की परीक्षा में अमीर या गरीब नहीं देखा जाता। जो इस मुश्किल परीक्षा को पास कर लेता है, उसे नाम, शोहरत, सम्मान सब मिल जाता हैं। लेकिन, महाराष्ट्र कैडर की प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर ने यह सब पाने के लिए हथकंडे बाजी की और फंस गई। अब उनकी मुश्किलें बढ़ रही हैं।
पूजा खेडकर 2023 बैच की ट्रेनी आईएएस अधिकारी हैं। वे अक्सर अपनी वीवीआईपी मांगों को लेकर सुर्खियों में रही हैं। उन्होंने इस नौकरी को पाने के लिए जो कुछ किया है, वह और भी चौंकाने वाला है। प्राइवेट ऑडी पर लाल बत्ती लगाने और वीआईपी नंबर प्लेट मांगने को लेकर आलोचना झेल रहीं पूजा खेडकर ने यूपीएससी पास करने के लिए जिस कोटे का इस्तेमाल किया था, वो इस कोटे की हकदार ही नहीं थीं।
नॉन क्रीमी ओबीसी कोटे में सिलेक्शन
यूपीएससी परीक्षा में बैठने के लिए पूजा खेडकर ने खुद को नॉन क्रीमी ओबीसी कैंडिडेट बताया, जबकि उनके पिता ने चुनावी हलफनामे में कुछ और ही कहा। पूजा के पिता दिलीप कोंडिबा खेडकर ने लोकसभा चुनाव 2024 में वंचित बहुजन आघाड़ी के लिए महाराष्ट्र के अहमदनगर से चुनाव लड़ा था। उनके हलफनामे के अनुसार, उनके पास 40 करोड़ की संपत्ति है। ऐसे में सवाल उठता है कि अगर उनके पास 40 करोड़ की संपत्ति है तो उनकी बेटी पूजा ओबीसी की गैर-क्रीमी लेयर में कैसे आ गईं?
विकलांगता का सर्टिफिकेट भी फर्जी लगाया
पूजा खेडकर ने यूपीएससी को दिए अपने हलफनामे में खुद को विकलांग बताया था। इससे कम नंबर मिलने के बाद भी उनका यूपीएससी में सलेक्शन हो गया। सलेक्ट होने के बाद उनका मेडिकल जांच होना थी। लेकिन, वे टाल-मटोल करती रहीं। अलग-अलग कारणों से 6 बार मेडिकल टेस्ट कराने से मना कर दिया। पूजा का पहला मेडिकल टेस्ट दिल्ली AIIMS में अप्रैल 2022 में शेड्यूल हुआ था। उन्होंने कोविड पॉजिटिव होने का हवाला देकर इसमें शामिल होने से मना कर दिया था। ये साफ नहीं हुआ कि जब पूजा ने एग्जाम में शामिल होने से मना कर दिया था तो फिर सिलेक्शन क्यों और कैसे हुआ?
रिपोर्ट के मुताबिक, पूजा ने जुलाई और अगस्त में हुए टेस्ट शेड्यूल में भी शामिल होने से मना कर दिया था। सितंबर में हुए शेड्यूल टेस्ट को भी उन्होंने आधा अटेंड किया था। यही नहीं, पूजा MRI टेस्ट में भी शामिल नहीं हुई थीं। इस टेस्ट में इस बात की जांच होती है कि आप देख सकते हैं या नहीं।
उन्होंने बाहरी चिकित्सा एजेंसी से MRI रिपोर्ट जमा करने का विकल्प चुना, जिसे यूपीएससी ने मानने से मना कर दिया। बाद में यूपीएससी ने यह रिपोर्ट स्वीकार कर ली। लेकिन, अब मामला नए सिरे से खुलने से विवाद गहरा गया है।