Ganesh Immersion Tableaux : इंदौर में शांति से निकली झांकियां, कहीं पुंगी नहीं बजी, कलेक्टर की सख्ती का असर!

शहर ने रतजगा किया, कहीं कोई गड़बड़ी नहीं, निर्धारित समय पर गंतव्य तक पहुंची!

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Ganesh Immersion Tableaux : इंदौर में शांति से निकली झांकियां, कहीं पुंगी नहीं बजी, कलेक्टर की सख्ती का असर!

Indore : गणेश विसर्जन की झांकियों का इस बार 101 वर्ष था, जो खुशी और उत्साह से मनाया गया। परंपरागत तरीके से झांकियां निकली और समय पर अपने गंतव्य पर पहुंच गई। शहर ने पूरी रात जागरण किया। कहीं कोई गड़बड़ी होने की खबर नहीं है। हर वर्ष रंग पंचमी की गैर और अनंत चतुर्दशी के चल समारोह के दौरान हुड़दंगबाजियों द्वारा बजाई जाने वाली पुंगी परेशानी का सबब बनती जा रही थी। इस बार कहीं से पुंगी की आवाज सुनाई नहीं दी।

मनचलों और हुड़दंगबाजियों द्वारा समूह में पुंगी बजाकर लोगों को परेशान किया जाता रहा है। इसके साथ ही छेड़छाड़ की भी घटनाएं होती थी। कलेक्टर आशीष सिंह ने इस पर सख्ती बरती और अनंत चतुर्दशी के लिए बुलाई गई बैठक में पुलिस अधिकारियों जिला प्रशासन नगर निगम के अधिकारियों को स्पष्ट चेता दिया था कि इस बार पुंगी बजाने वालों पर सख्त कार्यवाही करें।

कलेक्टर की सख्ती का असर आज पूरे झांकी मार्ग पर दिखाई दिया। सड़क किनारे पर लगने वाली दुकानों पर पुंगी जरूर दिखाई दी, लेकिन बिकी नही और न कहीं कोई पुंगी बजाते हुए दिखाई दिया। लोगों ने इससे राहत की सांस ली और कलेक्टर को धन्यवाद दिया।

 

6 किमी का झांकी मार्ग समय पर पूरा हुआ

इंदौर में अनंत चतुर्दशी की झांकियां शांति से निकली। यह झांकियों का 101वां साल था। झांकियों की शुरुआत हर साल की तरह शाम 6 बजे भंडारी ब्रिज (चिकमंगलूर चौराहा) से हुई। सबसे आगे खजराना गणेश की झांकी रखी गई। इन झांकियों का रूट 6 किलोमीटर का था।

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सबसे आगे चल रही खजराना गणेश की झांकी सुबह 5 बजे अपने गंतव्य भंडारी मिल चौराहे पर पहुंची। इसी समय चिकमंगलूर चौराहे से राजकुमार मिल की झांकी रवाना हुई। झांकियों के साथ चल रहे अखाड़ों के कलाकार हैरतअंगेज करतब दिखाए। इस बीच रात 2.15 बजे राजवाड़ा के आसपास हल्की बारिश शुरू हो गई। लेकिन लोगों का उत्साह कम नहीं हुआ।

कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय भी झांकी में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने भजन भी गाया। झांकियां और करतब देखने के लिए पूरे इंदौर ने रतजगा किया। जुलूस एमजी रोड, कृष्ण पुरा, राजबाड़ा होते हुए पश्चिम क्षेत्र के बाजार में पहुंचा। यहां से झांकियां फिर अपने-अपने ठिकानों पर लौट गईं।