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Major Changes Possible : मध्यप्रदेश मंत्रिमंडल में बड़ा उलटफेर संभव, सीनियर आएंगे और जूनियर हटेंगे!
Bhopal : डॉ मोहन यादव मंत्रिमंडल में फिर बड़ा फेरबदल होने की सुगबुगाहट है। कांग्रेस से आए रामनिवास रावत बना दिया गया, जबकि कमलेश शाह ने भी अमरवाड़ा जीतकर अपना दावा मजबूत कर लिया। उन्हें भी मंत्री बनाया जाना तय है। ऐसे में पार्टी में उभर रहे अंतर्विरोध को ठंडा करने के लिए मंत्रियों के लिए नया फार्मूला बनाया जा सकता है। जानकारी के मुताबिक, कुछ जूनियर मंत्रियों को निगम-मंडलों की जिम्मेदारी देकर कुछ सीनियर विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है।
लोकसभा चुनाव से पहले जातीय समीकरण का गणित बैठाने के लिए जिन जूनियर विधायकों को मंत्री बनाया गया था, उनमें से कुछ को निगम-मंडल में भेजने का फार्मूला बनाया जा रहा है। नई जिम्मेदारी के साथ उन्हें मंत्री का दर्जा भी दिया जाएगा, ताकि उनका कद बना रहे। ऐसे में कुछ सीनियर विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह दी है।
मंत्रिमंडल के विस्तार के संकेत इसलिए भी प्रबल हैं, क्योंकि 8 जुलाई को कैबिनेट मंत्री बनाए गए रामनिवास रावत को अब तक किसी विभाग की जिम्मेदारी नहीं दी गई। कैबिनेट में 3 पद अभी खाली हैं। कमलेश शाह के साथ 2 और विधायक मंत्री बनाए जा सकते हैं।
लेकिन, जातीय समीकरण साधने के लिए जिन्हें मंत्री बनाया गया था, वे अपेक्षाकृत कमजोर हो जाएंगे। ऐसे मंत्रियों में जो नाम सामने आ रहे हैं, वे हैं लखन पटेल, नारायण सिंह पवार, प्रतिभा बागरी, नारायण सिंह कुशवाह, दिलीप अहिरवार और धर्मेंद्र लोधी। ये वे नाम हैं जिन्हें उनके सामाजिक समीकरण की वजह से मंत्री पद दिया गया था ताकि लोकसभा चुनाव में इसका पार्टी को फ़ायदा मिले। इसलिए अब इन्हें निगम-मंडल में शिफ्ट करके इनकी जगह उन सीनियर असंतुष्टों को जगह दी जाएगी, जो कांग्रेस से आए नेताओं को मंत्री पद दिए जाने से नाराज हैं।
सिर्फ यही नहीं होगा। रतलाम-झाबुआ लोकसभा क्षेत्र से तीन विधायकों को जातीय समीकरणों की वजह से मंत्री बनाया गया। ये हैं चैतन्य काश्यप, निर्मला भूरिया और नागर सिंह चौहान। बदले समीकरणों में नागर सिंह चौहान या निर्मला भूरिया में से किसी एक को निगम-मंडल का रुख करना पड़ सकता है। नागर सिंह चौहान की पत्नी अनीता चौहान रतलाम से सांसद भी चुनी गई। इसलिए उनको निगम-मंडल में भेजे जाने की संभावना ज्यादा लग रही है।