सिटी अस्पताल में तोड़फोड़ और मारपीट करने वाले 50-60 लोगों पर बलवा दर्ज, वीडियो फुटेज देखकर आरोपियों की होगी पहचान

56

सिटी अस्पताल में तोड़फोड़ और मारपीट करने वाले 50-60 लोगों पर बलवा दर्ज, वीडियो फुटेज देखकर आरोपियों की होगी पहचान

गत दिवस देर रात हादसे में युवक की मौत के बाद सिटी अस्पताल पर भीड़ ने किया था हमला

भोपाल। नाबालिग कार चालक द्वारा बाइक सवार युवक को कुचलने के बाद बस्ती के लोगों द्वारा सिटी अस्पताल में की गई तोड़फोड़ के मामले में गोविंदपुरा पुलिस ने अज्ञात 50 -60 लोगों के खिलाफ बलवा व मारपीट करने का प्रकरण दर्ज कर लिया है। पुलिस को अस्पताल प्रबंधन ने वीडियो फुटेज उपलब्ध कराए हैं। अब पुलिस जल्द ही आरोपियों की पहचान की जाएगी। हंगामे के बाद से ही अस्पताल के बाहर पुलिस तैनात की गई है। आज सुबह मृतक युवक का पीएम कराया गया। वहीं, शनिवार सुबह पीएम के बाद मृतक के परिजन और परिचित फिर से सिटी अस्पताल पहुंचे और वहां पर उन्होंने प्रदर्शन कर जमकर हंगामा किया।

गोविंदपुरा थाना पुलिस के अनुसार हादसा शुक्रवार रात साढ़े 8 बजे गोविंदपुरा क्षेत्र के शांति निकेतन के सामने तिराहे पर हुआ। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक कार की रफ्तार इतनी तेज थी कि करीब 10 मीटर तक युवक को घसीटते हुए ले गई। घायल को तत्काल पास ही सिटी हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद युवक के परिजन और उनके साथ गए लोगों की भीड़ उग्र हो गई।

पुलिस ने बताया कि सड़क हादसे में राकेश की मौत की सूचना मिलने के बाद उसके परिजन और उनके साथ मौजूद भीड़ उत्तेजित हो गई। परिजन ने अस्पताल प्रबंधन पर इलाज न करने का आरोप लगाया। स्टॉफ ने जब इसका विरोध किया, तो बेकाबू भीड़ ने अस्पताल में तोड़फोड़ शुरू कर दी। अस्पताल में हो रही तोडफोड़, पथराव के बीच खुद को सुरक्षित करने अस्पताल के डायरेक्टर और स्टॉफ, वर्क स्टेशन छोडकर अस्पताल के पास ही बने अपने घर पहुंचे। अस्पताल में डॉक्टर के नहीं होने की सूचना मिलते ही भीड़ ने हॉस्पिटल डायरेक्टर के फर्स्ट फ्लोर स्थित मकान पर पथराव शुरू कर दिया।
बचाव में किया फायर

घर में घुसी बेकाबू भीड़ के हमले से खुद को और परिवार को सुरक्षित करने के लिए पिस्टल से फायरिंग की गई। इससे भीड़ हॉस्पिटल डायरेक्टर के घर और अस्पताल के सामने से भाग खड़ी हुई। सूचना मिलने पर पहुंची गोविंदपुरा पुलिस ने सडक के दूसरी ओर खड़े उपद्रवियों को खदेड़ा। पुलिस ने बताया कि अस्पताल के डायरेक्टर की ओर से बताया गया कि टॉय गन से फायर किया गया था। घर में घुसी भीड़ को भगाने के लिए टिकली गन (टॉय गन) से फायरिंग की थी। पिस्टल से गोली नहीं चलाई है। यह सब उस स्थिति में किया जब भीड़ घर में घुसकर मुझे और मेरे परिवार के सदस्यों पर हमला कर रही थी। देर रात घटना के बाद पुलिस ने घटनास्थल से टॉय गन के डमी कारतूस के 2 खाली खोखे बरामद किए गए हैं। इनकी फोरेंसिक जांच कराई जाएगी। ताकि पता चल सके कि शुक्रवार देर शाम अस्पताल पर हुए पथराव के बाद की गई फायरिंग में चली हुई गोलियां हैं या पहले से चले हुए कारतूस वहां फेंके गए हैं।