IC’s New Demands: अब सूचना आयुक्तों को बंगला,नई गाड़ी और सुविधाओं की दरकार,सवा 2 लाख वेतन, 50 प्रतिशत DA,16 प्रतिशत HRA

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IC’s New Demands: अब सूचना आयुक्तों को बंगला,नई गाड़ी और सुविधाओं की दरकार,सवा 2 लाख वेतन, 50 प्रतिशत DA,16 प्रतिशत HRA

भोपाल: राज्य सूचना आयोग में मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्तों की नियुक्ति के बाद यहां लंबित सोलह हजार से अधिक लंबित अपीलों पर सुनवाई करने के लिए मुख्य सूचना आयुक्त ने सूचना आयुक्तों को संभागों का वितरण कर दिया है। अक्टूबर के पहले सप्ताह में सुनवाई शुरु हो जाएगी। आयुक्तों को हर माह लगभग 3 लाख 69 हजार 500 रुपए वेतन-भत्तों के रुप में मिलेगा। सुनवाई शुरु करने के पहले यहां नियुक्त हुए सूचना आयुक्तों को सरकारी बंगले, नई गाड़ी, आॅनलाईन सुनवाई के लिए सारी सुविधाओं से युक्त कम्प्यूटर सिस्टम, बेहतर टॉयलेट जैसी सुविधाओं की दरकार है।

राज्य सूचना आयोग में नियुक्त मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्तों को नियमानुसार हर माह दो लाख 25 हजार रुपए वेतन के रुप में प्राप्त होंगे। वेतन के अलावा उन्हें हर माह वेतन का पचास फीसदी राशि याने एक लाख 12 हजार 500 रुपए महंगाई भत्ते के रुप में दिए जाएंगे। जो सूचना आयुक्त स्वयं के आवास में रह रहे है उन्हें हर माह वेतन का सोलह प्रतिशत याने 36 हजार रुपए मासिक की दर से मकान किराया भत्ता भी प्राप्त होगा। याने लगभग 3 लाख 73 हजार 500 रुपए का भुगतान सूचना आयुक्तों को किया जाएगा। इसके अलावा प्रत्येक सूचना आयुक्त को सुविधाओं के अलावा इन सभी को एक प्रवाचक, एक कम्प्यूटर आॅपरेटर और एक भृत्य की सुविधा भी मिलेगी। इसके अलावा चिकित्सा सुविधा, छुट्टी और अर्जित छुट्टी के बदले नगदीकरण की सुविधा भी मिलेगी।

केवल एक सूचना आयुक्त ने मांगा सरकारी बंगला-
प्रदेश के मुख्य सूचना आयुक्त विजय यादव बाग मुगालिया स्थित अरविंद विहार में रहते है। सूचना आयुक्त डॉ वंदना गांधी जेके रोड पर मिनाल रेसीडेंसी में और ओंकार नाथ शिवाजी नगर स्थित डी 102/17 स्थित आवास में रह रहे है। केवल सूचना आयुक्त डॉ उमाशंकर पचौरी के पास कोई आवास नहीं है इसलिए वे सरकारी रेस्ट हाउस में रह रहे है। उनके लिए सरकारी बंगले की मांग सामान्य प्रशासन और गृह विभाग के पास आई है। जो सूचना आयुक्त सरकारी बंगलों का लाभ नहीं लेंगे उन्हें हर माह 36 हजार रुपए का एचआरए नियमानुसार दिया जाएगा।

पुरानी गाड़ियों में ही घूमना होगा-
राज्य सूचना आयुक्त में नियुक्त सूचना आयुक्त चाहते है कि उन्हें नये वाहन प्रदाय किए जाए। लेकिन इसमें वित्त विभाग का नियम आड़े आ गया है। वित्त विभाग ने कहा है कि यदि कोई वाहन एक लाख पचास हजार किलोमीटर चल चुका हो तो उसे राइट आॅफ कर नया वाहन लिया जा सकता है। आयोग के पास एक पूल वाहन और छह अन्य वाहन है। यहां अधिकांश वाहन 2014 के है। कोई भी वाहन निर्धारित सीमा से अधिक नहीं चला है। इसलिए वित्त विभाग ने नये वाहन की खरीदी की अनुमति नहीं दी है। इसलिए अब पुराने वाहनों से ही सूचना आयुक्तों को घूमना होगा। हालाकि इन वाहनों पर नये सीट कव्हर,डेंटिंग-पेंटिंग और अन्य जरुरी मरम्मत की जाएगी।

आॅनलाईन सुनवाई के लिए कम्प्यूटर और खराब शौचालय बदलेंगे-
राज्य सूचना आयोग में कोरोना काल के दौरान दो कोर्ट में आॅनलाईन सुनवाई के लिए पूरा सिस्टम लग चुका है। अब दो और कोर्ट में आॅनलाईन सुनवाई के लिए कम्प्यूटर, कैमरे, स्पीकर सहित पूरा सिस्टम लगाया जाएगा। सूचना आयुक्तों के कक्ष में जहां भी टायलेट खराब है और कक्ष में कमियां है उन्हें लोकनिर्माण विभाग ठीक करेगा।

कौन कहां की करेगा सुनवाई-
मुख्य सूचना आयुक्त विजय यादव भोपाल, उज्जैन और शहडोल, सूचना आयुक्त डॉ वंदना गांधी ग्वालियर-चंबल, सागर, डॉ उमाशंकर पचौरी इंदौर और नर्मदापुरम तथा ओंकार नाथ जबलपुर और रीवा संभाग के अंतर्गत आने वाले जिलों की अपीलों की सुनवाई करेंगे।

कहां कितने प्रकरण लंबित-
सूचना आयोग में सोलह हजार से अधिक प्रकरण लंबित है इनमें अगस्त माह तक की 15 हजार 697 अपील और 1153 शिकायतें है। इसके बाद लगातार अपील और शिकायतें आ रही है जिसकी संख्या सोलह हजार से अधिक हो गई है।