Jammu : साल के पहले दिन तड़के मां वैष्णो देवी मंदिर में मची भगदड़ में 12 लोगों की मौत हुई। जिंदा बचे लोगों ने इस भगदड़ के लिए स्थानीय एजेंसियों के खराब इंतजामों और कुप्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया। भगदड़ के बीच बचे लोगों ने कहा कि नए साल के पहले दिन दर्शन को लेकर अचानक बड़ी तादाद में श्रद्धालु पहुंच गए। भारी भीड़ के बीच भगदड़ मची और लोग एक दूसरे के ऊपर कुचलते चले गए। इन लोगों ने इस भयावह घटना के लिए कुप्रबंधन को सबसे ज्यादा दोषी ठहराया।
श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने यह कहते हुए आरोपों का खंडन किया कि संभावित भीड़ के मद्देनजर सभी आवश्यक प्रबंध किए गए थे। जम्मू-कश्मीर के DGP दिलबाग सिंह ने कहा कि एक मामूली लड़ाई इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए जिम्मेदार है। हादसे में मारे गए अपने रिश्तेदार को पहचानने के लिए एक शवगृह के बाहर इंतजार कर रहे उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से आए एक तीर्थयात्री ने कहा कि इस हादसे का कारण केवल खराब इंतजाम है। एजेंसियों को भीड़ बढ़ सकने की जानकारी थी, लेकिन लोगों को बेरोकटोक आने की अनुमति दी गई।
एक शख्स ने बताया कि अगर संबंधित अधिकारियों ने तीर्थयात्रियों का बेहतर प्रबंधन किया होता, तो इस हादसे से बचा जा सकता था। ऐसी स्थिति कुछ मिनट पहले भी हुई थी, लेकिन सौभाग्य से कोई हताहत नहीं हुआ और हालात काबू में कर लिए गए थे। हम 10 श्रद्धालु साथ आए थे, सभी पड़ोसी हैं। भारी भीड़ के कारण भगदड़ मची, क्योंकि लोग अंदर-बाहर आ-जा रहे थे और हर कोई जल्दी में था। तीर्थयात्री ने कहा कि कई लोग वापस जाने के बजाय, जमीन पर आराम कर रहे थे और इसके कारण भवन में और भीड़ बढ़ गई।
बिहार के मुजफ्फरपुर की रानी देवी ने कहा कि वह भाग्यशाली हैं कि इस भगदड़ में उनकी मौत नहीं हुई। रानी देवी ने कहा कि उन्होंने कई लोगों को जमीन पर मृत पड़े देखा और और उनका दिल बुरी तरह टूट गया। उन्होंने इसके लिए भवन में श्रद्धालुओं की बेकाबू भीड़ को जिम्मेदार ठहराया। एक अन्य तीर्थयात्री आदित्य शर्मा ने कहा कि जमीन पर सो रहे कुछ लोग भगदड़ में कुचले गए। इस घटना के बाद कई तीर्थयात्रियों को दर्शन किए बिना ही मंदिर के आधार शिविर कटरा से लौटते देखा गया।
इस भगदड़ में अपने मित्र अरुण पी सिंह को खोने वाले एक युवक ने कहा कि वे उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से आए थे। उन्होंने कहा कि वो करीब 10 साल पहले मंदिर आया था, लेकिन इस बार भारी भीड़ देखकर हैरानी हुई। इस त्रासदी के बाद हम असहाय थे और हमें तड़के 6 बजे तक कोई मदद नहीं मिली।
तीन बच्चों समेत अपने परिवार के पांच अन्य सदस्यों के साथ यहां आईं रेखा ने कहा कि हम पठानकोट से हैं। हम भगदड़ के कारण दर्शन किए बिना ही लौट गए। मध्यप्रदेश में ग्वालियर के रहने वाले प्रेम सिंह ने कहा कि भवन में पूरी तरह से अव्यवस्था का आलम था। न तो तीर्थयात्रियों की संख्या पर प्रतिबंध था और न कोविड-19 दिशा-निर्देशों का पालन किया गया। सिंह ने दावा किया कि एक्सरे जांच केंद्र पर तैनात पुलिस कर्मी भारी भीड़ के आगे कुछ नहीं कर पा रहे थे।
भीड़ से हालात बिगड़े
बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि तीर्थयात्रियों की भीड़ के कारण सुरक्षा समेत पर्याप्त प्रबंध किए गए थे। DGP ने बताया कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि कुछ युवकों के बीच झगड़ा हुआ था। कुछ ही सेकेंड में भगदड़ के हालात बन गए। स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों और पुलिस ने तत्काल कार्रवाई की और भीड़ को तत्काल संभाला, लेकिन तब तक नुकसान हो चुका था। BJP के नेता और Ex MLA देवेंद्र सिंह राणा ने कहा कि यह इस मंदिर में हुई इस प्रकार की पहली घटना है। माता वैष्णो देवी तीर्थ क्षेत्र में भारी भीड़ के कारण मची भगदड़ में 12 लोगों की मौत हो गई है और 20 अन्य घायल हुए हैं। भगदड़ मंदिर के गर्भगृह के बाहर गेट नंबर तीन के पास हुई।