Virtual Record Room: अब मंत्रालय में बनेगा वर्चुअल रिकार्ड रुम, स्टोर और एक्सेस करना होगा आसान
भोपाल। मंत्रालय की फाइलें, इस्तावेज संधारित (स्टोर)करने के लिए अब वर्चुअल रिकार्ड रुम तैयार किया जाएगा। यहां मंत्रालय के पुराने रिकार्ड को आसानी से स्टोर किया जाएगा और उन्हें एक्सेस करना भी आसान होगा।
मंत्रालय में वर्ष 2018 में ई ऑफिस सॉफ्टवेयर का क्रियान्वयन शुरु किया गया है। इसके तहत सभी अभिलेख और नस्तियों के व्यवस्थित संधारण, प्रबंधन और रखरखाव के लिए दो मॉडयूल का उपयोग किया जा रहा है। इस समय जो पहला मॉडयलू है उसमें फाइल मैनेजमेंट सिस्टम लागू है। इसके तहत प्रचलित नस्तियों को इलेक्ट्रानिक (ई फाईल) रुप में चलाया जाता है या सिर्फ ई ऑफिस में पंजी कर नस्तियों को भौतिक (पी फाईल) रुप में चलाकर केवल उनकी ट्रेकिंग ई-आॅफिस पर की जाती है। ई फाईल ऑप्शन के अंतर्गत सभी नोटशीट,ड्रॉफट और पत्राचार भौतिक रुप में होते है और केवल नस्ती के नंबर और विषय से नस्ती की ट्रेकिंग ई ऑफिस पर होती है।
नॉलेज मैनेजमेंट सिस्टम के तहत संचालित दूसरे मॉडयूल में नस्तिबद्ध नोटशीट और पत्राचार को एक पीडीएफ डॉक्यूमेंट की तरह ओसीआर युक्त स्कैन कर मेटा डेटा के साथ ई ऑफिस के केएमएस मॉडयूल में अपलोड किया जाता है। यह डॉक्यूमेंट ई ऑफिस के केएमएस एप्लिकेशन में पीडीएफ डॉक्यूमेंट के रुप में ओपन होकर डाउनलोड या प्रिंट किया जा सकता है। यह डॉक्यूमेंट एक रिफरेंस डॉक्यूमेंट की तरह किसी ई फाईल में अटैच भी किया जा सकता है। केएमएस पर डॉक्यूमेंट का प्रबंधन, संग्रहण, संधारण, रिट्रीवल, सर्चिंग, रिफ्रेसिंग और शेयरिंग की सुविाधाएं उपलब्ध है।
अब जो तीसरा मॉडयूल मंत्रालय के दस्तावेजों को संंग्रहित करने के लिए शुरु किया जाएगा वह वर्चुअल रिकार्ड रुम(वीआरआर) होगा। इस मॉडयूल के अंतर्गत ई-ऑफिस में नस्तिबद्ध इलेक्ट्रानिक नस्त्यिों ई फाईल और पी फाईल्स को स्टोर और अर्काइव किया जा सकेगा वीआरआर में नस्तियों को आसानी से एक्सेस किया जा सकेगा।
इस तरह काम करेगा वर्चुअल रिकार्ड
रुम – ई फाईल्स नस्तिबद्ध होंने के बाद वीआरआर में सीधे जमा होंगी। जो पी फाइल्स अपने जीवनकाल में भौतिक रुप में रहती है उन्हें नस्तीबद्ध होंने पर उनकी ओसीआर युक्त स्केनिंग कर ई फाईल में कन्वर्ट किया जाएगा फिर उन्हें वीआरआर में जमा किया जाएगा। नस्तियां जो ई ऑफिस पर नहीं है भौतिक रुप से मैन्युअल चल रही है। उनका मूवमेंट अभी रजिस्टर से किया जाता है। अल्पकालिक महत्व की भौतिक नस्तियों को नस्तीबद्ध होंने पर बिना डिजिटाईज किए नष्ट किया जाएगा। वे भौतिक नस्तियां जिनका रिफरेंश डॉक्यूमेंट के रुप में उपयोग होगा उनमें केएमएस और एफएमएस मॉडयूल पर नस्तियों को ओसीआर स्कैनिंग करके ई ऑफिस के इन दोनो मॉडयूल पर मेटाडेटा के साथ अपलोड किया जाएगा।
सत्तर हजार नस्तियां केएमएस पर
सतपुड़ा भवन में रिकार्ड रुप में रखी हुई भौतिक नस्तियों में से सत्तर हजार को केएमएस पर अपलोड किया जा चुका है। मंत्रालय के सारे विभाग नस्तिबद्ध भौतिक नस्तियों की स्कैनिंग और ई ऑफिस के केएमएस मॉडयूल पर अपलोड कराने के लिए 31 जनवरी 2025 तक सतपुड़ा स्थित रिकार्ड रुप में जमा कर सकेंगे। इसके बाद स्कैनिंग और एफएमएस पर विभाग स्वयं अपलोड करेंगे।
भैतिक नस्तियां जिन पर वर्तमान में काम जारी है उन्हें 31 अक्टूबर 2024 तक ई ऑफिस पर रजिस्ट्रेशन के बाद फाइल मैनेजमेंट सिस्टम पर ई फाईल और पी फाईल मोड में चलाना होगा ताकि भविष्य में नस्तीबद्ध होंने पर उन्हें वीआरआर में भेजा जा सकेगा। 31 अक्टूबर 2024 के बाद किसी भी नवीन नस्ती का पंजियन भौतिक पंजी में नहीं किया जाएगा। केवल एफएमएस पर ई और पी फाईल मोड में ये प्रारंभ होंगी। नस्तिबद्ध नस्तियों की स्कैनिंग, डिजिटाइलेशन और केएमएस एफएमएस पर अपलोड, माइग्रेट करने के बाद विभाग भौतिक प्रतियों के साथ सत्यापित करेगा फिर उन्हें नष्ट किया जाएगा। ये फाइले वीआरआर में जमा होंगी और भौतिक भाग विभाग नष्ट करेगा। भविष्य में भौतिक रिकार्ड रुम की व्यवस्था समाप्त हो जाएगी।