RERA Act : रेरा एक्ट के मुताबिक अध्यक्ष, सदस्य एवं अधिकारियों के खिलाफ कोई वाद, अभियोजन कार्यवाही नहीं हो सकती!

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RERA Act : रेरा एक्ट के मुताबिक अध्यक्ष, सदस्य एवं अधिकारियों के खिलाफ कोई वाद, अभियोजन कार्यवाही नहीं हो सकती!

‘रेरा’ के सचिव ने डीजीपी को पत्र लिखकर सूचित किया और मामलों पर स्पष्टीकरण दिया!

Bhopal : मध्य प्रदेश रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (रेरा) के चेयरमैन एपी श्रीवास्तव के खिलाफ आर्थिक अपराध शाखा (EOW) में शिकायत दर्ज हुई है। उन पर भ्रष्टाचार और नियमों के उल्लंघन के आरोप हैं। ये शिकायत समाजसेवी प्रभाष जेटली ने दर्ज कराई है। जिसमें श्रीवास्तव पर रेरा में नियुक्तियों में गड़बड़ी करने और एक बिल्डर से आवासीय प्लाट लेने जैसे आरोप लगाए हैं।

इसके बाद अब ‘रेरा’ के सचिव डीवी सिंह ने पुलिस महानिदेशक, ईओडब्ल्यू को पत्र लिखा है। इसमें रेरा अधिनियम की धारा-90 के उपबंध का हवाला देते हुए कहा गया कि प्राधिकरण में नियुक्त अध्यक्ष, सदस्य एवं अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कोई वाद, अभियोजन या अन्य विधिक कार्यवाही नहीं हो सकती।

पत्र में लिखा है कि मे. एजी-8 वेंचर्स प्रालि द्वारा आकृति अक्वा सिटी परियोजना के पंजीयन का रिवोकेशन करने के लिए मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई थी, जिसे उच्च न्यायालय द्वारा 11 मई 2022 को प्रारंभिक स्तर पर ही निरस्त कर दिया गया था। वहीं मे. एजी – 8 वेंचर्स प्रा.लि. की अन्य 10 परियोजनाओं के संबंध में प्राधिकरण द्वारा पारित प्रतिबंधात्मक आदेशों के विरुद्ध मे. एजी-8 वेंचर्स प्रालि मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय में 10 याचिकाएं दायर की गई थीं, जिनका निराकरण प्रारंभिक स्तर पर ही निरस्त किया था।

राज्य शासन के परामर्श से नियुक्ति प्रक्रिया

सचिव ने पत्र में आगे लिखा कि प्राधिकरण में राज्य शासन के अधिकारियों व कर्मचारियों की सेवाएं प्रतिनियुक्ति पर प्राप्त करने के संबंध में ‘रेरा’ अधिनियम की धारा-28 में प्रावधान किए गए हैं। प्राधिकरण में पदस्थ होने वाले न्याय निर्णायक अधिकारियों की नियुक्ति संबंधी प्रावधान रेरा अधिनियम की धारा – 71 में किए गए हैं, जिससे स्पष्ट है कि प्राधिकरण में न्याय निर्णायक अधिकारियों की नियुक्ति प्राधिकरण द्वारा ही की जाएगी और नियुक्ति प्रक्रिया में केवल राज्य शासन का परामर्श प्राप्त किया जाएगा।